Kedarnath Yatra दूसरे दिन भी बंद, 3000 यात्रियों का किया रेस्क्यू; फूलों की घाटी गए 150 पर्यटक फंसे
रुद्रप्रयाग में वर्षा के कारण केदारनाथ यात्रा दूसरे दिन भी बंद रही जिससे लगभग चार हजार यात्री विभिन्न स्थानों पर रुके रहे । तीन हजार यात्रियों को सुरक्षित निकाला गया। बदरीनाथ हाईवे 20 घंटे बाद खुला जबकि फूलों की घाटी में फंसे 150 पर्यटकों को बचाया गया। यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए प्रशासन ने यात्रा पर रोक लगाई है।

संवाद सहयोगी, जागरण, रुद्रप्रयाग। वर्षा के कारण केदारनाथ यात्रा दूसरे दिन भी बंद रही। इससे विभिन्न स्थानों पर करीब चार हजार यात्रियों को रोका गया। साथ ही केदारनाथ धाम से दर्शनकर लौट रहे तीन हजार यात्रियों को सुरक्षित सोनप्रयाग पहुंचाया गया है।
वहीं अलग-अलग स्थानों पर बाधित बदरीनाथ हाईवे 20 घंटे बाद सुचारू हो गया। वहीं फूलों की घाटी में घूसा नाले के उफान पर आने से फंसे 150 पर्यटकों को सुरक्षित निकाल लिया। वहीं बुधवार को पर्यटकों को फूलों की घाटी जाने की अनुमति नहीं दी गई।
मंगलवार से हो रही लगातार वर्षा के चलते यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए प्रशासन ने केदारनाथ यात्रा पर अस्थाई रूप से रोक लगा दी थी। इसके बाद यात्रियों के सोनप्रयाग से आने जाने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया था।
केदारनाथ पैदल मार्ग पर कई स्थानों पर भूस्खलन हो रहा था, जबकि सोनप्रयाग व गौरीकुंड के बीच भी कई स्थानों पर हाईवे अवरुद्ध हो रखा है, पहाड़ी से बड़े-बड़े बोल्डर गिर रहे हैं। लगातार वर्षा से केदारनाथ पैदल मार्ग पर भूस्खलन का खतरा काफी अधिक बढ़ गया है। इन सभी बिंदुओं को देखते हुए जिला प्रशासन व पुलिस ने केदारनाथ यात्रा पर अस्थाई रोक लगा दी थी।
वहीं बुधवार को भी वर्षा होती रही, जिस कारण पुलिस ने यात्रियों को सोनप्रयाग से आगे जाने की अनुमति नहीं दी। सोनप्रयाग के कोतवाल इंस्पेक्टर राकेंद्र कठैत ने जानकारी दी कि बुधवार को लगातार हो रही वर्षा के चलते सोनप्रयाग से कोई भी यात्री केदारनाथ नहीं भेजे गए।
उधर, चमोली जिले में वर्षा के कारण बदरीनाथ हाईवे मंगलवार सायं से ही पागलनाला, कंचननाला, पीपलकोटी, भनेरपानी में बंद था। रात्रि को वर्षा से कमेड़ा, उमट्टा आदि स्थानों में भी भूस्खलन से बाधित हुआ। दिनभर वर्षा के बाद भी एनएच ने हाईवे पर जगह-जगह आए मलबे को हटाकर दोपहर एक बजे यातायात के लिए सुचारू किया।
इसके बाद 20 घंटे से बदरीनाथ जा रहे पांच हजार यात्री गंतव्य के लिए रवाना हो गए। जिले में हो रही लगातार वर्षा के चलते 20 ग्रामीण लिंक मोटर मार्ग बंद हैं। स्थिति यह है कि ग्रामीणों की लाइफ लाइन कहे जाने वाले इन मोटरमार्गों के बंद होने के चलते ग्रामीण मीलों पैदल चलने को विवश हैं। बताया कि मोटर मार्गों के जगह-जगह बाधित होने से प्रशासन के संसाधन भी कम पड़ रहे हैं।
फूलों की घाटी गए 150 पर्यटक फंसे
गोपेश्वर: फूलों की घाटी का दीदार करने गए 150 पर्यटक घूसा नाला उफान पर आने व पुल बहने से फंस गए। हालांकि देर सायं तक सभी पर्यटकों को वन विभाग ने रेस्क्यू कर सुरक्षित निकाला। खतरे को देखते हुए बुधवार को फूलों की घाटी में पर्यटकों की आवाजाही बंद रखी गई।
मंगलवार को घांघरिया से फूलों की घाटी की 150 पर्यटक गए थे। दिनभर वर्षा के चलते घूसा नाला उफान पर आने से अस्थाई पुलिया बह गई। सूचना के बाद वन विभाग की रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची। देर सायं तक सभी पर्यटकों को सुरक्षित निकाला गया। खतरे को देखते हुए बुधवार को फूलों की घाटी में पर्यटकों की आवाजाही बंद रही।
फूलों की घाटी राष्ट्रीय पार्क के अनुभाग अधिकारी जय प्रकाश के नेतृत्व में मान सिंह, अरविंद कुंवर, प्रीतम सिंह व मनोज भट्ट सहित बीट अधिकारियों की टीम ने विभिन्न ट्रेकिंग कंपनियों के गाइडों के साथ मिलकर पर्यटकों को सुरक्षित नाला पार कराया।
बताया गया कि वर्षा के चलते नाले का जलस्तर लगातार बढ़ रहा था जिससे रेस्क्यू के दौरान खतरा था। नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क के प्रभारी वनाधिकारी तरुण एस ने बताया कि अग्रिम आदेशों तक फूलों की घाटी में पर्यटकों की आवाजाही प्रतिबंधित की गई है। कहा कि गुरुवार को मौसम के मिजाज पर ही फूलों की घाटी में पर्यटकों के जाने को लेकर निर्णय लिया जाएगा।
घांघरिया में रुके हैं 100 से अधिक पर्यटक
फूलों की घाटी का दीदार करने के लिए घांघरिया में पर्यटकों की आमद लगातार जारी है। बीते दोपहर बाद अब तक 100 से अधिक पर्यटक घांघरिया में डेरा डालकर फूलों की घाटी खुलने का इंतजार कर रहे हैं। हैदराबाद से आए पर्यटकों के इस दल की मुखिया फराह का कहना है कि वे मंगलवार से फूलों की घाटी घूमने के लिए घांघरिया पहुंचे। फूलों की घाटी में वर्षा के कारण खतरों को देखते हुए पर्यटकों को रोका है। कहा कि फूलों की घाटी का दीदार करके ही हम लोग वापस जाएंगे।
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