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    अमेरिका में शटडाउन के लगातार बदतर हो रही स्थिति, एयर ट्रैफिक कंट्रोलर की कमी से उड़ानों में देरी

    Updated: Mon, 03 Nov 2025 06:00 AM (IST)

    अमेरिका में सरकारी शटडाउन के कारण हालात बिगड़ रहे हैं। एयर ट्रैफिक कंट्रोलर की कमी से उड़ानों में देरी हो रही है, जिससे यात्रियों को परेशानी हो रही है। खाद्य सहायता कार्यक्रम भी प्रभावित हुआ है, और लोगों को भोजन और स्वास्थ्य सेवाओं में कठिनाई हो रही है। राजनीतिक गतिरोध के कारण स्थिति में सुधार की कोई उम्मीद नहीं दिख रही है।

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    अमेरिका में उड़ानों में देरी। (फाइल)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका में सरकारी शटडाउन दूसरे महीने में प्रवेश कर गया है। इस वजह से वहां एयर ट्रैफिक कंट्रोलर की कमी के कारण हवाई अड्डों पर उड़ानों में देरी का क्रम जारी है। रविवार को न्यू जर्सी के नेवार्क हवाई अड्डे पर उड़ानों में निर्धारित समय से दो से तीन घंटे की देरी हुई।

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    न्यूयार्क शहर के इमरजेंसी मैनेजमेंट ऑफिस ने एक्स पर कहा कि नेवार्क में देरी अक्सर क्षेत्र के अन्य हवाई अड्डों तक फैल जाती है। न्यूयार्क से आने-जाने वाले या वहां से होकर जाने वाले यात्रियों को शेड्यूल में बदलाव, गेट पर इंतजार इत्यादि के लिए तैयार रहना चाहिए। हवाई अड्डे पर आने से पहले यात्रियों को उड़ान का शेड्यूल चेक कर लेना चाहिए।

    एयर ट्रैफिक कंट्रोलर की कमी से उड़ानों में देरी

    ह्यूस्टन में जार्ज बुश इंटरकांटिनेंटल एयरपोर्ट, डलास फोर्ट वर्थ इंटरनेशनल एयरपोर्ट और शिकागो ओ'हारे में भी दर्जनों उड़ानों में विलंब हुआ। सैन फ्रांसिस्को, लास एंजिल्स, डेनवर और मियामी के प्रमुख हवाई अड्डों पर भी यही स्थिति थी।

    फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन ने शुक्रवार को एक्स पर कहा था कि लगभग 13,000 एयर ट्रैफिक कंट्रोलर हफ्तों से बिना सैलरी के काम कर रहे हैं। वहीं, शटडाउन की वजह से कई एयर ट्रैफिक कंट्रोलरों ने छुट्टी ले ली है और दूसरे काम कर रहे हैं।

    खाद्य सहायता पर अनिश्चितता गहरा

    एपी के अनुसार, शटडाउन की वजह से संघीय खाद्य सहायता कार्यक्रम को देरी का सामना करना पड़ रहा है और लाखों अमेरिकियों के स्वास्थ्य बीमा के बिलों में भारी वृद्धि होने की आशंका है। शटडाउन का लोगों की भोजन एवं चिकित्सा देखभाल जैसी बुनियादी जरूरतों पर प्रभाव पड़ा है। संघीय कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला है।

    सरकार की कई कल्याणकारी योजनाओं पर भी असर पड़ा है। लोगों में हताशा और निराशा है। लेकिन दोनों राजनीतिक दलों में गतिरोध समाप्त करने के प्रति कोई जल्दी दिखाई नहीं दे रही है और दोनों अपने-अपने रुख पर अड़े हुए हैं।

    (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)