मोरी में टौंस नदी पर लगी ट्रॉली से गिरकर किशोरी लापता, तलाश में जुटी SDRF और पुलिस की टीम
उत्तराकाशी के मोरी में भंकवाड़ गांव के पास एक दर्दनाक हादसा हुआ। एक 15 वर्षीय लड़की शबीना अपनी मौसी के साथ ट्रॉली से टौंस नदी पार करते समय रस्सी उलझने से नदी में गिर गई और बह गई। पुलिस और एसडीआरएफ की टीम उसकी तलाश कर रही है। ग्रामीणों ने ट्राली की मरम्मत न होने पर चिंता जताई है और प्रशासन से कार्रवाई की मांग की है।

संवाद सूत्र, पुरोला। विकासखंड मोरी के भंकवाड़ गांव के पास सोमवार सुबह उस वक्त एक बड़ा हादसा हो गया जब भंकवाड़ गांव की की 15 वर्षीय गुर्जर समुदाय की एक किशोरी अपनी मौसी के साथ टौंस नदी पर लगी ट्रॉली में बैठकर नदी पार कर रही थी, तभी ट्रॉली की रस्सी उलझने से किशोरी टौंस नदी में गिर गई व नदी के तेज बहाव में बह गई। जबकि दूसरी युवती (मौसी) बच गई। सूचना पर मोरी से पुलिस व एसडीआरएफ की टीम ने घटना स्थल पर पहुंच कर खोजबीन शुरू कर दी है।
इससे पहले भी भकवाड़ व सांद्रा क्षेत्र में टौंस नदी पर लगी ट्रालियों से गिरनें की घटनाओं में मौत हो चुकी है। घटना तहसील मुख्यालय मोरी से 8 किमी त्यूणी मोटर मार्ग पर मोरा गांव से आगे भंकवाड गांव के पास की है, जहां सोमवार सुबह लगभग साढ़े 7 बजे की जब गुर्जर समुदाय की शबीना 15 वर्षीय पुत्री यासीन अपनी मौसी मेमना के साथ टौंस नदी पर लगी ट्राली पार कर भैंस चराने जा रही थी।
इसी दौरान अचानक रस्सी उलझने ट्राली संतुलन बिगड़ा और शबीना नदी में गिरकर तेज बहाव में बह गई। घटना की सूचना मिलते ही मोरी से पुलिस तथा एसडीआरएफ की टीम ने मौके पर पहुंचकर युवती की तलाश शुरू कर दी। गांव के गुर्जर तालब, संजय पंवार, गुलाम अली ने बताया कि सड़क से 3 किमी दूर होने से भंकवाड़ गांव आसपास के 65 परिवारों की आवाजाही भी इसी ट्राली से होती है। लेकिन समय समय पर ट्राली की मरम्मत न होने से रस्सी कमजोर पड़ने से खींचते समय उलझ जाती है, पहले भी भंकवाड़-सांद्रा ट्राली से 2-3 घटनाएं घटित हो चुकी है। स्थानीय निवासी मनमोहन असवाल, संजय सिंह पंवार, ज्ञान चंद, रूपलाल, रमेश पाठक, अशरफ एवं अयूब खान, जाफर, शरीफ, गुलाम ने ट्राली संचालक लोनिवि से इस तरह की घटनाओं को रोकने रस्सी बदलने की मांग की।
भंकवाड़ गांव की आवाजाही की स्थिति
भकंवाड गांव मुख्य सड़क मार्ग मोरी–हनोल से लगभग 14 किमी की दूरी पर स्थित है। किंतु ग्रामीणों को सड़क मार्ग से करीब 3 किलो मीटर पैदल चलकर ही गांव तक पहुंचा जा सकता है। जबकि लघु मार्ग ट्राली से टौंस नदी पार करने में ग्रामीण 15 मिनट में गांव पहुंच जाते है।
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