चीन ने ट्रंप के खिलाफ खोला मोर्चा, अमेरिका की पांच सहायक कंपनियों पर लगाए प्रतिबंध
चीन ने दक्षिण कोरियाई जहाज निर्माता कंपनी हनव्हा ओशन की पांच अमेरिकी सहायक कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिए हैं। इससे अब चीन और अमेरिका के बीच अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध तेज हो गया है। चीन ने इस कदम के जरिए अमेरिका के समुद्री प्रभुत्व को चुनौती दी है।

चीन ने अमेरिका पांच कंपनियों पर लगाए प्रतिबंध (फोटो- रॉयटर)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चीन और अमेरिका के बीच कोल्ड लगातार जारी है और इस कड़ी में चीन ने अमेरिका के खिलाफ बड़ा कदम उठाया है। चीन ने दक्षिण कोरियाई जहाज निर्माता कंपनी हनव्हा ओशन की पांच अमेरिकी सहायक कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिए हैं। इससे अब चीन और अमेरिका के बीच अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध तेज हो गया है।
चीन ने इस कदम के जरिए अमेरिका के समुद्री प्रभुत्व को चुनौती दी है। दक्षिण कोरियाई जहाज निर्माता कंपनी हनव्हा ओशन के शेयरों में मंगलवार को आठ फीसदी से अधिक की गिरावट आई है।
चीनी के वाणिज्य मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, चीन ने हनव्हा शिपिंग एलएलसी, हनव्हा फिली शिपयार्ड इंक, हनव्हा ओशन यूएसए इंटरनेशनल एलएलसी, हनव्हा शिपिंग होल्डिंग्स एलएलसी और एचएस यूएसए होल्डिंग्स कॉर्प पर प्रतिबंध लगाए हैं।
हनव्हा यूएसए की प्रवक्ता लिंडा जॉनसन ने कहा कि हमें चीनी वाणिज्य मंत्रालय की घोषणा की जानकारी है और हम फिलहाल इसके विवरण की समीक्षा कर रहे हैं। हनव्हा अपने ग्राहकों को विश्वस्तरीय समुद्री सेवाएं प्रदान करना जारी रखेगा, जिसमें अमेरिकी समुद्री उद्योग में हमारे निवेश और हनव्हा फिली शिपयार्ड के माध्यम से भी शामिल है।
इससे पहले मंगलवार को बीजिंग ने पुष्टि की थी कि उसने अमेरिका से जुड़े जहाजों पर अतिरिक्त बंदरगाह शुल्क वसूलना शुरू कर दिया है, साथ ही स्पष्ट किया था कि चीन निर्मित जहाजों को इस शुल्क से छूट दी जाएगी।
बता दें कि अमेरिका ने अमेरिकी बंदरगाहों पर आने वाले चीनी जहाजों पर शुल्क लगाना शुरू कर दिया है और शुल्क चीन के जहाज निर्माण वर्चस्व का मुकाबला करने और चीनी यार्डों से ऑर्डर हटाने के उद्देश्य से लगाया गया था। वहीं चीन का यह कदम इसी का पलटवार माना जा रहा है।
वैश्विक व्यापार का 80 फीसदी से अधिक हिस्सा जहाजों द्वारा ले जाया जाता है, इसलिए बंदरगाह शुल्क और प्रतिबंध कच्चे तेल और एलएनजी से लेकर खिलौनों और सोफे तक हर चीज पर प्रभाव डाल सकते हैं, जिससे आपूर्ति श्रृंखलाओं में शिपिंग लागत और डिलीवरी का समय बढ़ सकता है।
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