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    'जल्दबाजी में बना कानून बच्चों की सुरक्षा के लिए खतरा', ऑस्ट्रेलिया में सोशल मीडिया बैन का यूट्यूब ने किया विरोध

    Updated: Wed, 03 Dec 2025 08:29 AM (IST)

    ऑस्ट्रेलिया 10 दिसंबर से 16 साल से कम उम्र के बच्चों के सोशल मीडिया अकाउंट बनाने पर रोक लगाने जा रहा है। यूट्यूब ने इस फैसले की आलोचना करते हुए कहा है ...और पढ़ें

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    ऑस्ट्रेलिया में सोशल मीडिया बैन का यूट्यूब ने किया विरोध (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलिया 10 दिसंबर से 16 साल से कम उम्र के बच्चों को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर अकाउंट बनाने पर बैन करने जा रहा है। यह ऐसा पहला देश होगा, जहां सोशल मीडिया पर इस तरह के प्रतिबंध लगने जा रहे हैं। सोशल मीडिया को लेकर ऑस्ट्रेलिया में बने इस प्रतिबंध की यूट्यूब ने कड़ी आलोचन की है।

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    दरअसल, ऑस्ट्रेलिया में सोशल मीडिया को लेकर सख्त कानून बनाया गया है। ऑस्ट्रेलिया 10 दिसंबर से फेसबुक, इंस्टाग्राम, टिकटाक, और यूट्यूब समेत दुनिया के सबसे पॉपुलर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और वेबसाइट से 16 साल से कम उम्र के यूजर्स पर बैन लगाएगा।

    10 दिसंबर से ऑस्ट्रेलिया में 16 साल से कम उम्र के बच्चों के सोशल मीडिया अकाउंट ऑटोमैटिक साइन-आउट हो जाएंगे, लेकिन बिना अकाउंट के वीडियो देख सकेंगे।

    क्या कहा यूट्यूब ने?

    ऑस्ट्रेलिया में लगने वाले इस प्रतिबंध को लेकर यूट्यूब की पब्लिक पॉलिसी मैनेजर रेचल लॉर्ड ने कहा कि यह कानून बच्चों को ऑनलाइन ज्यादा सुरक्षित बनाने का अपना वादा पूरा नहीं कर पाएगा और असल में यूट्यूब पर ऑस्ट्रेलियाई बच्चों को कम सुरक्षित बनाएगा। हमने उन माता-पिता और शिक्षकों से सुना है जो इन चिंताओं को शेयर करते हैं। यह कानून बच्चों की सुरक्षा के लिए खतरा है।

    शिकारी एल्गोरिदम से बचने की जरुरत

    यूट्यूब जो दुनिया की सबसे अधिक देखे जाने वाले सोशल प्लेटफॉर्म में से एक है, इसको शुरू में बैन से बचाने के लिए बनाया गया था ताकि बच्चे एजुकेशनल वीडियो देख सकें। लेकिन ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने अपने नियमों में बदलाव करते हुए कहा कि युवा यूजर्स को शिकारी एल्गोरिदम से बचाने की जरूरत है।

    जल्दीबाजी में बनाया गया कानून

    यूट्यूब की पब्लिक पॉलिसी मैनेजर रेचल लॉर्ड ने कहा कि जल्दीबाजी में बनाया गया कानून हमारे प्लेटफॉर्म और युवा ऑस्ट्रेलियाई लोगों के इसे इस्तेमाल करने के तरीके को गलत समझता है।हम डिजिटल दुनिया में बच्चों की सुरक्षा करने में विश्वास करते हैं, डिजिटल दुनिया से नहीं।


    YouTube ने कहा कि वह अकाउंट्स को आर्काइव कर देगा ताकि  यूजर्स के 16 साल के होने पर उन्हें फिर से एक्टिवेट किया जा सके। हम उनके किसी भी मौजूदा कंटेंट या डेटा को डिलीट या हटाएंगे नहीं और जब वे वापस आएंगे तो यह उनका इंतजार करेगा। (समाचार एजेंसी के इनपुट के साथ)