ट्रंप का एक और नया फैसला, अमेरिकी वीजा के लिए भरने होंगे 12.5 लाख रुपये; जानें किन देशों के नागरिक होंगे प्रभावित
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने कुछ खास देशों के लिए वीजा जारी करने से पहले 15 हजार डॉलर तक का सिक्योरिटी बॉन्ड जमा करने की शर्त रखी है। यह नियम टूरिज्म या बिजनेस वीजा के लिए आवेदन करने वालों पर लागू होगा जिनके देश वीजा ओवरस्टे के मामलों में शामिल हैं। विदेश विभाग ने इसे पायलट प्रोग्राम के तहत लागू किया है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने एक बड़ा फैसला लेते हुए कुछ खास देशों के लिए वीजा देने से पहले 15 हजार डॉलर (लगभग 12.5 लाख रुपये) तक का सिक्योरिटी बॉन्ड जमा करने की शर्त रखी है।
यह नियम उन लोगों पर लागू होगा जो अमेरिका टूरिज्म (B-2) या बिजनेस (B-1) वीजा के लिए आवेदन करेंगे और जिनके देश वीजा ओवरस्टे यानी तय समय से ज्यादा रुकने के मामले में शामिल है।
पायलट प्रोग्राम के तहत लागू होगा नियम
अमेरिकी विदेश विभाग ने यह नियम सोमवार को एक 'टेम्पररी फाइनल रेग्युलेशन' के जरिए लागू किया है। यह 12 महीने का एक पायलट प्रोग्राम है, इस दौरान इसका असर और परिणाम देखा जाएगा।
कौन-कौन होंगे प्रभावित?
अमेरिका ने कहा कि उन देशों के लोगों पर यह बॉन्ड नियम लागू होगा जहां वीजा ओवरस्टे की दर काफी ज्यादा है। इसके अलावा जिन देशों की डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन सिस्टम कमजोर है या जो 'सिटिजनशिप बाय इन्वेस्टमेंट' स्कीम के तहत बिना निवास के नागरिकता देते हैं, उनके नागरिकों को भी इस नियम का सामना करना पड़ सकता है।
कितनी फीस भरनी होगी?
वीजा देने से पहले बॉन्ड की रकम 5 हजार डॉलकर से लेकर 15 हजार डॉलकर तक हो सकती है। यह रकम इस बात पर निर्भर करेगी कि आवेदक किस देश से है और वीजा अधिकारियों का क्या आकलन है।
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