स्कूल में पढ़ाई के दौरान RSS से लगाव, फिर युवा मोर्चा से तय किया सांसद और बंगाल BJP के अध्यक्ष का सफर.. कौन हैं शमिक भट्टाचार्य?
बंगाल भाजपा को नया अध्यक्ष मिल गया है। राज्यसभा सदस्य शमिक भट्टाचार्य को आधिकारिक तौर पर बंगाल भाजपा का अध्यक्ष घोषित किया गया है। कोलकाता के साइंस सिटी में आयोजित अभिनंदन समारोह में रविशंकर प्रसाद ने उनके नाम की घोषणा की। शमिक निर्विरोध प्रदेश अध्यक्ष चुने गए हैं। उन्होंने अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस को बंगाल की सत्ता से उखाड़ फेंकने का संकल्प लिया है।

राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश भाजपा को गुरुवार को नया अध्यक्ष मिला। राज्यसभा सदस्य व पार्टी के वरिष्ठ नेता शमिक भट्टाचार्य को आधिकारिक तौर पर बंगाल भाजपा का अध्यक्ष घोषित कर दिया गया।
कोलकाता के साइंस सिटी में दोपहर में आयोजित अभिनंदन समारोह में पूर्व केंद्रीय मंत्री व बंगाल भाजपा अध्यक्ष चुनाव के केंद्रीय प्रभारी रविशंकर प्रसाद ने उनके नाम की घोषणा की और उन्हें अध्यक्ष पद पर चुने जाने का प्रमाण पत्र सौंपा। शमिक निर्विरोध प्रदेश अध्यक्ष चुने गए हैं।
टीएमसी को सत्ता से उखाड़ फेंकने का संकल्प
साइंस सिटी में गाजे-बाजे के साथ हजारों कार्यकर्ताओं व नेताओं ने उनका स्वागत किया। शमिक ने सुकांत मजूमदार की जगह ली है, जो सितंबर, 2021 से ही प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालते आ रहे थे। वहीं, अध्यक्ष की कमान संभालते ही शमिक ने अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस को बंगाल की सत्ता से उखाड़ फेंकने का संकल्प लिया।
उन्होंने कहा कि आगामी चुनाव में तृणमूल की विदाई तय है। दुनिया की कोई भी शक्ति तृणमूल को बचा नहीं सकती। अभिनंदन समारोह में निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी, बंगाल भाजपा के केंद्रीय प्रभारी सुनील बंसल व मंगल पांडेय समेत राज्य से पार्टी के तमाम सांसद, विधायक व अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद थे।
आरएसएस से शुरू हुआ सफर
इस दौरान सुकांत ने उन्हें कमान सौंपते हुए कहा कि अगले चुनाव में शमिक भट्टाचार्य के नेतृत्व में हम सभी कंधे से कंधे मिलाकर लड़ेंगे और तृणमूल कांग्रेस को सत्ता से उखाड़ फेंकेंगे। मालूम हो कि शमिक को बंगाल भाजपा की कमान ऐसे समय में मिली है, जब राज्य में अगले साल की शुरुआत में ही विधानसभा चुनाव होने हैं। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष पद के लिए एकमात्र शमिक भट्टाचार्य ने बुधवार को नामांकन पत्र दाखिल किया था।
शमिक भट्टाचार्य स्कूल छात्र के तौर पर आरएसएस की शाखाओं में भाग लेते थे। बाद में वह एबीवीपी में शामिल हो गए और इसी क्रम में उनके राजनीतिक सफर की शुरुआत हुई। 90 के दशक में वह भारतीय जनता युवा मोर्चा का हिस्सा बने। इस दौरान उनकी दोस्ती राहुल सिन्हा से हुई, जो 2009 में भाजपा के प्रदेश प्रमुख बने।
भाजपा में लगातार बढ़ा कद
भट्टाचार्य ने 2006 में श्यामपुकुर विधानसभा सीट और 2014 में बशीरहाट लोकसभा सीट से चुनाव लड़े, लेकिन हार गए। लेकिन उसी साल बशीरहाट दक्षिण विधानसभा उपचुनाव में उनकी जीत हुई। कहते हैं कि भट्टाचार्य को टीएमसी की तरफ से मंत्री बनने का मौका मिला, लेकिन उन्होंने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया। इधर भाजपा में लगातार उनका कद बढ़ता रहा।
शमिक भट्टाचार्य का नामांकन जब राज्यसभा के लिए हुआ, तो इसे भाजपा में उनके बढ़ते वर्चस्व के तौर पर देखा गया। भट्टाचार्य ने भाजपा के प्रवक्ता के रूप में भी अपनी छाप छोड़ी। उनका शांत व्यवहार उनके विरोधियों को भी निरुत्तर कर देता हैं। भट्टाचार्य के करीबी बताते हैं कि उन्होंने कभी भी पार्टी में किसी की शिकायत नहीं की।
(एजेंसी इनपुट के साथ)
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