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    ट्रंप का दांव पड़ा उल्टा! टैरिफ की वजह से भारत-चीन आए साथ, क्या अमेरिका ने अपने पैरों पर मार ली कुल्हाड़ी?

    अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ नीति के विरोध में भारत चीन और रूस एक साथ आए हैं। गलवान घाटी की घटना के बाद भारत और चीन के रिश्ते में आई खटास अब दूर होती दिख रही है। जल्द ही दोनों देशों के बीच सीधी फ्लाइट सर्विस शुरू होने की संभावना है। भारत सरकार ने एयरलाइनों को चीन के लिए उड़ानें शुरू करने के लिए तैयार रहने को कहा है।

    By Digital Desk Edited By: Piyush Kumar Updated: Wed, 13 Aug 2025 06:42 PM (IST)
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    ट्रंप की टैरिफ के फैसले की वजह से अमेरिका और चीन के रिश्तों में गरमाहट आई।(फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सोच है कि दूसरे देशों पर टैरिफ लगाकर वो अमेरिकी को मालामाल कर देंगे। हालांकि, भारत, चीन को नाराज कर ट्रंप अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मार रहे हैं।

    भारत, चीन और रूस ने एक सुर में ट्रंप की टैरिफ का विरोध किया है। वहीं, पिछले कुछ दिनों से तीनों देश के राजनेता एक दूसरे के संपर्क में हैं।

    इसी बीच जानकारी सामने आई है कि अगले महीने की शुरुआत से भारत और चीन के बीच सीधी फ्लाइट सर्विस की शुरुआत हो सकती है। साल 2020 में गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद दोनों देशों के रिश्ते में काफी कड़वाहट बढ़ गई थी। करीब पांच साल बाद दोनों देशों के बीच रिश्तों में फिर से गरमाहट बढ़ रही है।

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    भारत-चीन के बीच शुरू होगी डायरेक्ट फ्लाइट

    भारत सरकार ने कहा है कि एअर इंडिया और इंडिगो जैसी एयरलाइनों से कहा है कि चीन के लिए तुरंत उड़ाने शुरू करने के लिए तैयार रहें। कोरोना काल के बाद ये सर्विस बंद हो गई थी।

     न्यूज एजेंसी ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, भारत और चीन के बीच सीधी उड़ान सेवाओं को फिर से शुरू करने की तैयारी का आधिकारिक एलान अगस्त के अंत में होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन के दौरान हो सकता है।

    भारत को ये अहसास हो गया कि...

    बीजिंग स्थित थिंक टैंक सेंटर फॉर चाइना एंड ग्लोबलाइजेशन के अध्यक्ष हेनरी वांग ने समाचार एजेंसी को बताया कि भारत और चीन के रिश्ते लगातार बेहतर बन रहे हैं। ट्रंप के टैरिफ ने भारत को यह एहसास दिलाया है कि उन्हें किसी प्रकार की रणनीतिक स्वायत्तता और रणनीतिक स्वतंत्रता बनाए रखनी होगी।"

    पूर्व अमेरिकी अधिकारी ने की ट्रंप के फैसले की आलोचना  

    वहीं, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने चेतावनी दी है कि रूस को नुकसान पहुंचाने के इरादे से भारत के खिलाफ डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ उपायों का विपरीत प्रभाव पड़ सकता है, क्योंकि इससे भारत और चीन के व्यापारिक रिश्ते बेहतर बन रहे हैं।

    जॉन बोल्टन ने CNN को दिए एक इंटरव्यू में कहा, "भारत के विरुद्ध ट्रंप के टैरिफ का उद्देश्य रूस को नुकसान पहुंचाना है, लेकिन इससे भारत रूस के करीब आ सकता है और चीन इन टैरिफ का विरोध करेगा।"

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