बांग्लादेश में यूनुस सरकार के खिलाफ सामूहिक भूख हड़ताल, विदेशी संचालकों को बंदरगाह का पट्टा देने के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन
बांग्लादेश में चटगांव बंदरगाह को विदेशी संचालकों को पट्टे पर देने के फैसले के खिलाफ सैकड़ों कर्मचारियों ने सामूहिक भूख हड़ताल की। श्रमिक नेता अनवर हुसैन ने इस फैसले को राष्ट्रीय हित के विरुद्ध बताया। यह विरोध मुहम्मद यूनुस द्वारा यूएई स्थित ऑपरेटर को टर्मिनल पट्टे पर देने की योजना के खिलाफ है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि एनसीटी का निर्माण घरेलू धन से हुआ है और यह देश का सबसे सफल टर्मिनल है।
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बांग्लादेश में यूनुस सरकार के खिलाफ सामूहिक भूख हड़ताल (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बांग्लादेश में चटगांव स्थित बंदरगाह को विदेशी संचालकों को पट्टे पर देने के अंतरिम सरकार के फैसले के विरोध में सैकड़ों बंदरगाह कर्मचारियों ने शनिवार को सामूहिक भूख हड़ताल की।
श्रमिक कर्मचारी ओइक्या परिषद (एसकेओपी) के नेता अनवर हुसैन ने कहा कि यह फैसला राष्ट्रीय हित के विरुद्ध लिया गया है। यह फैसला किसी भी हालत में स्वीकार नहीं किया जाएगा।
क्यों कर रहे भूख हड़ताल?
यह भूख हड़ताल मुहम्मद यूनुस द्वारा न्यू मूरिंग कंटेनर टर्मिनल (एनसीटी) को यूएई स्थित ऑपरेटर डीपी वर्ल्ड को पट्टे पर देने की योजना के खिलाफ बंदरगाह कर्मचारियों द्वारा शुरू किए गए विरोध प्रदर्शन के एक महीने बाद हुई। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि चटगांव बंदरगाह पर एनसीटी का निर्माण घरेलू धन और आधुनिक तकनीक किया गया। यह देश का सबसे सफल कंटेनर टर्मिनल बनकर उभरा है।
बांग्लादेश दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा परिधान निर्यातक है और अपने अधिकांश आयात और निर्यात के लिए चटगांव बंदरगाह पर बहुत अधिक निर्भर है। पिछले साल सत्ता संभालने के बाद यूनुस ने कहा था कि बंगाल की खाड़ी के तट पर रणनीतिक रूप से स्थित इस सुविधा को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ संचालक को सौंप दिया जाना चाहिए।

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