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    SCO Summit 2025: पीएम मोदी ने दुनिया को पढ़ाया शांति का पाठ, पुतिन के साथ द्विपक्षीय बैठक में क्या बोले प्रधानमंत्री?

    Updated: Mon, 01 Sep 2025 12:14 PM (IST)

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन की यात्रा पर हैं जहां शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन हो रहा है। दुनिया की नजरें इस सम्मेलन पर टिकी हैं खासकर पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति पुतिन की मुलाकात पर। दोनों नेता चीन के तियानजिन शहर में मिले। एससीओ के मंच पर पीएम मोदी चीनी राष्ट्रपति चिनफिंग और पुतिन एक साथ नजर आए।

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    एससीओ शिखर सम्मेलन को पीएम मोदी ने किया संबोधित। (फोटो- पीटीआई)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय चीन की यात्रा पर हैं। चीन में हो रहे शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी हुई हैं। आज चीन के तियानजिन में पीएम मोदी ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन और चीनी राष्ट्रपति चिनफिंग से मुलाकात की। 

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    दरअसल, जहां एक ओर एक तरफ दुनिया उथल-पुथल से जूझ रही है, तो वहीं दूसरी तरफ डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ बम समेत कुछ बेतुके फैसलों ने ना-उम्मीदी का माहौल पैदा कर दिया है। आज SCO शिखर सम्मेलन के आखिरी दिन जानिए क्या-क्या हुआ...

    पीएम मोदी ने पुतिन को दिया भारत आने का न्योता

    चीन के तियानजिन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय बैठक के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मुझे हमेशा लगता है कि आपसे मिलना एक यादगार अनुभव रहा है। हमें कई विषयों पर जानकारी का आदान-प्रदान करने का अवसर मिला। हम लगातार संपर्क में रहे हैं।

    पीएम मोदी ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच नियमित रूप से कई उच्च-स्तरीय बैठकें हुई हैं। 140 करोड़ भारतीय इस वर्ष दिसंबर में होने वाले हमारे 23वें शिखर सम्मेलन के लिए आपका बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। यह विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त साझेदारी की गहराई और विस्तार को दर्शाता है।

    पुतिन के साथ द्विपक्षीय चर्चा पर क्या बोले पीएम मोदी?

    प्रधानमंत्री मोदी ने रूस और भारत के बीच द्विपक्षीय वार्ता के दौरान कहा कि दोनों देशों के बीच नियमित बैठकें होती रही हैं। उन्होंने कहा कि हर कठिन परिस्थिति में भारत और रूस एक साथ खड़े रहे हैं। पीएम मोदी ने जोर देते हुए कहा कि यूक्रेन संघर्ष पर हमने नियमित चर्चाएं की और इस संघर्ष को जल्द समाप्त कराने की कोशिश जारी है।

    पीएम मोदी और पुतिन के बीच द्विपक्षीय वार्ता शुरू

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच द्विपक्षीय बैठक चीन के तियानजिन में शुरू हुई।

    पीएम मोदी ने बेहतर कनेक्टिविटी पर दिया जोर

    आज भारत रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म के मंत्र पर आगे बढ़ रहा है। हमने हर चुनौती को अवसर में बदलने की कोशिश की है। मैं आप सभी को भारत की विकास यात्रा का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित करता हूं। उन्होंने कहा कि संप्रभुता को दरकिनार करने वाली कनेक्टिविटी विश्वास और अर्थ खो देती है।

    प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत का हमेशा से मानना ​​रहा है कि मजबूत कनेक्टिविटी न केवल व्यापार को बढ़ावा देती है, बल्कि विकास और विश्वास के द्वार भी खोलती है। इसी को ध्यान में रखते हुए, हम चाबहार बंदरगाह और अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे जैसी पहलों पर काम कर रहे हैं। इससे हमें अफगानिस्तान और मध्य एशिया के साथ कनेक्टिविटी बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।

    पीएम मोदी ने एससीओ का असली अर्थ समझाया

    अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने एससीओ की नई परिभाषा दी। उन्होंने कहा कि भारत ने एससीओ के सदस्य के रूप में बहुत सकारात्मक भूमिका निभाई है। एससीओ के लिए भारत का दृष्टिकोण और नीति तीन महत्वपूर्ण स्तंभों पर आधारित है। Security, C- Connectivity and O - Opportunity।

    चीन के तियानजिन में शंघाई सहयोग परिषद (एससीओ) के सदस्यों के सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत पिछले चार दशकों से आतंकवाद का दंश झेल रहा है। हाल ही में, हमने पहलगाम में आतंकवाद का सबसे बुरा रूप देखा। मैं इस दुख की घड़ी में हमारे साथ खड़े होने वाले मित्र देश के प्रति आभार व्यक्त करता हूं।

    पीएम मोदी ने एससीओ बैठक को किया संबोधित

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन के तियानजिन में शंघाई सहयोग परिषद (एससीओ) के सदस्यों के सत्र को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि मुझे एससीओ शिखर सम्मेलन में भाग लेकर खुशी हो रही है। मैं राष्ट्रपति शी जिनपिंग को हमारे भव्य स्वागत के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं। आज उज़्बेकिस्तान का स्वतंत्रता दिवस है, मैं उन्हें भी बधाई देता हूं।

    चीन के राष्ट्रपति ने दिया उद्घाटन भाषण

    तियानजिन में एससीओ सदस्य सत्र में अपने उद्घाटन भाषण में, चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने कहा कि 24 साल पहले, जब इसकी स्थापना हुई थी, तभी से एससीओ ने शंघाई भावना की स्थापना की थी, जो पारस्परिक विश्वास, पारस्परिक लाभ, समानता, परामर्श, सभ्यताओं की विविधता के प्रति सम्मान और साझा विकास की खोज पर आधारित है।

    उन्होंने आगे कहा कि हम अपने सीमावर्ती क्षेत्रों में सैन्य विश्वास-निर्माण तंत्र स्थापित करने वाले पहले देश थे, जिसने हमारी विस्तृत सीमाओं को मित्रता, पारस्परिक विश्वास और सहयोग के बंधन में बदल दिया। हम आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद की तीन शक्तियों के विरुद्ध बहुपक्षीय कार्रवाई करने वाले पहले देश थे। हमने कानून प्रवर्तन और सुरक्षा सहयोग को लगातार बढ़ावा दिया।

    चीनी राष्ट्रपति ने किया बड़ा एलान

    एससीओ शिखर सम्मेलन की शुरुआत के साथ चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने बड़ा एलान किया। चीनी राष्ट्रपति ने इस साल शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन (SCO) के सदस्य देशों को 281 मिलियन अमेरिकी डॉलर की ग्रांट देने की घोषणा की। माना जा रहा है कि ये मदद सदस्य देशों की आर्थिक और विकास संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए होगी।

    पीएम मोदी ने एससीओ शिखर सम्मेलन को किया संबोधित

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन के तियानजिन में शंघाई सहयोग परिषद (एससीओ) शिखर सम्मेलन स्थल पर पहुंचे। प्रधानमंत्री मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ खुलकर बातचीत की। पीएम एससीओ नेताओं को संबोधित कर रहे हैं।

    एक मंच पर दिखे तीनों बड़े नेता

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, चीन के राष्ट्रपति चिनफिंग, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतन एससीओ के मंच पर एक साथ नजर आए। तीनों नेताओं ने गर्मजोशी के साथ आपस में मुलाकात की। तीनों देशों के बीच ट्रायो डिप्लोमेसी देखने को मिली। इन तस्वीरों में एक साथ एक बड़ी ताकत दिखी।

    पुतिन से मिले पीएम मोदी

    रविवार को चीन के तियानजिन शहर में पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति के द्विपक्षीय वार्ता हुई थी। इसी कड़ी में आज यानी सोमवार को पीएम मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात की है। इस दौरन चीन के भी राष्ट्रपति उपस्थित रहे।