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    छात्र ने स्कूल में देखी हॉरर फिल्म, घर आते ही हो गया बीमार; अस्पातल ले जाने पर सारा सच आया सामने

    Updated: Sun, 19 Oct 2025 09:53 PM (IST)

    चीन में एक छात्र को स्कूल में हॉरर फिल्म देखने के बाद मानसिक आघात लगा। अदालत ने स्कूल की बीमा कंपनी को छात्र को मुआवजा देने का आदेश दिया। घटना अक्टूबर 2023 की है, जब शिक्षक छुट्टी पर थे। डॉक्टरों ने छात्र में एक्यूट एंड ट्रांजिएंट साइकॉटिक डिसऑर्डर का निदान किया। छात्र के माता-पिता ने स्कूल पर लापरवाही का आरोप लगाया। सोशल मीडिया पर स्कूल की आलोचना हुई।

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    डरावनी फिल्म देखने के बाद छात्र को मानसिक आघात (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चीन में एक छात्र को स्कूल में हॉरर फिल्म देखने के बाद मानसिक झटका लगा और मामला अदालत तक पहुंच गया। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट (SCMP) की रिपोर्ट के मुताबिक, अदालत ने छात्र के पक्ष में फैसला देते हुए स्कूल की बीमा कंपनी को 9,182 युआन (करीब 1,300 अमेरिकी डॉलर) का मुआवजा देने का आदेश दिया है।

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    यह घटना अक्टूबर 2023 की है जब शिक्षक छुट्टी पर थे और कक्षा में सेल्फ स्टडी का सत्र चल रहा था। छात्रों ने आपसी सहमति से एक फिल्म देखने का फैसला किया और क्लास टीचर की अनुमति से हॉरर फिल्म दिखाई गई।

    कौन-सी थी फिल्म?

    हालांकि, फिल्म का नाम रिपोर्ट में नहीं बताया गया है। उसी दिन शाम को छात्र अपनी मां से ऑनलाइन बात कर रहा था, जब अचानक बोलने में परेशानी और मानसिक भ्रम जैसे लक्षण दिखे।

    छात्र को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने एक्यूट एंड ट्रांजिएंट साइकॉटिक डिसऑर्डर (अचानक और अस्थायी मानसिक विकार) का निदान किया। डॉक्टरों ने बताया कि यह एक ऐसी स्थिति होती है जिसमें व्यक्ति वास्तविकता से जुड़ाव खो देता है और उसे चीजें दिखाई या सुनाई दे सकती हैं जो असल में नहीं होतीं।

    छात्र के माता-पिता का आरोप

    छात्र के माता-पिता ने आरोप लगाया कि स्कूल ने अपने परिसर में डरावनी फिल्म दिखाकर बच्चे की मानसिक सुरक्षा की अनदेखी की। वहीं, स्कूल ने बचाव में कहा कि छात्र की यह स्थिति उसकी शारीरिक संवेदनशीलता या छिपी बीमारी के कारण हुई हो सकती है।

    अदालत को बताया गया कि स्कूल ने अपने 5000 से ज्यादा छात्रों के लिए बीमा लिया हुआ है, जिसमें पीड़ित छात्र भी शामिल था। हेंगझोउ पीपल्स कोर्ट ने हाल में अपने फैसले में कहा कि स्कूल 30 प्रतिशत जिम्मेदारी वहन करेगा क्योंकि फिल्म दिखाने की अनुमति स्कूल की ओर से दी गई थी।

    सोशल मीडिया पर मामला हुआ वायरल

    यह घटना चीनी सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गई और कई लोगों ने स्कूल की आलोचना की। एक यूजर ने लिखा, "उन्हें हॉरर फिल्म नहीं दिखानी चाहिए थी। इतने सारे अच्छे क्लासिक फिल्में हैं। यह भी शिक्षक की मंजूरी से हुई थी, इसलिए स्कूल की जिम्मेदारी बनती है।" विशेषज्ञों का कहना है कि हॉरर फिल्में कभी-कभी चिंता, डर और PTSD (पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर) जैसी मानसिक समस्याएं उत्पन्न कर सकती हैं।