विदेशी सहायता रोकने के लिए ट्रंप प्रशासन ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा, अरबों डॉलर का है मामला
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने विदेशी सहायता रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट से हस्तक्षेप की मांग की है जिससे अरबों डॉलर बचाने का दावा किया गया है। वॉशिंगटन की अदालत ने प्रशासन को विदेशी मदद के तौर पर चार बिलियन डॉलर जारी करने का आदेश दिया था जिसके खिलाफ न्याय विभाग ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने पूर्ववर्ती सरकार के शासनकाल में कांग्रेस की तरफ से अनुमोदित विदेशी सहायता को रोकने के लिए अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट से दखल देने की अपील की है।
प्रशासन का कहना है कि इससे अरबों डॉलर बचाए जा सकते हैं। गौरतलब है कि वॉशिंगटन स्थित अमेरिकी अदालत के जज आमिर अली ने प्रशासनिक अधिकारियों को आदेश दिया था कि विदेशी मदद के तौर पर चार बिलियन डालर जारी किया जाए। ट्रंप के कदम को चुनौती देनेवाले वादी के वकील के अनुसार न्याय विभाग ने सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले पर रोक लगाने की अपील की है।
क्या कहा गया याचिका में?
न्याय विभाग ने अपनी याचिका में कहा है कि चार बिलियन डालर की विवादित विदेशी सहायता अमेरिका की विदेश नीति के खिलाफ है। अमेरिकी कांग्रेस ने संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षक ऑपरेशन और दुनियाभर में लोकतंत्र को बढ़ावा देनेवाले प्रयासों के तहत विदेशी सहायता को मंजूरी दी थी।
कांग्रेस ने पिछले साल अरबों डालर विदेशी सहायता के लिए बजट में निर्धारित किया था, जिसमें से 11 अरब डालर को 30 सितंबर की समय सीमा से पहले खर्च या भुगतान किया जाना जरूरी है। मुकदमा दायर होने के बाद प्रशासन ने इस रकम में से केवल साढ़े छह अरब डालर खर्च करने की बात कही थी।
'ट्रंप ने की फंडिंग रोकने की कोशिश'
वहीं ट्रंप ने कांग्रेस को बाईपास करते हुए 'पाकेट रीसिशन' नाम के विशेषाधिकार का इस्तेमाल किया और अतिरिक्त चार अरब डॉलर की फंडिंग रोकने की कोशिश की। न्यायाधीश अली ने तीन सितंबर को कहा था कि प्रशासन ऐसे ही पैसा नहीं रोक सकता है। इसके लिए कानून में बदलाव करना होगा।
वहीं, ट्रंप के बजट निदेशक रसेल वाट ने तर्क दिया है कि राष्ट्रपति बजट रद करने का अनुरोध करने के बाद 45 दिनों तक धनराशि रोक सकते हैं, जो वित्तीय वर्ष के अंत तक चलेगा।
व्हाइट हाउस ने कहा कि इस रणनीति का आखिरी बार इस्तेमाल 1977 में किया गया था।कोलंबिया सर्किट डिस्टि्रक्ट के लिए अमेरिकी अपील न्यायालय ने 5 सितम्बर को 2-1 के बहुमत से फैसला सुनाते हुए अली के आदेश पर रोक लगाने से इंकार कर दिया, जिसके बाद प्रशासन ने सर्वोच्च न्यायालय में अपील की।
(न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)
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