'ट्रंप को अब जाना होगा', डेमोक्रेट्स की जीत के बाद वॉशिंगटन में प्रदर्शनकारियों ने लगाए नारे
भारतीय मूल के डेमोक्रेट उम्मीदवारों की जीत के बाद वॉशिंगटन में ट्रंप विरोधी प्रदर्शन हुआ। प्रदर्शनकारियों ने 'ट्रंप को अब जाना होगा' जैसे नारे लगाए और राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाने की मांग की। चुनाव नतीजों से उत्साहित लोगों ने महसूस किया कि उनके मतदान ने लोकतंत्र के क्षरण के खिलाफ एक मजबूत संदेश दिया है। पादरी ओलिवर बुई ने कहा कि लोग प्रशासन के कार्यों के प्रति अधिक जागरूक हो रहे हैं।

वॉशिंगटन में ट्रंप विरोधी प्रदर्शन। (सोशल मीडिया)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय मूल के तीन डेमोक्रेट उम्मीदवारों - जोहरान ममदानी, आफताब पुरवाल और गजाला हाशमी की जीत से दूसरी बार अमेरिका के राष्ट्रपति बनने वाले डोनल्ड ट्रंप को बड़ा राजनीतिक झटका लगा है। ऐसा प्रतीत होता है कि डेमोक्रेट्स की इस जीत से ट्रंप विरोधियों को नई ऊर्जा मिली है।
नतीजों से उत्साहित हजारों लोग परिणामों के अगले दिन हाथों में बैनर लिए वॉशिंगटन में 'फासीवाद विरोधी' प्रदर्शन में शामिल हुए। चुनावों के बाद यह पहला बड़ा ट्रंप विरोधी प्रदर्शन था। तरह-तरह के परिधानों में एकत्र हुए लोगों ने ''ट्रंप को अब जाना होगा'' जैसे नारे लगाए।
डेमोक्रेट्स की जीत अमेरिका में बदलाव के संकेत
डेमोक्रेट्स की इस जीत ने देश में सियासी बयार के रुख में बदलाव का संकेत दिया है और इसका एहसास मतदान समाप्त होने के घंटों बाद भी प्रदर्शनकारियों को हो रहा था। नए जोश से भरे प्रदर्शनकारियों ने महसूस किया कि उनके मतदान ने यह संदेश दिया है कि उनका मुद्दा, जिसे वे राष्ट्रपति के अतिक्रमण और देश के लोकतंत्र के क्षरण के रूप में देखते हैं, चुनावी रूप से फलदायी हो रहा है।
'ट्रंप को राष्ट्रपति पद से हटाओ' के बैनर लेकर पहुंचे प्रदर्शनकारी
उनके हाथों में 'ट्रंप पर महाभियोग चलाने, उन्हें दोषी ठहराने और उन्हें राष्ट्रपति पद से हटाने' लिखे बैनर थे। यह विरोध प्रदर्शन देशव्यापी ''नो किंग्स'' प्रदर्शनों के बाद हुआ। दोनों ही प्रदर्शन सरकारी शटडाउन की पृष्ठभूमि में हुए हैं। इस शटडाउन से न केवल संघीय कार्यक्रम और कई महत्वपूर्ण सेवाएं बंद हुई हैं, बल्कि यह सत्ता के मूल संतुलन की भी परीक्षा ले रहा है।
लोग प्रशासन के कार्यों के प्रति अधिक जागरूक हो रहे- वरिष्ठ पादरी
बहरहाल, लॉस एंजिलिस स्थित कम्युनिटी प्रेस्बिटेरियन चर्च के वरिष्ठ पादरी रेव. ओलिवर बुई ने कहा कि चुनाव नतीजों से पता चलता है कि लोग प्रशासन के कार्यों के प्रति अधिक जागरूक हो रहे हैं।
इस विरोध-प्रदर्शन में भाग लेने के लिए फिलाडेल्फिया से ट्रेन से वॉशिंगटन पहुंचे 75 वर्षीय थामस ओलिवर ने कहा, ''हम उम्मीद करते हैं कि हमें कभी यहां विरोध करने के लिए नहीं आना पड़े, मगर वे (राष्ट्रपति) संविधान का उल्लंघन कर रहे हैं।'' उन्होंने कहा कि नतीजों से संकेत मिलता है कि अमेरिकी मतदाता ट्रंप की नीतियों पर बड़ी बारीकी एवं गंभीरता से नजर रख रहे हैं।
(समाचार एजेंसी एपी के इनपुट के साथ)

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