उत्तरकाशी में आपदा: स्यानाचट्टी कस्बा डूबा, घरों से निकाले जा रहे लोग; सैकड़ों तीर्थयात्री पड़ावों पर रोके
उत्तरकाशी में यमुना नदी में झील बनने से मुसीबत आ गई है। यमुनोत्री धाम के प्रमुख पड़ाव स्यानाचट्टी में कुपड़ा गदेरे में भारी मलबे के कारण यमुना का प्रवाह अवरुद्ध हो गया है। इस स्थिति के चलते कई सरकारी भवन होटल होम स्टे और दुकानें जलमग्न हो गई हैं। यमुनोत्री हाईवे को जोड़ने वाला पुल भी जलमग्न होने से क्षेत्र का संपर्क जिला मुख्यालय से कट गया है।
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी। हर्षिल (गंगा) घाटी के बाद अब उत्तरकाशी में यमुना नदी में झील बनने से मुसीबत आ गई है। यमुनोत्री धाम के प्रमुख पड़ाव स्यानाचट्टी में कुपड़ा गदेरे में भारी मलबे के कारण यमुना का प्रवाह अवरुद्ध हो गया है। इस स्थिति के चलते कई सरकारी भवन, होटल, होम स्टे और दुकानें जलमग्न हो गई हैं।
उत्तरकाशी में यमुना नदी में बनी झील, स्यानाचट्टी कस्बा डूबा
यमुनोत्री हाईवे को जोड़ने वाला पुल भी जलमग्न होने से क्षेत्र का संपर्क जिला मुख्यालय से कट गया है। स्थानीय प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए भवनों को खाली कराकर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया है। ऊंचाई वाले क्षेत्रों में वर्षा के कारण गदेरे में उफान आने की आशंका जताई जा रही है।
जानकीचट्टी से लगभग 15 किमी पहले स्थित स्यानाचट्टी में जून में भी कुपड़ा गदेरे में उफान आया था, जिससे यमुना नदी में झील बनी थी। उस समय भी भवनों में पानी घुस गया था, जिसके बाद प्रशासन ने मशीनों से झील को चैनलाइज कर यमुना के प्रवाह को बहाल किया था।
मलबे ने यमुना का प्रवाह बाधित किया
गुरुवार शाम करीब साढ़े चार बजे गदेरे में फिर से उफान आया, जिससे मलबे ने यमुना का प्रवाह बाधित कर दिया। इससे झील का जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा और कस्बे में बने 18 होटल-होम स्टे, आठ आवास और बाजार जलमग्न हो गए।
जब पानी पुलिस चौकी तक पहुंच गया, तो पुलिस ने अलर्ट जारी किया और लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की। कस्बे में मौजूद लगभग 150 लोगों ने सुरक्षित स्थानों की ओर भागकर शरण ली।
पुलिस ने निवासियों को भी सतर्क किया
पुलिस ने झील से नीचे बसे ओजरी, पुजारगांव, पाली गांव, खरादी और कुथनौर के निवासियों को भी सतर्क किया है। झील की लंबाई लगभग 400 मीटर, चौड़ाई 50 मीटर और गहराई पांच मीटर है। स्यानाचट्टी कस्बे में कुपड़ा, कुनसाला और त्रिखली गांव के लगभग 35 परिवार रहते हैं, जिनके पास होटल और होमस्टे हैं।
यमुनोत्री धाम की यात्रा भी बाधित
प्रशासन का कहना है कि यमुना का प्रवाह सामान्य है, इसलिए अधिक खतरा नहीं है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस, फायर सर्विस, सिंचाई विभाग और राजस्व विभाग के साथ उप जिलाधिकारी बड़कोट मौके पर मौजूद हैं। यमुनोत्री धाम की यात्रा भी बाधित हो गई है, जिससे सैकड़ों तीर्थ यात्री विभिन्न पड़ावों पर फंसे हुए हैं।
जिलाधिकारी प्रशांत कुमार आर्य ने कहा कि झील का पानी मलबे के ऊपर से निकल रहा है, इसलिए चिंता की कोई बात नहीं है। शुक्रवार को जल निकासी का प्रयास किया जाएगा।
16 दिन से भागीरथी में बनी झील में डूबा है गंगोत्री हाईवे
हर्षिल क्षेत्र में पिछले 16 दिन से गंगोत्री हाईवे का 100 मीटर हिस्सा भागीरथी नदी में बनी झील में डूबा हुआ है। चैनलाइजेशन के बावजूद झील से जलनिकासी में आशातीत सफलता नहीं मिली है। पूर्व में चैनलाइजेशन से झील का पानी कुछ कम हुआ था, लेकिन वर्तमान में झील के बीच में सिल्ट ऊपर आने से नदी का बहाव गंगोत्री हाईवे की ओर हो गया है। पांच अगस्त को तिलगाड में बादल फटने के बाद आए मलबे से भागीरथी नदी का प्रवाह अवरुद्ध हो गया था।
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