ट्रंप टैरिफ की धमकियों के बाद कनाडा के लोगों को कैसे समझाएंगे मार्क कार्नी?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कनाडा के आयात पर टैरिफ बढ़ाने के बाद, प्रधानमंत्री मार्क कार्नी जनता को शांत करने की कोशिश कर रहे हैं। इस कदम ने व्यापार तनाव को फिर से बढ़ा दिया है। कार्नी सरकार व्यापार वार्ता फिर से शुरू करने और अमेरिका पर निर्भरता कम करने के लिए कनाडाई व्यापार का ध्यान एशिया की ओर मोड़ने की योजना बना रही है।

कनाडा के पीएम की बढ़ी मुश्किलें। (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने कनाडा के इंपोर्ट पर 10 प्रतिशत टैरिफ और बढ़ा दिया है। इस बीच प्रधानमंत्री मार्क कार्नी देश की जनता को शांत और नियंत्रित माहौल दिखाने की कोशिश कर रहे हैं। दरअसल, इस बढ़ोतरी ने ट्रेड टेंशन को फिर से भड़का दिया है। वहीं, कार्नी उम्मीद कर रहे थे कि ये कम हो जाएगी।
अमेरिका और कनाडा एक बार फिर बड़े पैमाने पर ट्रेड वॉर की कगार पर हैं। ट्रंप टैरिफ का नया डोज तब आया है जब दोनों देश पिछले टैरिफ को लेकर अभी भी बातचीत कर रहे थे। कार्नी के लिए मुश्किलें और बढ़ गई हैं। उन्हें कनाडा के बिजनेस ग्रुप्स और उपभोक्ताओं का भरोसा जीतना होगा और साथ ही साथ अमेरिका को भी दिखाना होगा कि इस तरह के उठाए गए कदमों से कनाडा को डराया नहीं जा सकता।
ट्रंप ने क्यों लगाया कनाडा पर एक्स्ट्रा टैरिफ?
खबरों की बात करें तो वर्ल्ड सीरीज के गेम 1 के दौरान ओंटारियो सरकार के पैसे से बने एक ऐड के आने के बाद ट्रंप ने कनाडा के इंपोर्ट पर 10% की बढ़ोतरी का ऐलान किया। ऐड में 1980 के दशक की रोनाल्ड रीगन की फुटेज का इस्तेमाल किया गया था जिसमें वे टैरिफ की आलोचना कर रहे थे, ट्रंप का दावा है कि इसे संदर्भ से बाहर लिया गया था।
उन्होंने ऐड को तुरंत हटाने की मांग की और कनाडा पर धोखाधड़ी वाला प्रोपेगैंडा चलाने का आरोप लगाया। ओंटारियो के प्रीमियर डग फोर्ड ने कहा कि वह वीकेंड के बाद ऐड हटा देंगे, लेकिन उससे पहले ही नुकसान हो चुका था। ट्रंप ने अचानक ड्रेड बातचीत रोक दी और टैरिफ थोप दिया।
कार्नी ने क्या कहा?
आसियान समिट में शामिल होने के लिए कुआलालंपुर पहुंचे कार्नी ने कहा कि उनकी सरकार ट्रेड बातचीत फिर से शुरू करने के लिए तैयार है और अगले दो हफ्तों में महत्वाकांक्षी बजट पेश करेगी।
उन्होंने विविधीकरण पर जोर दिया और अमेरिका पर निर्भरता कम करने के लिए कनाडाई ट्रेड का ध्यान एशिया की ओर मोड़ दिया। कार्नी ने अगले साल तक ASEAN देशों के साथ एक फ्री-ट्रेड डील को फाइनल करने के प्लान की भी पुष्टि की, साथ ही फिलीपींस के साथ एक पैरेलल पैक्ट भी किया।

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