'विपिन इज नो मोर'... इजराइल सेना का घर पर आया फोन, हमास ने मार डाला
नेपाल के बैतड़ी जिले का एक युवक, जो इजराइल में कृषि की पढ़ाई कर रहा था, हमास द्वारा बंधक बना लिया गया था। दूतावास ने परिवार को सूचित किया कि विपिन अब नहीं रहे। इजराइल का कहना है कि गाजा की सुरंगों में विपिन नहीं मिला, जबकि परिवार को उसके जीवित होने की उम्मीद है। विपिन दो साल पहले 'अर्न एंड लर्न' स्कीम के तहत इजराइल गया था।

नेपाल के बैतड़ी जिले के युवक को हमास ने बनाया बंधक। फाइल फोटो
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संवाद सूत्र, जागरण झूलाघाट। भारत की सीमा से लगे नेपाल के बैतड़ी जिले के दोगडाकेदार गांवपालिका रीम पुख्योली निवासी युवक इजरायल में पढ़ाई करने के दौरान हमास ने बंधक बना दिया था। इधर बंधकों की रिहाई के बाद स्वजनों को युवक के वापस लौटने की आस जगी थी, परंतु नेपाल राजदूतावास से सूचना मिली कि 'विपिन इज नो मोर'।
नेपाली युवक विपिन विगत दो वर्षों से इजराइल में कृषि की पढ़ाई कर रहा था। इजरायल और हमास के युद्ध में वह हमास द्वारा बनाए बंधकों में वह भी शामिल था। इस संबंध में उसके स्वजन लगातार प्रयास कर रहे थे । इजरायल के प्रधानमंत्री कार्यालय से दो अधिकारियों इजरायल स्थित नेपाल के नेपाल के राजदूत धन प्रसाद पंडित को सूचना दी गई कि 'विपिन इस नो मोर'। राजदूतावास से विपिन का हमास से मुक्त कराने के सिलसिले में नेपाल सरकार द्वारा अमेरिका भेजी गई विपिन की बहन पुष्पा जोशी, मां पदमा जोशी, महेंद्रनगर निवासी विपिन के चचेरे भाई किशोर जोशी को वीडिया कांफ्रेसिंग के माध्यम से यह सूचना दी गई।
इजरायल का कहना है कि इजराइली सेना द्वारा गाजा में बनाई गई सुरंगों में विपिन नहीं मिला। विपिन के स्वजनों का कहना है कि उन्हें विपिन के जिंदा होने के संकेत मिले हैंं, जब तक सभी बंदी रिहा नहीं हो जाते हैं तब तक वह विपिन के जिंदा होने की आस में हैं। उधर, इजरायल का कहना है कि सभी बंदी रिहा हो चुके हैं। विपिन अर्न एवं लर्न स्कीम के तहत दो वर्ष पूर्व इजरायल गया था।
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