मेडिकल कॉलेजों में 'एंटी-नेशनल गतिविधियों' पर लगेगी रोक, NMC की नई गाइडलाइन तैयार
नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) मेडिकल कॉलेजों के लिए नई गाइडलाइन जारी करेगा, जिसमें एंटी-नेशनल गतिविधियों पर रोक लगाने और सामाजिक जिम्मेदारी का पालन करने पर जोर दिया गया है। यह कदम अल-फलाह यूनिवर्सिटी के कुछ डॉक्टरों की गिरफ्तारी के बाद उठाया गया है। एनएमसी ने छात्रों के भविष्य को सुरक्षित रखने का आश्वासन दिया है। ईडी ने अल-फलाह ग्रुप के चेयरमैन को गिरफ्तार किया है, और यूनिवर्सिटी की जांच चल रही है।

मेडिकल कॉलेजों में एंटी-नेशनल गतिविधियों पर लगेगी रोक (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) देश के सभी मेडिकल कॉलेजों और डॉक्टरों के लिए एक नई एडवाइजरी तैयार कर रहा है। इसमें साफ लिखा होगा कि संस्थानों और कैंपस में किसी भी तरह की एंटी-नेशनल गतिविधियों से दूर रहें और सोशल जिम्मेदारी का पालन करें।
यह कदम अल-फलाह यूनिवर्सिटी के कुछ डॉक्टरों की गिरफ्तारी के बाद उठाया गया है। इन डॉक्टरों पर 10 नवंब को दिल्ली के लाल किले के पास हुए धमाके से जुड़े जैश-ए-मोहम्मद मॉड्यूल से संपर्क होने का आरोप है।
कौन तैयार कर रहा एडवाइजरी?
NMC के अधिकारियों ने बताया कि उसकी एथिक्स और मेडिकल रजिस्ट्रेशन बोर्ड यह एडवाइजरी तैयार कर रही है, जिसे सभी मेडिकल संस्थानों को भेजा जाएगा। इसमें डॉक्टरों और छात्रों के व्यवहार, पेशेवर जिम्मेदारियों और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राथमिकताओं पर जोर दिया जाएगा।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने NDTV को बताया कि अल-फलाह मेडिकल कॉलेज का भविष्य अभी चल रही राष्ट्रीय स्तर की जांच पर निर्भर करेगा। उन्होंने कहा, "हरियाणा सरकार और केंद्र से मिलने वाली रिपोर्ट पर ही अंतिम फैसला होगा।"
क्या होगा छात्रों का भविष्य?
अल-फलाह यूनिवर्सिटी हरियाणा स्टेट प्राइवेट यूनिवर्सिटी एक्ट के तहत चलती है औक इसमें कई गैर-चिकित्सा कोर्स भी हैं। मेडिकल कॉलेज का दर्जा हरियाणा सरकार तय करेगी। इस कॉलेज को 2019 में मान्यता मिली थी और 2025-26 सत्र के सभी 150 MBBS सीटें भी भर चुकी हैं।
NMC ने भरोसा दिया है कि कॉलेज में पढ़ रहे छात्रों का भविष्य किसी भी हाल में खराब नहीं होने दिया जाएगा। अधिकारी ने कहा कि निर्दोष छात्रों की पूरी सुरक्षा की जाएगी।
अल-फलाह यूनिवर्सिटी पर ED की कार्रवाई
इस बीच, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अल-फलाह ग्रुप के चेयरमैन जवाद अहमद सिद्दीकी को PMLA के तहत गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी उन छापों के बाद हुई जो संस्था से जुड़े ठिकानों पर मारे गए थे। ED की जांच अब अल-फलाह ट्रस्ट, इससे जुड़ी संस्थाओं और यूनिवर्सिटी के प्रशासनिक व वित्तीय कामकाज तक बढ़ा दी गई है।

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