'ड्रग्स के नाम पर हत्या स्वीकार्य नहीं', UN ने नौकाओं पर अमेरिकी नौसेना के हमलों को बताया- अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन
संयुक्त राष्ट्र ने अमेरिकी नौसेना द्वारा नौकाओं पर किए गए हमलों की आलोचना की है। UN का कहना है कि 'ड्रग्स के नाम पर हत्या' अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है और स्वीकार्य नहीं है। मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय (OHCHR) ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि नशीली दवाओं के खिलाफ लड़ाई के नाम पर मानवाधिकारों का उल्लंघन नहीं किया जा सकता। UN ने पारदर्शिता और जवाबदेही की मांग की है।

संयुक्त राष्ट्र। (फाइल)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख ने अमेरिकी सेना की ओर से दक्षिण अमेरिकी नौकाओं पर किए जा रहे हमले पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि दक्षिण अमेरिका से कथित तौर पर अवैध ड्रग्स ले जाने वाले नौकाओं पर अमेरिकी सैन्य हमले अस्वीकार्य हैं और इन्हें रोका जाना चाहिए।
संयुक्त राष्ट्र के किसी संगठन की ओर से शुक्रवार को की गई निंदा अपनी तरह की पहली निंदा है। राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने नौकाओं पर हमलों को अमेरिका में मादक पदार्थों के प्रवाह को रोकने के लिए उचित ठहराया है।
वोल्कर तुर्क ने जांच की मांग की
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय की प्रवक्ता रवीना शमदासानी ने बताया कि मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर तुर्क ने हमलों की जांच की मांग की है और कहा कि सितंबर की शुरुआत से इस क्षेत्र में नौकाओं पर हुए हमलों में 60 से अधिक लोग मारे गए हैं। ये हमले और उनकी बढ़ती मानवीय क्षति अस्वीकार्य है।
नौकाओं पर अमेरिकी हमले मानवाधिकार कानून का उल्लंघन
उन्होंने कहा कि तुर्क का मानना है कि कैरिबियन और प्रशांत महासागर में नौकाओं पर अमेरिका द्वारा किए गए हवाई हमले अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून का उल्लंघन करते हैं। ये हमले और उनकी बढ़ती मानवीय क्षति अस्वीकार्य है। अमेरिका को ऐसे हमलों को रोकना चाहिए और इन नौकाओं पर सवार लोगों की न्यायेतर हत्या को रोकने के लिए सभी आवश्यक उपाय करने चाहिए।
शमदासानी ने कहा कि देश लंबे समय से इस बात पर सहमत हैं कि अवैध मादक पदार्थ तस्करी के खिलाफ लड़ाई एक कानून प्रवर्तन मामला है, जो घातक बल के उपयोग पर सावधानीपूर्वक सीमाएं लगाकर नियंत्रित होता है।
(समाचार एजेंसी एपी के इनपुट के साथ)
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