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    टैरिफ पर 'सुप्रीम' सुनवाई से पहले ट्रंप का बयान, अगर किसी राष्ट्रपति को इसकी अनुमति नहीं दी जाती तो...

    Updated: Mon, 03 Nov 2025 07:26 AM (IST)

    अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ पर सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई को ऐतिहासिक बताया है। उन्होंने कहा कि अगर राष्ट्रपति को टैरिफ लगाने की अनुमति नहीं दी जाती, तो अमेरिका कमजोर हो जाएगा। ट्रंप ने टैरिफ को आर्थिक मजबूती और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण बताया। इस मामले की सुनवाई 5 नवंबर को होनी है।

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    अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप। (फाइल)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने टैरिफ पर सुप्रीम कोर्ट में आने वाले मामले को अमेरिकी इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण मामलों में से एक बताया और कहा कि यह फैसला देश की आर्थिक मजबूती और सुरक्षा का निर्धारण करेगा। शीर्ष अदालत के न्यायाधीश 5 नवंबर को इस मामले की सुनवाई करेंगे।

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    ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में, ट्रंप ने लिखा, "अगले हफ्ते टैरिफ पर होने वाला मामला देश के इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण मामलों में से एक है। अगर किसी राष्ट्रपति को टैरिफ लगाने की अनुमति नहीं दी जाती है, तो हम दुनिया भर के अन्य सभी देशों, खासकर 'बड़े देशों' के मुकाबले भारी नुकसान में होंगे। सही मायने में, हम असहाय होंगे!"

    ट्रंप ने कहा कि टैरिफ ने उनके राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान "अत्यधिक धन और राष्ट्रीय सुरक्षा" में योगदान दिया है।

    मेरे कार्यकाल में शेयर बाजार कई बार उच्च स्तर पर पहुंचा- ट्रंप

    उन्होंने आगे कहा, "मेरे कार्यकाल के छोटे से समय में शेयर बाजार कई बार सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया है, लगभग कोई मुद्रास्फीति नहीं रही, और राष्ट्रीय सुरक्षा बेजोड़ रही।"

    उन्होंने चीन और अन्य देशों के साथ अमेरिका की हालिया व्यापार वार्ताओं का उदाहरण देते हुए कहा कि कैसे टैरिफ के प्रभाव ने "निष्पक्ष और टिकाऊ सौदे" किए।

    ...तो हम असहाय हो जाएंगे- ट्रंप

    ट्रंप ने लिखा, "अगर राष्ट्रपति टैरिफ की शक्ति का तेजी से और कुशलता से इस्तेमाल नहीं कर पाते, तो हम असहाय हो जाएंगे, और शायद हमारे राष्ट्र का विनाश भी हो सकता है।" उन्होंने दावा किया कि विरोध "उन विदेशी देशों से आ रहा है जिन्होंने वर्षों से हमारा फायदा उठाया है, जो हमारे देश से नफरत करते हैं और डेमोक्रेट्स से, क्योंकि हमारी संख्या बहुत ज्यादा है।"

    ट्रंप ने कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट के सत्र में व्यक्तिगत रूप से शामिल नहीं होंगे, और कहा, "मैं बुधवार को कोर्ट नहीं जाऊंगा क्योंकि मैं इस फैसले के महत्व से ध्यान भटकाना नहीं चाहता।"

    ये फैसला देश के सबसे फैसलों में से एक होगा- ट्रंप

    उन्होंने लिखा, "मेरी राय में, यह संयुक्त राज्य अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट द्वारा लिए गए अब तक के सबसे महत्वपूर्ण फैसलों में से एक होगा। अगर हम जीतते हैं, तो हम दुनिया में अब तक का सबसे अमीर और सबसे सुरक्षित देश होंगे। अगर हम हार गए, तो हमारा देश लगभग तीसरी दुनिया के दर्जे में सिमट सकता है - ईश्वर से प्रार्थना है कि ऐसा न हो!"

    सीएनएन की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस मामले में इस बात पर विचार किया जाएगा कि क्या ट्रंप के पास अंतर्राष्ट्रीय आपातकालीन आर्थिक शक्ति अधिनियम (आईईईपीए) नामक कानून का हवाला देकर टैरिफ लगाने का कानूनी अधिकार था।

    इस साल की शुरुआत में ट्रंप ने भारत और ब्राजील जैसे प्रमुख व्यापारिक साझेदारों पर आयात शुल्क बढ़ाकर 50% और चीन पर 145% तक कर दिया था।

    सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रपति के खिलाफ फैसले का मतलब सभी टैरिफ को अचानक रद्द करना नहीं है, लेकिन इसका नतीजा ट्रंप की आर्थिक रणनीति को पूरी तरह से बदल सकता है।

    सीएनएन के अनुसार, अमेरिकी सीमा शुल्क और सीमा सुरक्षा विभाग के आंकड़ों से पता चलता है कि 23 सितंबर तक, अमेरिकी कंपनियों ने विवादित आईईईपीए टैरिफ के रूप में लगभग 90 अरब डॉलर का भुगतान कर दिया था, जो 30 सितंबर को समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष 2025 में एकत्रित कुल टैरिफ राजस्व के आधे से भी अधिक है।

    (समाचार एजेंसी एएनआइ के इनपुट के साथ)

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