वेनेजुएला के पास अमेरिका ने तैनात किए सबमरीन और F-35 फाइटर जेट, अचानक सेना बढ़ाने के पीछे क्या है वजह?
अमेरिका ने वेनेजुएला के पास अपनी सैन्य ताकत बढ़ा दी है जिसका आधिकारिक कारण लैटिन अमेरिकी ड्रग कार्टेल्स से निपटना बताया जा रहा है। राष्ट्रपति ट्रंप ने ड्रग्स ले जा रही नाव को नष्ट करने का दावा किया जिससे दोनों देशों के रिश्ते और तनावपूर्ण हो गए हैं। वेनेजुएला के राष्ट्रपति मादुरो ने इसे खतरे के रूप में खारिज किया है और मिलिशिया में शामिल होने की अपील की है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका ने वेनेजुएला के पास अपनी सैन्य ताकत और बढ़ा दी है। आधिकारिक तौर पर तो यह कदम लैटिन अमेरिकी ड्रग कार्टेल्स से निपटने के लिए बताया जा रहा है, लेकिन इसने वेनेजुएला की राजनीति और लोगों में हलचल पैदा कर दी है।
अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में दावा किया था कि उनकी सेना ने ड्रग्स ले जा रही एक नाव को नष्ट किया है, जिसमें 11 लोग मारे गए। इस कार्रवाई के बाद दोनों देशों के रिश्ते और तनावपूर्ण हो गए हैं।
क्या-क्या किया तैनात?
अमेरिका ने प्यूर्टो रिको में 10 F-35 लड़ाकू विमान भेजे हैं, जो ड्रग कार्टेल्स पर कार्रवाई करेंगे। इसके अलावा कैरेबियाई सागर में अमेरिकी नौसेना के कई जहाज मौजूद हैं, जिनमें मिसाइल विध्यवंसक जहाज और तीन बड़े सबमरीन भी शामिल हैं।
कुल मिलाकर 4 हजार से ज्यादा मरीन और नौसेनिक इस मिशन का हिस्सा बताए जा रहे हैं। नेवी प्रमुख एडमिरल डैरल कॉडल ने कहा कि उनकी जिम्मेदारी राष्ट्रपति और रक्षा मंत्री को सैन्य विकल्प देना है। हालांकि, उन्होंने यह साफ नहीं किया कि असली लक्ष्य क्या है।
वेनेजुएला के राष्ट्रपति ने क्या कहा?
इस बढ़ती सैन्य गतिविधि पर वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने कहा कि 90% से ज्यादा लोग अमेरिका के इन खतरों को खारिज करते हैं। उन्होंने दावा किया कि वेनेजुएला में कोका की खेती नहीं होती और यह देश ड्रग्स उत्पादन से मुक्त है। मादुरो ने कहा कि अमेरिका हमेशा देशों को बदनाम करने के लिए अलग-अलग आरोप लगाता रहा है।
साथ ही, मादुरो ने लोगों से अपील की है कि वे मिलिशिया में शामिल हों ताकि किसी भी हमले की स्थिति में सेना की मदद की जा सके। सरकार का दावा है कि मिलिशिया की संख्या 45 लाख से ज्यादा है, लेकिन असलियत में यह आंकड़ा काफी कम माना जा रहा है।
विपक्ष का सरकार पर निशाना
विपक्षी नेता मारिया कोरीना मचाडो ने ट्रंप प्रशासन का समर्थन किया है और कहा कि अब बदलाव का समय आ गया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि सरकार की भर्ती मुहिम नाकाम रही क्योंकि लोग शामिल नहीं हुए। हालांकि, जानकारों का मानना है कि विपक्ष बार-बार अमेरिकी हस्तक्षेप की उम्मीद जगा रहा है, जिससे जनता की उम्मीदें टूटती हैं।
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