शेख हसीना को मौत की सजा दी जाए’, बांग्लादेश सरकार ने अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय में की अपील
बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय के मुख्य अभियोजक ने गुरुवार को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ फांसी की सजा की मांग की, आरोप लगाते हुए कि वह पिछले वर्ष के बड़े प्रदर्शनों के दौरान मानवता के खिलाफ अपराधों की ''मास्टरमाइंड और प्रमुख वास्तुकार'' थीं। 78 वर्षीय हसीना को पिछले वर्ष अगस्त में देश में छात्रों के नेतृत्व वाले बड़े आंदोलन के बाद पद से हटा दिया गया था।

बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय में शेख हसीना को फांसी की मांग (फाइल फोटो)
पीटीआई, ढाका। बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय के मुख्य अभियोजक ने गुरुवार को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ फांसी की सजा की मांग की, आरोप लगाते हुए कि वह पिछले वर्ष के बड़े प्रदर्शनों के दौरान मानवता के खिलाफ अपराधों की ''मास्टरमाइंड और प्रमुख वास्तुकार'' थीं। 78 वर्षीय हसीना को पिछले वर्ष अगस्त में देश में छात्रों के नेतृत्व वाले बड़े आंदोलन के बाद पद से हटा दिया गया था।
एक यूएन मानवाधिकार कार्यालय की रिपोर्ट के अनुसार, हसीना की सरकार ने प्रदर्शनकारियों पर सुरक्षा कार्रवाई का आदेश दिया था, जिसके परिणामस्वरूप 15 जुलाई से 15 अगस्त के बीच लगभग 1,400 लोग मारे गए थे।
अभियोजन ने मानवता के खिलाफ अपराधों की मास्टरमाइंड बताया
मुख्य अभियोजक मोहम्मद ताजुल इस्लाम ने सरकारी समाचार एजेंसी बीएसएस को बताया, ''शेख हसीना सभी अपराधों की मास्टरमाइंड हैं। वह एक गैर-प्रायश्चित, निर्दयी अपराधी हैं। उन्हें अधिकतम सजा मिलनी चाहिए। फांसी की सजा के मामले में उन पर कोई दया नहीं दिखाई जानी चाहिए।''
उन्होंने कहा, ''1,400 लोगों की हत्या के लिए उन्हें 1,400 बार फांसी दी जानी चाहिए थी। लेकिन चूंकि यह संभव नहीं है, इसलिए उचित न्याय स्थापित करने के लिए अधिकतम सजा देना उचित है, ताकि भविष्य में कोई भी अपने देश के नागरिकों को इस तरह से न मार सके।''
हसीना के समर्थकों ने कही ये बात
हसीना के समर्थकों का कहना है कि उनके खिलाफ आरोप राजनीतिक रूप से प्रेरित हैं। इस विकास पर हसीना या उनकी पार्टी की ओर से कोई तत्काल टिप्पणी नहीं आई है। मुख्य अभियोजक ने तत्कालीन गृह मंत्री असदुज्जमान खान कमल के लिए भी अधिकतम सजा की मांग की, उन्हें ''गैंग ऑफ फोर'' में से एक बताते हुए कहा कि उनके प्रति कोई नरमी नहीं दिखाई जानी चाहिए।
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