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    US: 'ताइवान की स्वतंत्रता का समर्थन नहीं करता अमेरिका', बाइडन प्रशासन को सता रहा इस बात का डर

    By Agency Edited By: Nidhi Avinash
    Updated: Sun, 14 Jan 2024 11:34 AM (IST)

    चीन की धमकी के बावजूद ताइवान के मतदाताओं ने तीसरी बार लाई चिंग ते को अपना राष्ट्रपति चुना। शनिवार के चुनावों पर प्रतिक्रिया मांगे जाने पर (Joe Biden) बाइडन ने कहा हम स्वतंत्रता का समर्थन नहीं करते है।मतदान शुरू होने से कुछ घंटे पहले वाशिंगटन ने चेतावनी दी थी कि चुनाव में हस्तक्षेप करना किसी भी देश के लिए अस्वीकार्य होगा। ताइवान पर चीन अपना दावा करता आ रहा है।

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    अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन (Left) ताइवान राष्ट्रपति लाई चिंग ते (Right)

    रॉयटर्स, वाशिंगटन। चीन की धमकी के बावजूद ताइवान के मतदाताओं ने तीसरी बार लाई चिंग ते को अपना राष्ट्रपति चुना। सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी के नेता लाई चिंग ते ताइवान के तीसरी बार राष्ट्रपति घोषित किए गए। इन सभी के बीच अब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन का बड़ा बयान आया है। उन्होंने शनिवार को कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका ताइवान की स्वतंत्रता का समर्थन नहीं करता है।

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    शनिवार के चुनावों पर प्रतिक्रिया मांगे जाने पर बाइडन ने कहा, 'हम स्वतंत्रता का समर्थन नहीं करते है।'मतदान शुरू होने से कुछ घंटे पहले, वाशिंगटन ने चेतावनी दी थी कि चुनाव में हस्तक्षेप करना 'किसी भी' देश के लिए अस्वीकार्य होगा। बता दें कि ताइवान, एक पड़ोसी द्वीप है जिस पर चीन अपना दावा करता आ रहा है।

    औपचारिक राजनयिक संबंधों की कमी के बावजूद अमेरिका ताइवान का सबसे महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय समर्थक और हथियार आपूर्तिकर्ता है। बाइडन प्रशासन को डर है कि चुनाव, परिवर्तन और नए प्रशासन से बीजिंग के साथ संघर्ष और बढ़ जाएगा। बता दें कि बाइडन ने चीन के साथ संबंधों को सुचारू बनाने के लिए काम किया है, जिसमें नवंबर में राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ कैलिफोर्निया शिखर सम्मेलन में सुरक्षा मामलों पर मतभेदों को दूर करने पर सहमति शामिल है।

    दो वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने कहा कि ताइवान की सरकार को उम्मीद है कि चीन मतदान के बाद उसके आने वाले राष्ट्रपति पर दबाव बनाने का प्रयास करेगा, जिसमें द्वीप के पास सैन्य युद्धाभ्यास भी शामिल है। चीन ने ताइवान को अपने नियंत्रण में लाने के लिए बल प्रयोग से कभी परहेज नहीं किया है। अधिकारी के अनुसार, प्रतिनिधिमंडल में कुछ पूर्व उच्च पदस्थ अमेरिकी अधिकारियों के शामिल होने की संभावना है। बता दें कि पहले भी इसी तरह के प्रतिनिधिमंडल ताइवान भेजे गए हैं।

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