अमेरिका के प्रभावशाली लोग भारत को बना रहे निशाना, वीजा और आव्रजन नीतियों को लेकर बना रहे निशाना
अमेरिका में H-1B वीजा के खिलाफ काफी पहले से ही आवाज बुलंद होती रही हैं। ऐसे काफी अमेरिकी हैं जो H-1B वीजा को लेकर भारतीयों से नफरत करते हैं। वहीं अब अमेरिकी दक्षिणपंथी टिप्पणीकारों ने भारत के खिलाफ एक अभियान छेड़ दिया है जिसमें सोशल मीडिया पर बढ़ती शत्रुतापूर्ण बहस में व्यापार तनाव और आव्रजन को मुद्दा बनाया जा रहा है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका में H-1B वीजा के खिलाफ काफी पहले से ही आवाज बुलंद होती रही हैं। ऐसे काफी अमेरिकी हैं जो H-1B वीजा को लेकर भारतीयों से नफरत करते हैं। वहीं, अब अमेरिकी दक्षिणपंथी टिप्पणीकारों ने भारत के खिलाफ एक अभियान छेड़ दिया है, जिसमें सोशल मीडिया पर बढ़ती शत्रुतापूर्ण बहस में व्यापार तनाव और आव्रजन को मुद्दा बनाया जा रहा है।
ट्रंप के सांसद ने साधा निशाना
ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी के सांसद एरिक श्मिट ने एक कार्यक्रम में कहा कि H-1B वीजा अमेरिका के लोगों के लिए परेशानी बनता जा रहा है। इसकी वजह से अमेरिकी काफी इंडस्ट्री विदेशियों के हाथों में जा रही हैं।
वीजा नीति को लेकर बोलीं फॉक्स न्यूज की एंकर
फॉक्स न्यूज की होस्ट लॉरा इंग्राहम ने एक्स पर लिखा कि यह मत भूलिए कि भारत के साथ किसी भी व्यापार समझौते के लिए हमें उन्हें और वीजा देने होंगे। मैं उन्हें वीजा और व्यापार घाटे के रूप में भुगतान नहीं करना चाहूँगी। मोदी को देखना चाहिए कि वह शी जिनपिंग से क्या शर्तें हासिल कर सकते हैं।
इसके बाद डोनाल्ड ट्रंप के समर्थक और टर्निंग पॉइंट यूएसए के संस्थापक चार्ली किर्क ने तुरंत दोहराया और आगे बढ़ाया, जिन्होंने भारतीय पेशेवरों पर अमेरिकी कामगारों को विस्थापित करने का आरोप लगाया।
उन्होंने लिखा कि अमेरिका को भारत से आने वाले लोगों के लिए और वीजा की जरूरत नहीं है। शायद किसी भी तरह के कानूनी आव्रजन ने अमेरिकी कामगारों को भारत से आने वाले लोगों जितना विस्थापित नहीं किया है। बस, बहुत हो गया। अब हम भर चुके हैं। आइए, आखिरकार अपने लोगों को प्राथमिकता दें।
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