'शरणार्थी नहीं ले जा सकते अपने साथ नकदी...', तालिबान मंत्री ने पाकिस्तान से अफगान प्रवासियों के निर्वासन पर जताई चिंता
पाकिस्तान हजारों अफगान नागरिकों को निकाल रहा है।अफगान शरणार्थियों के लिए पाकिस्तान ने उनके द्वारा कमाए गए नकदी के हस्तांतरण पर प्रतिबंध लगाया है।तालिबान अधिकारी इस निर्वासन पर चिंता जताते हुए कहा कि यह पाकिस्तान का आंतरिक मामला है और उन्होंने अफगान नागरिकों के निर्वासन को रोकने का आह्वान किया है। अफगान शरणार्थी अपने साथ अपने समान को ले जा सके इसके लिए दोनों देशों में बातचीत हो रही है।

एएनआई, काबुल। पाकिस्तान से हजारों अफगान के लोगों को देश से बाहर निकाला जा रहा है। अफगान शरणार्थी पाकिस्तान छोड़ते वक्त अपने साथ नकदी और अन्य संपत्ति को अपने देश में ले जाने के लिए असमर्थ हैं। जिसे उन्होंने सालों कमाया है। तालिबान मंत्री हाजी नूरुद्दीन अजीजी ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री जलील अब्बास जिलानी के साथ अपनी बैठक के दौरान अफगान शरणार्थियों के निर्वासन का मुद्दा उठाया। अल जज़ीरा ने मंगलवार को रिपोर्ट दी।
यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब कुछ दिन पहले पाकिस्तान ने कहा था कि दस लाख से अधिक गैर-दस्तावेज अफगानों को निष्कासित करने का उसका कदम पाकिस्तान में हमलों को अंजाम देने के लिए अफगानिस्तान का उपयोग करने वाले सशस्त्र लड़ाकों के खिलाफ कार्रवाई का परिणाम है।
तालिबान अधिकारी कहते रहे हैं कि हमले पाकिस्तान का आंतरिक मामला है और उन्होंने इस्लामाबाद से अफगान नागरिकों के निर्वासन को रोकने का आह्वान किया है।
बैठक में अफगान शरणार्थियों से संबंधित मुद्दों पर चर्चा हुई
इस्लामाबाद में अफगानिस्तान के दूतावास ने बयान में कहा, "द्विपक्षीय व्यापार, विशेष रूप से कराची बंदरगाह में [अफगान] व्यापारियों के फंसे हुए सामान, [अफगान] शरणार्थियों की संपत्तियों को [अफगानिस्तान] में आसानी से स्थानांतरित करने और संबंधित मुद्दों पर चर्चा की गई।"
अल जजीरा की रिपोर्ट के अनुसार, अफगानिस्तान लौटने वाले अफगान नागरिकों ने कहा है कि पाकिस्तान से अफगानिस्तान में नकदी और संपत्ति को लाने के उपर प्रतिबंध लगा दिया है, जहां कई लोगों ने दशकों से व्यवसाय कर धन संचित किया है और घर बनाए हैं।
पाकिस्तान ने पुनर्विचार की मांग को किया खारिज
पिछले महीने, पाकिस्तान ने हजारों अफगानों सहित सभी गैर-दस्तावेज अप्रवासियों के निष्कासन के लिए 1 नवंबर की शुरुआत की तारीख तय की थी। पाकिस्तान ने इस निष्कासन को सुरक्षा कारणों का हवाला दिया। पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र, अधिकार समूहों और पश्चिमी दूतावासों से पुनर्विचार की मांग को खारिज कर दिया।
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