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    द्वितीय केदार मदमहेश्वर शीतकालीन गद्दीस्थल में हुए विराजमान, अब छह माह तक यहीं पर होंगे भगवान के दर्शन

    Updated: Fri, 21 Nov 2025 05:09 PM (IST)

    द्वितीय केदार मदमहेश्वर की उत्सव डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में विराजमान हो गई है। मंदिर को फूलों से सजाया गया और भक्तों ने दर्शन किए। डोली गौंडार, रांसी और गिरिया से गुजरी। रावल ने पूजा की और डोली पर छत्र अर्पित किया। हेमंत द्विवेदी ने सभी को शुभकामनाएं दीं। अब छह माह तक यहीं भगवान मदमहेश्वर की पूजा होगी।

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    संवाद सहयोगी, जागरण, रुद्रप्रयाग: द्वितीय केदार भगवान मदमहेश्वर की उत्सव डोली शुक्रवार को अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में विराजमान हो गई है।

    अब शीतकाल के छह माह तक यहीं पर भगवान की नित्य पूजाएं एवं दर्शन हो सकेंगे। डोली के स्वागत के लिए मंदिर को भव्य रूप से फूलों से सजाया गया था। इस दौरान सैकड़ों श्रद्धालु मंदिर पहुंचकर पुण्य के साक्षी बने।

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    गत 18 नवंबर को मदमहेश्वर धाम के कपाट बंद होने के बाद पहले दिन उत्सव डोली रात्रि प्रवास के लिए गौंडार पहुंची थी। दूसरे पड़ावके लिए राकेश्वरी मंदिर रांसी, तीसरे पड़ाव के लिए गिरिया पहुंची थी।

    Doli

    शुक्रवार सुबह पुजारी शिव लिंग ने भगवान की डोली की विशेष पूजा-अर्चना कर भोग लगाया। जिसके बाद गिरिया लोगों ने भगवान के दर्शन कर आशीर्वाद लिया।

    जैसे ही डोली अपने अगले पड़ाव के लिए रवाना हुई, वैसे ही भक्तों के जयकारों से क्षेत्र का वातावरण भक्तिमय हो उठा। विभिन्न स्थानों पर उत्सव डोली फूल एवं अक्षतों से जोरदार स्वागत किया गया।

    गिरिया से विभिन्न पड़ावों पर दर्शन देने के बाद मदमहेश्वर की डोली शीतकालीन गददीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ पहुंची।

    डोली के ऊखीमठ पहुंचने पर रावल भीमाशंकर लिंग ने मंगलचौंरी एवं ब्राह्मणखोली में विधिवत पूजा-अर्चना संपन्न की तथा डोली पर सोने का छत्र अर्पित किया। इस दौरान श्रद्धालुओं, पुजारियों और स्थानीय नागरिकों ने फूल वर्षा के साथ डोली का अभूतपूर्व स्वागत किया।

    Rudraprayag Temple

    सेना के बैंड व पारंपरिक वाद्ययंत्रों की मंगलध्वनियों के बीच डोली जब श्री ओंकारेश्वर मंदिर परिसर पहुंची तो विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना की गई और श्रद्धालुओं ने दर्शन कर पुण्य लाभ अर्जित किया। इसी के साथ शीतकालीन पूजाएं औपचारिक रूप से प्रारंभ हो गईं।

    इस दौरान सैकड़ों भक्तों के जयकारों से क्षेत्र का वातावरण गुंजायमान हो उठा। बदरी-केदार मंदिर समिति (बीकेटीसी) के अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने उत्सव डोली के ऊखीमठ आगमन पर सभी श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भगवान मदमहेश्वर की कृपा से क्षेत्र में सुख-समृद्धि बनी रहे।

    इस दौरान बीकेटीसी के उपाध्यक्ष विजय कप्रवाण, नगर पंचायत-मेला अध्यक्ष कुब्जा धर्म्वाण, दायित्वधारी चंडी प्रसाद भट्ट, भाजपा जिलाध्यक्ष भारत भूषण भट्ट, बीकेटीसी सदस्य श्रीनिवास पोस्ती, प्रह्लाद पुष्पवान, डा. विनीत पोस्ती, नीलम पुरी, धर्माचार्य ओंकार शुक्ला, प्रभारी अधिकारी यदुवीर पुष्पवान, मंदिर प्रभारी किशन त्रिवेदी, वेदपाठी यशोधर मैठाणी, विश्वमोहन जमलोकी, पुजारी शिवलिंग, शिवशंकर लिंग, टी. गंगाधर लिंग, प्रेम सिंह रावत, दीपक पंवार, ललित त्रिवेदी, कुलदीप धर्म्वाण सहित अनेक श्रद्धालु और ग्रामीण मौजूद रहे।

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