'युद्ध के मैदान में नहीं निकलेगा समाधान', रूस-यूक्रेन वॉर संयुक्त राष्ट्र में क्या बोला भारत?
संयुक्त राष्ट्र में भारत ने यूक्रेन में संघर्ष को समाप्त करने के लिए बातचीत और कूटनीति को आगे बढ़ाने की बात कही है। भारत के स्थायी प्रतिनिधि पी. हरीश ने कहा कि नई दिल्ली संघर्ष को जल्द समाप्त करने के लिए राजनयिक प्रयासों का समर्थन करने को तैयार है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन में निर्दोष लोगों की जान जाना अस्वीकार्य है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र में भारत ने यूक्रेन में संघर्ष को समाप्त करने के लिए बातचीत और कूटनीति को आगे का रास्ता बताया।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पी. हरीश ने कहा कि नई दिल्ली संघर्ष को शीघ्र समाप्त करने के राजनयिक प्रयासों का समर्थन करने के लिए तैयार है। इसका स्थायी समाधान युद्ध के मैदान में नहीं निकलने वाला।
'नहीं जानी चाहिए निर्दोष लोगों की जान'
महासभा में 'यूक्रेन के अस्थायी रूप से कब्जे वाले क्षेत्रों की स्थिति' विषय पर आयोजित बहस को संबोधित करते हुए हरीश ने कहा कि भारत यूक्रेन की स्थिति को लेकर चिंतित है। हमारा मानना है कि निर्दोष लोगों की जान जाना अस्वीकार्य है और युद्ध के मैदान में इसका कोई समाधान नहीं निकाला जा सकता। यूक्रेन में संघर्ष का शीघ्र अंत सभी के हित में है।
'यह युद्ध का युग नहीं'
उन्होंने कहा कि जैसा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कई मौकों पर कहा है, 'यह युद्ध का युग नहीं है। भारत संघर्ष को शीघ्र समाप्त करने के राजनयिक प्रयासों का समर्थन करने के लिए तैयार है।
हरीश ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मौजूदा स्थिति पर राष्ट्रपति पुतिन, जेलेंस्की और यूरोपीय नेतृत्व के संपर्क में हैं। हमारा मानना है कि ये सभी कूटनीतिक प्रयास यूक्रेन में चल रहे संघर्ष को समाप्त करने और स्थायी शांति की संभावनाओं को खोलने में सहायक होंगे।
(न्यूज एजेंसी एएनआई के इनपुट के साथ)
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