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    उत्तराखंड में वाहन पर बोल्डर गिरने से दो तीर्थयात्रियों की दर्दनाक मौत, पांच सितंबर तक स्थगित हुई चारधाम यात्रा

    Updated: Tue, 02 Sep 2025 02:00 AM (IST)

    उत्तराखंड में भारी बारिश ने तबाही मचाई है। केदारनाथ जा रहे यात्रियों की गाड़ी पर मलबा गिरने से दो की मौत हो गई जिसके बाद चारधाम यात्रा स्थगित कर दी गई है। यमुनोत्री में झील का जलस्तर बढ़ने से कई गांव अलग-थलग पड़ गए हैं। यमुना और टोंस नदियाँ उफान पर हैं जिससे बिजली उत्पादन ठप है।

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    वाहन पर बोल्डर गिरने से दो तीर्थयात्रियों की मौत। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, देहरादून। आसमान से बरस रही आफत से आमजन की मुसीबत बढ़ गई है। पहाड़ से मैदान तक सभी जिले वर्षा के कहर से जूझ रहे हैं। पर्वतीय जिलों में पहाड़ दरकने से जगह-जगह भारी मात्रा में मलबा और बोल्डर आने से यातायात प्रभावित हुआ है। प्रदेश में 360 मार्ग बाधित हैं। केदारनाथ दर्शन को जा रहे यात्रियों का बोलेरो वाहन सोमवार सुबह साढ़े सात बजे मुनकटिया के पास पहाड़ी से बोल्डर और मलबा गिरने से दब गया।

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    हादसे में सियालब, बड़कोट, उत्तरकाशी निवासी रीता और चंद्र सिंह की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि तीन अन्य घायल हो गए। वाहन में चालक सहित 11 यात्री सवार थे और सोनप्रयाग से गौरीकुंड की ओर से जा रहे थे।

    प्रतिकूल मौसम और भूस्खलन के कारण चारधाम व हेमकुंड साहिब की यात्रा को पांच सितंबर तक स्थगित कर दिया गया है। गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडेय ने बताया कि यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा के दृष्टिगत यह निर्णय लिया गया है।

    चारधाम यात्रा के आफलाइन पंजीकरण पर भी रोक लगा दी गई है। उन्होंने यात्रियों से अपील की है कि प्रतिकूल मौसम की स्थिति को देखते हुए यात्रा मार्गों पर प्रस्थान न करें। यमुनोत्री धाम के अहम पड़ाव स्यानाचट्टी में बनी अस्थायी झील का जलस्तर बढ़ने से स्यानाचट्टी समेत गीट पट्टी के 12 गांवों का जिला व तहसील मुख्यालय से संपर्क कट गया है।

    यमुनोत्री धाम को जोड़ने वाला एकमात्र मोटर पुल अब पूरी तरह खतरे की जद में है। अब सुरक्षा के दृष्टिगत आवाजाही प्रतिबंधित कर दी गई है। अस्थायी झील का जलस्तर बढ़ने से गढ़वाल मंडल विकास निगम के गेस्ट हाउस के साथ ही राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय स्यानाचट्टी, सुलभ शौचालय समेत कई होटलों की निचली मंजिल पानी में डूब गई है।

    उत्तरकाशी के तलोग में भू-धंसाव के चलते यमुनोत्री हाईवे पर दरारें पड़ गई हैं। भू-धंसाव से यहां आवासीय भवनों पर भी खतरा मंडरा रहा है।

    इधर, चमोली जिले में चीन सीमा को जोड़ने वाले नीति घाटी में तमक नाले में सीमा सड़क संगठन की ओर से ह्यूम पाइप डालकर अस्थायी रूप से आवाजाही शुरू करा दी गई है। इससे स्थानीय लोगों, सेना और आईटीबीपी के जवानों ने राहत की सांस ली है।

    यहां भी आफत

    चमोली जिले के थराली, राडीबगड़ और चेपड़ों में रुक-रुककर हो रहे भूस्खलन से ग्रामीण दहशत में हैं। वे दिनचर्या को सामान्य करने के लिए वर्षा के थमने का इंतजार कर रहे हैं। ग्वालदम राजमार्ग और ग्रामीण मोटर मार्गों पर मलबा और भूस्खलन के कारण वाहनों का संचालन ठप हो गया है।

    यमुनोत्री नेशनल हाईवे पर ब्रह्मखाल के निकट तलोग में दरारें पड़ गई हैं। यमुनोत्री हाईवे स्यानाचट्टी, झज्जरगाड, बनास, जंगलचट्टी, नारदचट्टी में भूस्खलन और भू-धंसाव से अवरुद्ध है।

    डिस्चार्ज बढ़ने की वजह से यमुना और टोंस नदियां उफान पर हैं। इससे पांच जल विद्युत उत्पादन केंद्रों में 30 घंटे से टरबाइनें थमी हैं, बिजली उत्पादन पूरी तरह से ठप है।

    पौड़ी जिला मुख्यालय में देवप्रयाग मोटर मार्ग पर नए बस अड्डे का पुश्ता ढहने से मार्ग बाधित हो गया है।

    सीएम ने लिया हालात का जायजा

    बनबसा में हुई रिकॉर्ड वर्षा से चंदनी, आनंदपुरी व बमनपुरी गांवों में जलभराव हो गया है। राज्य आपदा मोचक बल (एसडीआरएफ) ने देवीपुरा में बाढ़ में घिरे 16 ग्रामीणों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। सीएम पुष्कर धामी ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लेने के साथ प्रभावितों को हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया।

    साथ ही एनएचएआइ व वन विभाग के अधिकारियों को जल निकासी व हुड्डी नदी के चैनलाइजेशन की प्रभावी कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए। चंपावत में पूर्णागिरि धाम जाने वाला मार्ग अवरुद्ध है, जबकि भारत-नेपाल के बीच शारदा बैराज पुल पर बड़े वाहनों की आवाजाही पर रोक लगाई गई है।

    चंपावत जनपद में इस सीजन की सबसे अधिक वर्षा

    देहरादून: उत्तराखंड में मानसून कहर बनकर बरस रहा है। बीते 24 घंटों में राज्य के अधिकांश जिलों में सामान्य से कई गुना अधिक वर्षा दर्ज की गई है। चंपावत में सबसे ज्यादा 1089 प्रतिशत अधिक वर्षा रिकॉर्ड की गई, जो इस सीजन की अब तक की सबसे बड़ी छलांग है।

    चंपावत के बनबसा में एक ही दिन में 256 मिमी रिकार्ड वर्षा हुई। अन्य जिलों में भी कई गुना वर्षा हो रही है। इससे जनजीवन प्रभावित हो गया।

    देहरादून, उत्तरकाशी में भारी वर्षा का रेड अलर्ट

    वर्षा से फिलहाल राहत मिलती नहीं दिख रही है। मौसम विभाग ने मंगलवार को भी देहरादून और उत्तरकाशी में भारी वर्षा का रेड अलर्ट जारी किया है। रुद्रप्रयाग, चमोली, टिहरी और बागेश्वर जिलों में वर्षा का आरेंज अलर्ट है। अन्य जिलों में तेज वर्षा के दो से तीन दौर होने का पूर्वानुमान है।

    12वीं तक के सभी स्कूल बंद

    भारी वर्षा के अलर्ट को देखते हुए अल्मोड़ा, पौड़ी, उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, नैनीताल, ऊधमसिंह नगर, चंपावत, पिथौरागढ़ और बागेश्वर में मंगलवार को भी 12वीं तक के सभी स्कूल बंद कर दिए गए हैं। पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन और नदी-नालों के जलस्तर में अचानक वृद्धि का खतरा बरकरार है।

    मौसम विभाग विभाग ने लोगों को सतर्क रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी है। बता दें कि मौसम विज्ञान विभाग ने सोमवार के लिए भी पांच जिलों में वर्षा का रेड अलर्ट जारी किया था। इसे देखते हुए प्रदेश के सभी जिलों के स्कूलों अवकाश घोषित किया गया था।

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