उत्तराखंड में बादलों का खौफ: अलकनंदा व मंदाकिनी खतरे के निशान से ऊपर, सुरक्षित स्थानों पर गए ग्रामीण
रूद्रप्रयाग में लगातार तीन दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण अलकनंदा और मंदाकिनी नदियाँ खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। जिला आपदा प्रबंधन की टीमों ने नदी किनारे रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है। पुनाड़ गदेरा का जलस्तर बढ़ने से लोगों में दहशत है। प्रशासन लोगों को सतर्क रहने के लिए कह रहा है।

संवाद सहयोगी जागरण, रुद्रप्रयाग। लगातार तीन दिन से हो रही भारी वर्षा के कारण रुद्रप्रयाग जनपद की प्रमुख नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर चला गया। वहीं नदी किनारे रह रहे कई लोग पूरे दिन सुरक्षित स्थानों पर चले गए। जिला मुख्यालय का पुनाड़ गदेरा समेत अन्य सभी बरसाती गदेरे भी ऊफान पर हैं, जिससे खतरा बना हुआ है।
पिछले तीन दिन से जिले में वर्षा जारी है। हालांकि दोपहर बाद मौसम कुछ साफ हुआ, लेकिन फिर देर शाम तक घने बादल छा गए हैं। उच्च हिमालयी क्षेत्रों में हो रही मूसलधार वर्षा से अलकनंदा नदी व मंदाकिनी नदी का जलस्तर खतरे मे निशान से ऊपर चला गया है। जिला आपदा प्रबंधन की टीमों ने नदी किनारे रह रहे लोगो को सतर्क करते हुए सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कहते रहे। हालांकि नदी किनारे रह रहे लोग पूरे दिन व गत रात्रि को नदी के जलस्रोत पर नजर बनाए रखी।
जिला मुख्यालय के कोटेश्वर, बेलनी, हनुमान मंदिर, बाल्मिकी बस्ती, संगम क्षेत्र, अगस्त्यमुनि के बेडुबगड़,सिल्ली, चन्द्रापुरी, विजयनगर समेत अन्य स्थानों पर नदियों के बढ़ते जल स्तर के पुलिस व आपदा प्रबंधन की टीम ने अलर्ट किया गया। वहीं जिला मुख्यालय के बीचों बीच बहने वाले पुनाड़ गदेरा का जलस्तर भी काफी बढ़ गया, जिससे गदेरे के आस पास रह रहे लोगों में दहशत का माहौल बना रहा।
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी ने बताया कि लगातार बारिश होने से नदियों का जलस्तर काफी अधिक बढ़ गया है, नदी किनारे रहर हे लोगों को अर्लट किया जा रहा है। सावधानी व सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है।
अलकनंदा नदी
- जलस्तर-626.30
- खतरे का निशान-626
मंदाकिनी नदी
- जलस्तर-625.70
- खतरे का निशान-625
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