'...ठठरी बांध देंगे', कोलकाता में बाबरी मस्जिद विवाद पर भड़के बागेश्वर बाबा
कोलकाता के ब्रिगेड परेड ग्राउंड में सनातन संस्कृति संसद ने सामूहिक गीता पाठ का आयोजन किया, जिसमें लाखों लोगों ने भाग लिया। स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज ...और पढ़ें

ब्रिगेड परेड ग्राउंड में हुआ था आयोजन
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कोलकाता के ऐतिहासिक ब्रिगेड परेड ग्राउंड में रविवार को लाखों लोगों ने एक साथ भगवद् गीता का पाठ कर नया कीर्तिमान बनाया। हिंदुओं के आध्यात्मिक जागरण के लिए सनातन संस्कृति संसद नामक संस्था (विभिन्न मठों के आध्यात्मिक गुरुओं का एक संगठन) की ओर से इस सामूहिक गीता पाठ कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसका उद्देश्य आम लोगों तक सनातन धर्म की मूल भावना और गीता के सार्वभौमिक संदेशों को पहुंचाना है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज ने दावा किया कि बड़ी संख्या में साधु- संतों व साध्वियों सहित पांच लाख से अधिक लोगों ने सामूहिक गीता पाठ में हिस्सा लिया। नेपाल व बांग्लादेश से आए हिंदुओं ने भी इसमें भाग लिया। वेदों के पाठ के बाद भगवद् गीता के प्रथम, नवम और 18वें अध्याय का एक साथ पाठ किया गया। पूरा ब्रिगेड मैदान भगवा झंडों से पटा नजर आया और भगवा वस्त्र पहने सनातनियों को ढाक और झांझ के साथ नृत्य करते देखा गया। शंख की ध्वनि से पूरा ब्रिगेड मैदान गूंज उठा। रथ पर गीता लेकर ज्ञानानंद जी महाराज कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे।
धीरेंद्र शास्त्री बोले- सनातनी चाहिए, तनातनी नहीं
गीता पाठ कार्यक्रम के मंच से धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि हिंदू अगर एक हो जाए तो भारत को हिंदू राष्ट्र बनने से कोई नहीं रोक सकता। उन्होंने कहा कि ये देश बाबर का नहीं, रघुवर का है। सनातन एकता ही इस देश और दुनिया के लिए शांति का सबसे बड़ा ज़रिया है। भारत में हमें सनातनी चाहिए, तनातनी नहीं। भारत में हमें भगवा-ए-हिंद चाहिए, गजवा-ए-हिंद नहीं।
संयोग से यह आयोजन सत्तारूढ़ टीएमसी के निलंबित विधायक हुमायूं कबीर द्वारा बंगाल के मुस्लिम बहुल मुर्शिदाबाद जिले में बाबरी मस्जिद की नींव रखे जाने के एक दिन बाद ही हुआ। राज्य में कुछ माह बाद होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले इस आयोजन को लेकर राजनीतिक विवाद भी शुरू हो गया। सत्तारूढ़ टीएमसी ने भाजपा पर धर्म का इस्तेमाल कर ध्रुवीकरण करने का आरोप लगाया। हालांकि आयोजकों ने दावा किया कि यह एक आध्यात्मिक कार्यक्रम है जिसका राजनीति से कोई संबंध नहीं है।
धीरेंद्र शास्त्री ने यह भी कहा कि कोलकाता में मां काली की पवित्र धरती पर पांच लाख से अधिक लोगों को एक साथ गीता का पाठ करते और जोश और आस्था का सैलाब देखकर ऐसा लगा जैसे यहां महाकुंभ मेला लगा हो। गीता भारत की शान और स्वाभिमान है। उन्होंने कहा कि हम बहुत जल्दी कथा करने फिर बंगाल आएंगे। अगली बार बंगाल में कथा के दौरान धर्म विरोधियों की ठठरी बांध देंगे।
(ब्यूरो इनपुट के साथ)

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।