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    बंगाल चुनाव से पहले EC की बड़ी कार्रवाई, मतदाता सूची से हटाए गए 500 बांग्लादेशी नाम

    बंगाल में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण से पहले ही 500 लोगों के नाम हटा दिए गए हैं क्योंकि चुनाव आयोग ने उन्हें बांग्लादेशी पाया है। ये लोग कोलकाता और नदिया समेत विभिन्न इलाकों के रहने वाले हैं। इसके अतिरिक्त उत्तर 24 परगना में आइपैक के दो सदस्यों की पिटाई का मामला सामने आया है जिसमें तृणमूल कार्यकर्ताओं पर आरोप लगा है।

    By Jagran News Edited By: Piyush Kumar Updated: Sat, 09 Aug 2025 07:50 PM (IST)
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    बंगाल में मतदाता सूची से 500 लोगों के नाम हटा दिए गए।(फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) की प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही 500 लोगों के नाम हटा दिए गए हैं। जिनके नाम मतदाता सूची से हटाए गए हैं, चुनाव आयोग ने उन सभी को बांग्लादेशी पाया है, हालांकि सभी के पास इस देश का मतदाता परिचय पत्र है।

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    सूत्रों ने बताया कि बिहार में एसआइआर की प्रक्रिया शुरू होने के बाद से ही फारेनर्स रीजनल रजिस्ट्रेशन कार्यालय भी तत्पर हो गया है। विभिन्न इलाकों में तैनात इमिग्रेशन अधिकारियों ने अपने स्तर पर मतदाता परिचय पत्रों की जांच शुरू की है। बंगाल में पिछले तीन महीने में ऐसे 500 लोगों को चिन्हित किया गया है, जो मूल रूप से बांग्लादेशी हैं।

    वे कोलकाता के दमदम, नदिया जिले के कल्याणी समेत विभिन्न इलाकों के रहने वाले हैं। इमिग्रेशन अधिकारियों ने उनके बारे में चुनाव आयोग को सूचित किया। आयोग ने अपनी जांच में इसे सही पाया, जिसके बाद कार्रवाई करते हुए उन सभी के नाम मतदाता सूची से हटा दिए गए हैं।

    तृणमूल कार्यकर्ताओं पर आइपैक के दो सदस्यों को पीटने का आरोप

    उत्तर 24 परगना जिले के बशीरहाट इलाके में चुनावी प्रबंधन संस्था आइपैक के दो सदस्यों की पिटाई का मामला सामने आया है। आरोप राज्य में सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर लगा है। गौर करने वाली बात है कि आइपैक तृणमूल के लिए ही चुनावी रणनीति तैयार करती है।

    प्राप्त जानकारी के अनुसार बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए रणनीति तैयार करने को स्थानीय तृणमूल नेतृत्व को लेकर आइपैक के अधिकारियों ने पिछले दिनों बैठक बुलाई थी। इसमें आइपैक के अधिकारियों की ओर से जो प्रस्ताव रखे गए थे, वो पार्टी नेताओं को रास नहीं आए और उन्होंने उनकी पिटाई कर दी।

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