Nainital में काट डाले संरक्षित प्रजाति के हरे पेड़, NGT ने अपनाया गंभीर रुख, रिपोर्ट दाखिल करने के दिए निर्देश
एनजीटी (NGT) के आदेश के बाद वन महकमे ने शिकायतकर्ता के साथ मौका मुआयना कर जांच आरंभ कर दी है। कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने भी अपर आयुक्त जीवन सिंह नग्नयाल को अपना प्रतिनिधि नामित किया है। अगली सुनवाई 24 नवंबर को नियत की गई है।

किशोर जोशी, नैनीताल: सरोवर नगरी में व्यावसायिक व निजी निर्माण के लिए बांज, सुरई समेत अन्य संरक्षित प्रजातियों के हरे पेड़ों को काटने का नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल(एनजीटी) ने संज्ञान लिया है। एनजीटी ने प्रमुख वन संरक्षक, कुमाऊं कमिश्नर व राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी को अपना प्रतिनिधि नामित करते हुए जांच कर रिपोर्ट दाखिल करने के आदेश पारित किए हैं।
अगली सुनवाई 24 नवंबर को
एनजीटी के आदेश के बाद वन महकमे ने शिकायतकर्ता के साथ मौका मुआयना कर जांच आरंभ कर दी है। कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने भी अपर आयुक्त जीवन सिंह नग्नयाल को अपना प्रतिनिधि नामित किया है। अगली सुनवाई 24 नवंबर को नियत की गई है।
नैनी झील के जलग्रहण क्षेत्र को भी खतरा
मल्लीताल बड़ा बाजार निवासी व्यापारी नेता विवेक वर्मा ने इसी साल अप्रैल में एनजीटी को पंजीकृत डाक से शिकायती पत्र भेजा था। जिसमें कहा गया था कि हाल के वर्षों में नैनीताल शहर से सटे वन क्षेत्रों में हरे पेड़ों को अनधिकृत तरीके से काटकर पर्यावरण की क्षति की जा रही है। काटे गए पेड़ों में अधिकांश संरक्षित प्रजाति के हैं। पेड़ों के अवैध कटान से वन क्षेत्र सिमट रहा है। नैनीताल की झील शहर से सटे वन क्षेत्रों से ही रिचार्ज होती है, इसलिए पेड़ों की अवैध कटाई से वन क्षेत्र नष्ट होने के साथ ही नैनी झील के जलग्रहण क्षेत्र के समाप्त होने का भी खतरा है।
एनजीटी ने शिकायती पत्र को जनहित याचिका में बदला
एनजीटी ने इस शिकायती पत्र का जनहित याचिका के रूप में संज्ञान में लिया है। एनजीटी के न्यायमूर्ति व न्यायिक सदस्य अरुण कुमार त्यागी, विशेषज्ञ सदस्य डा. अफरोज अहमद ने पत्र में उठाए गए बिंदुओं को प्रथमदृष्टया बेहद गंभीर माना है। इसे राष्ट्रीय हरित अधिकरण अधिनियम- 2010 की अनुसूची-एक में निर्दिष्ट अधिनियमों के अधीन रखा है।
संयुक्त समिति से दस्तावेजों के साथ मांगी रिपोर्ट
एनजीटी ने पत्र की शिकायतों की तथ्यात्मक स्थिति को सत्यापित करने व उपचारात्मक कार्रवाई करने के लिए एक संयुक्त समिति का गठन करने का आदेश पारित किया है। जिसमें प्रमुख वन संरक्षक, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, कुमाऊं कमिश्नर से दो सप्ताह के भीतर बैठक करने, साइट का दौरा कर आवेदक की शिकायतों को देखने, आवेदक को संबद्ध करने, तथ्यात्मक स्थिति की पुष्टि करने और उचित उपचारात्मक कार्रवाई करने आदेश पारित किए हैं। एनजीटी ने समिति से दो महीने के भीतर अपनी तथ्यात्मक और कार्रवाई की रिपोर्ट जमा करना के निर्देश दिए हैं। साथ कमेटी में समन्वय और आदेश अनुपालन के लिए राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नोडल एजेंसी बनाया है।
वन महकमे में खलबली, जांच शुरू
शहर में वैध-अवैध निर्माणों के लिए संरक्षित प्रजाति बांज, सुरई, देवदार आदि के पेड़ों को काटने का एनजीटी के संज्ञान लेने पर वन महकमे में खलबली मच गई है। याचिकाकर्ता व पर्यावरण प्रेमी व्यापारी विवेक वर्मा को साथ लेकर डीएफओ के प्रतिनिधि वन क्षेत्राधिकारी नगरपालिका रेंज प्रमोद तिवारी ने संबंधित क्षेत्र का दौरा किया है। विवेक के अनुसार धामपुर बैंड के पास, अयारपाटा, अमरालय, अरोमा होटल व अरविंद आश्रम क्षेत्र में हरे पेड़ काटे गए। वन विभाग ने खानापूर्ति करने के लिए चंद मामलों में जुर्म भी काटा है।
एनजीटी ने नैनीताल में निर्माण के लिए हरे पेड़ों को काटने का संज्ञान लिया है। संयुक्त समिति बनाई गई है। अपर आयुक्त को कमेटी के लिए नामित किया है। खुद भी वस्तुस्थिति का जायजा लूंगा और तय समय में रिपोर्ट एनजीटी को भेजी जाएगी।
-दीपक रावत, कुमाऊं कमिश्नर

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