ट्रंप ने शांति योजना मानने को यूक्रेन को दिया 27 तक का समय, जेलेंस्की बोले- देश के साथ गद्दारी नहीं कर सकता
अमेरिका ने युद्ध रोकने के लिए तैयार शांति योजना न मानने पर यूक्रेन को हथियार और खुफिया सूचनाएं देने पर रोक लगाने की चेतावनी दी है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन को शांति योजना स्वीकार करने के लिए 27 नवंबर तक का समय दिया है।

ट्रंप ने शांति योजना मानने को यूक्रेन को दिया 27 तक का समय (फोटो- रॉयटर)
रॉयटर, वाशिंगटन। अमेरिका ने युद्ध रोकने के लिए तैयार शांतियोजना न मानने पर यूक्रेन को हथियार और खुफिया सूचनाएं देने पर रोक लगाने की चेतावनी दी है। राष्ट्रपति डोनाल्डट्रंप ने यूक्रेन को शांति योजना स्वीकार करने के लिए 27 नवंबर तक का समय दिया है।
ट्रंप ने कहा- वह खूनखराबा रोकना चाहते हैं
ट्रंप ने कहा, वह लगभग चार वर्ष से चल रहा खूनखराबा रोकना चाहते हैं। जबकि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीरजेलेंस्की ने शांति योजना को यूक्रेन के हितों के अनुरूप न बताते हुए उसे अस्वीकार कर दिया है। कहा, वह यूक्रेन के साथ गद्दारी नहीं कर सकते हैं। यूरोपीय नेताओं ने भी इस मसले पर जेलेंस्की का समर्थन करते हुए ट्रंप की शांति योजना को खारिज कर दिया है।
जेलेंस्की ने कही ये बात
जेलेंस्की ने कहा, यूक्रेन इस समय सबसे मुश्किल समय से गुजर रहा है। उसे अपना गौरव और स्वतंत्रता खोनी होगी या फिर अमेरिकी समर्थन खोना होगा। इससे पहले यूक्रेन के शीर्ष अधिकारियों ने अमेरिका की शांति योजना को मानने से इनकार कर दिया था।
यूक्रेन की जीती भूमि पर रूसी कब्जा बरकरार
अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप गाजा की तरह यूक्रेन में भी शांति योजना लागू कर युद्ध रोकना चाहते हैं। पता चला है कि अमेरिका की 28 बिंदुओं वाली शांति योजना में ज्यादातर रूस की मुख्य मांगें शामिल हैं, इनमें यूक्रेन की जीती भूमि पर रूसी कब्जा बरकरार रहने वाली शर्त भी शामिल है।
पूर्वी यूक्रेन के जीते गए डोनेस्क और लुहांस्क प्रांत रूस अपने पास रखेगा जबकि अन्य प्रांतों की जीती जमीन यूक्रेन को वापस कर देगा। इसके अतिरिक्त यूक्रेन की सेना का आकार कम करने और नाटो में शामिल होने की इच्छा हमेशा के लिए छोड़ने जैसी शर्तें शामिल हैं।
शांति योजना के अनुसार युद्ध रुकने के बाद रूस पर लगे पश्चिमी देशों के प्रतिबंध धीरे-धीरे कर हटाए जाएंगे। रूस की जब्त संपत्ति वापस की जाएगी और उसे जी 7 देशों के समूह में सदस्य के तौर पर वापस लिया जाएगा।
इस शांति योजना में यूरोपीय यूनियन (ईयू) के देशों को अलग रखा गया है जबकि ये 27 देश यूक्रेन को हर तरह की मदद दे रहे हैं। ईयू की विदेशी मामलों की प्रमुख काजाकलास ने ब्रसेल्स में कहा है कि किसी भी योजना को यूक्रेन और ईयू को साथ रखकर क्रियान्वित करना होगा।
मसौदे के अंतिम रूप देने से पहले इसमें कई संशोधन हुए
अमेरिकी अधिकारियों ने कहा है कि शांति योजना का मसौदा यूक्रेन की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सचिव रुस्तमउमेरोव के सलाह-मशविरे से तैयार किया गया। मसौदे के अंतिम रूप देने से पहले इसमें कई संशोधन हुए और उसे राष्ट्रपति जेलेंस्की के समक्ष भी रखा गया था। लेकिन शुक्रवार को उमेरोव ने अमेरिकी अधिकारियों के बयान का खंडन कर दिया।
कहा, योजना की शर्तों के विषय में अमेरिकी अधिकारियों से विचार-विमर्श नहीं हुआ है। उमेरोव जुलाई तक यूक्रेन के रक्षा मंत्री थे और उन्हें राष्ट्रपति जेलेंस्की का विश्वस्त माना जाता है। गुरुवार को कीव में राष्ट्रपति जेलेंस्की से अमेरिकी सैन्य अधिकारियों ने मुलाकात की थी। उस दौरान उन्हें शांति योजना की प्रति सौंपी थी।
यूरोप जेलेंस्की के साथ लेकिन मेलोनी ने सुर बदले
शुक्रवार को यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से जर्मनी के चांसलरफ्रेडरिक मर्ज, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएलमैक्रों और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री किएरस्टार्मर ने फोन पर बात की। तीनों ही नेताओं ने यूक्रेन का पूर्ण समर्थन जारी रखने का आश्वासन दिया।
लेकिन इटली की प्रधानमंत्री जार्जियामेलोनी ने अमेरिका की योजना का समर्थन करते हुए यूक्रेन में शांति के लिए उसे लागू करने की जरूरत बताई है। शुक्रवार को अमेरिकी उप राष्ट्रपति जेडीवेंस ने जेलेंस्की से फोन पर बात कर शांति योजना का समर्थन करने के लिए कहा।
पुतिन ने स्वीकार की अमेरिका की शांति योजना
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि अमेरिका की शांति योजना का मसौदा रूस को प्राप्त हो गया है। इस योजना को लागू कर यूक्रेन युद्ध को खत्म कर वहां पर स्थायी शांति लाई जा सकती है। पुतिन के बयान से स्पष्ट है कि रूस ने अमेरिका की शांति योजना को स्वीकार कर लिया है। इससे पहले क्रेमलिननेकहाथाकि शांति योजना को लेकर यूक्रेन जिम्मेदारी का परिचय दे।

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