चीन में सबकुछ ठीक है? अपने ही करीबियों को क्यों गिरफ्तार करवा रहे राष्ट्रपति शी चिनफिंग
सिंगापुर में चीन की पूर्व राजदूत सुन हाइयान को हिरासत में लिया गया है। कम्युनिस्ट पार्टी के अंतरराष्ट्रीय विभाग की उप-मंत्री सुन को लियू जियानचाओ की जांच से जोड़कर देखा जा रहा है जिनसे पहले पूछताछ हुई थी। दोनों राजनयिकों से पूछताछ की वजह स्पष्ट नहीं है। यह घटनाक्रम चीन की विदेश नीति और शीर्ष नेतृत्व को लेकर अनिश्चितता दर्शाता है।
रॉयटर्स, सिंगापुर। चीन की राजनयिक महकमे में एक बार फिर हड़कंप मच गया है। खबर है कि एक और वरिष्ठ राजनयिक को हिरासत में लिया गया है, जिससे देश की विदेश नीति और शीर्ष नेतृत्व पर सवाल उठ रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक, सिंगापुर में चीन की पूर्व राजदूत और कम्युनिस्ट पार्टी के अंतरराष्ट्रीय विभाग की उप-मंत्री सुन हाइयान को अगस्त की शुरुआत में हिरासत में लिया गया। बता दें कुछ दिन पहले चीन के संभावित विदेश मंत्री के उम्मीदवार लियू जियानचाओ से भी पूछताछ शुरू हुई थी।
सुन हाइयान कम्युनिस्ट पार्टी के अंतरराष्ट्रीय विभाग की पहली महिला उप-मंत्री हैं। उनको लियू की जांच से जोड़कर देखा जा रहा है। तीन सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि दोनों राजनयिकों से किस वजह से पूछताछ हो रही है। सूत्रों ने अपनी पहचान गुप्त रखने की शर्त पर यह जानकारी दी, क्योंकि मामला बेहद संवेदनशील है।
जिनपिंग की विदेश नीति पर उठते सवाल
लियू जियानचाओ की हिरासत उस समय हुई, जब वह सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका और अल्जीरिया की दौरे से लौटे थे। अगस्त की शुरुआत में उनके घर की तलाशी भी ली गई।
सुन हाइयान का नाम इससे पहले तब सुर्खियों में आया, जब वह 1 अगस्त को बीजिंग में नेपाल के दूतावास द्वारा आयोजित एक समारोह में नजर आई थीं। इसके बाद उनकी कोई सार्वजनिक उपस्थिति नहीं दर्ज की गई।
चीन की विदेश नीति के लिए यह समय पहले से ही चुनौतीपूर्ण है। अमेरिका के साथ व्यापार और भू-राजनीतिक प्रभाव को लेकर तनाव बढ़ रहा है। ऐसे में सुन और लियू जैसे प्रमुख राजनयिकों की हिरासत ने अनिश्चितता को और गहरा कर दिया है। दोनों के प्रोफाइल अभी भी अंतरराष्ट्रीय विभाग की वेबसाइट पर मौजूद हैं, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका। यह भी स्पष्ट नहीं है कि दोनों अभी भी हिरासत में हैं या नहीं।
कौन हैं सुन हाइयान?
सुन हाइयान 53 वर्षीय राजनयिक हैं। उन्होंने 1997 में कम्युनिस्ट पार्टी के अंतरराष्ट्रीय विभाग में अपने करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के साथ संबंधों को संभालने वाली ब्यूरो की प्रमुख और प्रवक्ता जैसी कई अहम जिम्मेदारियां निभाईं। 2008 में वह शेडोंग प्रांत के जिबो शहर में जिला पार्टी समिति की अधिकारी भी रहीं।
सुन ने पेकिंग यूनिवर्सिटी से कानून में डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की है और जापान की क्यूशू यूनिवर्सिटी में भी पढ़ाई की है। मई 2022 से जुलाई 2023 तक सिंगापुर में राजदूत के तौर पर उनकी तैनाती थी। अपने कार्यकाल के अंत में उन्होंने सिंगापुर के एक लग्जरी होटल में 500 लोगों के लिए एक भव्य स्वागत समारोह आयोजित किया था, जिसकी खबरें चीनी मीडिया में छाई रहीं।
चीन की सियासत में बढ़ता संदेह
लियू जियानचाओ की हिरासत को 2023 में पूर्व विदेश मंत्री किन गांग के अचानक गायब होने के बाद सबसे बड़े राजनयिक हादसे के तौर पर देखा जा रहा है। राष्ट्रपति शी जिनपिंग के करीबी माने जाने वाले किन गांग को बिना किसी स्पष्टीकरण के पद से हटा दिया गया था।
चीन की स्टेट काउंसिल सूचना कार्यालय और अंतरराष्ट्रीय विभाग ने इस मामले पर रॉयटर्स के सवालों का कोई जवाब नहीं दिया। सुन और लियू की हिरासत ने न केवल चीन की विदेश नीति को लेकर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि यह भी दिखाया है कि देश के शीर्ष नेतृत्व में कितनी अनिश्चितता बनी हुई है।
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