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    बांग्लादेश सरकार जारी करेगी 'जुलाई घोषणापत्र', छात्र नेतृत्व वाले विद्रोह को संवैधानिक मान्यता देना मकसद

    बांग्लादेश की मुहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार ने शनिवार को कहा कि वह पांच अगस्त को जुलाई घोषणापत्र जारी करेगी जो तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग सरकार के सत्ता से बेदखल होने की पहली वर्षगांठ के अवसर पर होगा। अंतरिम सरकार ने जुलाई घोषणापत्र के मसौदे को अंतिम रूप दे दिया है। इसे सभी दलों की उपस्थिति में राष्ट्र के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।

    By Agency Edited By: Jeet Kumar Updated: Sat, 02 Aug 2025 11:30 PM (IST)
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    बांग्लादेश की अंतरिम सरकार पांच अगस्त को ''जुलाई घोषणापत्र'' जारी करेगी (फाइल फोटो)

     पीटीआई, ढाका। बांग्लादेश की मुहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार ने शनिवार को कहा कि वह पांच अगस्त को ''जुलाई घोषणापत्र'' जारी करेगी, जो तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग सरकार के सत्ता से बेदखल होने की पहली वर्षगांठ के अवसर पर होगा।

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    छात्र नेतृत्व वाले विद्रोह को संवैधानिक मान्यता देना मकसद

    अंतरिम सरकार पिछले साल जुलाई-अगस्त में हुए छात्र-नेतृत्व वाले विद्रोह को संवैधानिक मान्यता देना चाहती है, जिसके कारण शेख हसीना को सत्ता से बेदखल होना पड़ा था। इस मान्यता को जुलाई घोषणापत्र का नाम दिया गया है।

    जुलाई घोषणापत्र के मसौदे को अंतिम रूप दिया

    अंतरिम सरकार ने जुलाई घोषणापत्र के मसौदे को अंतिम रूप दे दिया है। इसे सभी दलों की उपस्थिति में राष्ट्र के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।

    महफूज आलम ने कही ये बात

    जुलाई विद्रोह के मास्टरमाइंड सूचना सलाहकार महफूज आलम ने कहा कि बहुप्रतीक्षित जुलाई घोषणापत्र अब वास्तविकता है। मैं इस मुद्दे को जनता के जहन में जिंदा रखने और इसके कार्यान्वयन का मार्ग प्रशस्त करने में मदद करने वालों का धन्यवाद करता हूं।

    आलम स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्कि्रमिनेशन (एसएडी) के शीर्ष नेताओं में से एक थे। एसएडी ने पिछले साल हिंसक अभियान का नेतृत्व किया था जिसके कारण हसीना को पांच अगस्त 2024 को देश छोड़ना पड़ा था।

    यूनुस सरकार ने इस मामले से पहले दूर रखा था

    यूनुस सरकार ने शुरुआत में इसे निजी पहल बताते हुए इस कदम से खुद को दूर रखा, लेकिन बाद में एक आश्चर्यजनक घोषणा में कहा कि सरकार खुद ''जुलाई विद्रोह की घोषणा'' तैयार करेगी जिसमें एसएडी, सभी भाग लेने वाले छात्रों, राजनीतिक दलों और हितधारकों के विचारों को शामिल किया जाएगा।

    हालांकि, इसने राजनीतिक दलों के बीच बहस छेड़ दी है, न केवल इसकी विषय-वस्तु को लेकर, बल्कि इस बात पर भी कि इसे संवैधानिक दर्जा दिया जाना चाहिए या नहीं।

    बांग्लादेश सीमा पर मिले मेड इन चाइना ड्रोन की गहन जांच करेगी बीएसएफ

    सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) भारत-बांग्लादेश सीमा के पास मिले मेड इन चाइना ड्रोन की गहन जांच करेगी। बीएसएफ के एक अधिकारी ने बताया कि त्रिपुरा पुलिस दो हाई-रेजोल्यूशन कैमरों से लैस ड्रोन उन्हें सौंपेगी और फिर इसे अध्ययन के लिए दिल्ली स्थित बीएसएफ मुख्यालय भेजा जाएगा। 915 ग्राम वजन का चीन निर्मित ड्रोन शुक्रवार को बीएसएफ की दुर्गाबाड़ी सीमा चौकी के पास धान के खेत में एक लड़के को मिला था।