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    छठवें वित्त आयोग की निकाय और पंचायत प्रतिनिधियो के साथ बैठक, मास्टर प्लान, शहरी विकास और स्व राजस्व बढ़ाने पर जोर

    Updated: Sat, 22 Nov 2025 04:23 AM (IST)

    छठवें वित्त आयोग ने निकाय और पंचायत प्रतिनिधियों के साथ बैठक में मास्टर प्लान, शहरी विकास और स्व राजस्व बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया। शहरी विकास योजनाओं को प्रभावी बनाने और स्व राजस्व में वृद्धि के उपायों पर चर्चा हुई।

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    जागरण संवाददाता, पिथौरागढ़। 6वें राज्य वित्त आयोग की जिला स्तरीय बैठक शुक्रवार को विकास भवन सभागार में आयोग के अध्यक्ष सेवानिवृत मुख्य सचिव रविशंकर की अध्यक्षता में आयोजित हुई। बैठक में नगर निकायों और जिला पंचायत प्रतिनिधियों के साथ चर्चा हुई। निकायो को मास्टर प्लान , शहरी विकास और स्व राजस्व बढ़ाने पर जोर दिया। वहीं पंचायत प्रतिनिधियों ने विकास हेतु बजट, योजनाओं की आवश्यकताओं और स्थानीय प्राथमिकता के सुझाव राज्य वित्त आयोग को दिए।

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    निकाया्ें के साथ बेठक में मेयर कल्पना देवलाल ने नगर निगम द्वारा किए जा रहे विकास कार्यों, नवाचारों और भविष्य की योजनाओं की जानकारी भी प्रस्तुत की। अध्यक्ष रवि शंकर ने कहा कि राज्य को प्राप्त वित्तीय संसाधनों का उपयोग सतत, पारदर्शी और परिणाम-केंद्रित तरीके से होना चाहिए। उन्होंने नगर निकायों से टैक्स कलेक्शन को तकनीक आधारित बनाने और केंद्र–राज्य योजनाओं के प्रभावी समन्वय पर जोर दिया।

    मास्टर प्लान @2045 तैयार करने पर जोर

    बैठक में आने वाले 20 वर्षों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए दोनों नगरों के लिए जीआइएस आधारित मास्टर प्लान @2045 तैयार करने की जरूरत पर बल दिया गया। आयोग का मत है कि जनसंख्या वृद्धि, यातायात दबाव और

    संसाधन प्रबंधन को देखते हुए विज्ञान-आधारित, संतुलित और योजनाबद्ध शहरी ढांचा आवश्यक है।
    अध्यक्ष ने कहा कि स्थानीय निकाय स्थायी और मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करें और स्व-राजस्व बढ़ाने के नए साधन अपनाएं। उन्होंने स्पष्ट किया कि निकाय निधियों का व्यय केवल आवश्यकता और परिणाम-आधारित कार्यों में ही किया जाना चाहिए, ताकि संसाधनों का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित हो सके।
    बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पिरुल ब्रिकेटिंग उत्पादन क्षमता बढ़ाना,स्वयं सहायता समूहों को आर्थिक रूप से मजबूत करना,सिटी बस सेवा शुरू करने की संभावनाएं,नई सार्वजनिक लाइब्रेरी निर्माण जेसे मुददों पर चर्चा की ।आयोग ने सामुदायिक परिसंपत्तियों के विकास को स्थानीय जरूरतों के अनुरूप प्राथमिकता देने की बात कही।

    सार्वजनिक पुस्तकालयों की जरूरीत पर डाला प्रकाश

    रवि शंकर ने जिले में सार्वजनिक पुस्तकालयों की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए सुझाव दिया कि राजकीय विद्यालयों को विद्यालय समय के बाद पब्लिक लाइब्रेरी के रूप में विकसित किया जा सकता है। उन्होंने इस दिशा में शीघ्र कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा।आयोग ने ग्रामीण क्षेत्रों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए व्यापक अभियान चलाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि कचरा निस्तारण से जुड़े व्यवहार में सुधार के लिए ग्राम स्तर पर जनसहभागिता अत्यंत आवश्यक है।

    बैठक में मेयर कल्पना देवलाल, नगरपालिका अध्यक्ष बेरीनाग हेमवती पंत, अध्यक्ष नगर पंचायत धारचूला शशि थापा, अध्यक्ष नगर पंचायत गंगोलीहाट विमल कुमार सिंह रावल, जिला विकास अधिकारी रमा गोस्वामी, जिला पंचायत राज अधिकारी हरीश आर्या सहित विभिन्न निकायों के प्रतिनिधि और पार्षदगण उपस्थित रहे।

    ये रहे मौजूद

    पंचायत प्रतिनिधियों के साथ बैठक में अध्यक्ष रविशंकर ने कहा कि राज्य से प्राप्त वित्तीय संसाधनों का उपयोग पारदर्शी , सतत और परिणाम केंदित होना चाहिए । जिला पचायत और निकाय योजनाओ के को तकनीक आधारित बनाने और केंद्र और राज्य योजनाओ के समन्वय को मजबूत बनाने पर जोर दिया ।
    प्ंचायत प्रतिनिधियो ने क्षेत्रीय विकास से जुड़े बजट , योजनाआ की जरुरत और स्थानीय प्राथमिकता से संबंधित सुझाव आयोग के समक्ष रखे। बेठक मे जिपं अध्यक्ष जितेंद्र प्रसाद , पूर्व जिपं अध्यक्ष दीपिका बोहरा , उपाध्यक्ष दीपिका चुफाल , डीडीओ रमा गोस्वामी , डीपीआआरओ हरीश् आर्या , सभी आठ ब्लाकों के ब्लाक प्रमुख व विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक में आयोग के सदस्य पीएस जंगपांगी और एमसी जोशी मौजूद रहे ।