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    चीन ने ताइवान पर हमला किया तो भयंकर दुष्परिणाम होंगे, अमेरिका ने अपने एशियाई सहयोगी देशों को किया आगाह

    By Agency Edited By: Jeet Kumar
    Updated: Sun, 01 Jun 2025 07:14 AM (IST)

    चीन 2027 में ताइवान पर हमला करने की तैयारी कर रहा है लेकिन उसके इस दुस्साहस के हिंद-प्रशांत क्षेत्र और पूरे विश्व के लिए भयंकर दुष्परिणाम होंगे। ये बातें अमेरिका के रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने सिंगापुर के सांगरी-ला डायलाग में कही हैं। अमेरिकी रक्षा मंत्री ने कहा कि ऐसा कोई कारण नहीं है जिससे मीठी-मीठी बातें की जाएं। क्षेत्र में चीन के मंसूबों का खतरा लगातार बढ़ रहा है।

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    चीन ने ताइवान पर हमला किया तो भयंकर दुष्परिणाम होंगे- अमेरिका (सांकेतिक तस्वीर)

     रॉयटर, सिंगापुर। चीन की बढ़ती हरकतों को लेकर अमेरिका ने अपने एशियाई सहयोगी देशों को आगाह किया है कि वे अपना रक्षा खर्च बढ़ाएं और अपनी सेनाओं को मजबूत करें।

    चीन 2027 में ताइवान पर हमला करने की तैयारी कर रहा

    चीन 2027 में ताइवान पर हमला करने की तैयारी कर रहा है लेकिन उसके इस दुस्साहस के हिंद-प्रशांत क्षेत्र और पूरे विश्व के लिए भयंकर दुष्परिणाम होंगे। ये बातें अमेरिका के रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने सिंगापुर के सांगरी-ला डायलाग में कही हैं।

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    अमेरिकी रक्षा मंत्री ने कहा कि ऐसा कोई कारण नहीं है जिससे मीठी-मीठी बातें की जाएं। क्षेत्र में चीन के मंसूबों का खतरा लगातार बढ़ रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति ताइवान को लेकर चीन की हरकतों पर नजर रखे हुए हैं।

    ताइवान अकेला नहीं- अमेरिका ने कहा

    रक्षा मंत्री ने कहा, अमेरिका अपने सहयोगियों को चीन के सैन्य और आर्थिक दबाव के आगे अकेला नहीं छोड़ेगा, मुकाबले में वह सहयोगी देशों के साथ खड़ा होगा। हेगसेथ का यह वक्तव्य अमेरिका में चार महीने पहले बनी ट्रंप सरकार की ओर से चीन को लेकर आया सबसे सख्त बयान है। प्रतिक्रिया में चीन ने इसे उकसावे वाला वक्तव्य बताया है। कहा कि वास्तव में अमेरिका क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए सबसे बड़ी समस्या है।

    चीन ताइवान को अपना भूभाग मानता है

    उल्लेखनीय है कि चीन ताइवान को अपना भूभाग मानता है और उस पर बलपूर्वक कब्जे का प्रस्ताव चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी पारित कर चुकी है। जबकि चीन की राजनीतिक व्यवस्था से अलग ताइवान में लोकतांत्रिक ढंग से सरकार चुनी जाती है और स्वतंत्र देश की तरह वहां पर वह सरकार काम करती है।

    चीन के दावे को खारिज करते हुए ताइवान खुद को स्वतंत्र राष्ट्र बताता है। प्रतिष्ठित सांगरी-ला डायलाग में करीब 40 देशों के मंत्री, सैन्य अधिकारी और कूटनीतिक हस्तियां भाग लेती हैं।

    चीन के रक्षा मंत्री डोंग जुन इस बार के आयोजन में शामिल नहीं हुए हैं। चीन ने इसमें भाग लेने के लिए एक प्रतिनिधिमंडल सिंगापुर भेजा है। शुक्रवार को फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने शुक्रवार को डायलॉग का उद्घाटन किया था।

    यूरोपीय देशों से अपना रक्षा खर्च बढ़ाने का आह्वान किया

    उन्होंने भी यूरोपीय देशों से अपना रक्षा खर्च बढ़ाने का आह्वान किया है। मैक्रों ने यूरोपीय और एशियाई देशों के बीच गठजोड़ की संभावना जताई है। इससे क्षेत्रीय चुनौतियों से निपटने और विश्व को नए सोपान पर ले जाने में सहायता मिलेगी।

    भारत के साथ रक्षा सहयोग बढ़ाएगा अमेरिका

    अमेरिका के रक्षा मंत्री हेगसेथ ने कहा है कि भारत के साथ उनके देश का रक्षा सहयोग बढ़ रहा है, भविष्य में इसके और विस्तार की संभावना है। दोनों देश भविष्य में सैन्य अभ्यास भी बढ़ाएंगे। क्वाड (क्वाड्रिलेट्रल सिक्युरिटी डायलाग) के दायरे में भी इस सहयोग को बढ़ाया जाएगा।

    हेगसेथ ने कहा, अमेरिका हिंद-प्रशांत क्षेत्र के अपने सहयोगी देशों के साथ सहयोग बढ़ाने के लिए संकल्पित है। ऐसा कर अमेरिका क्षेत्र में चीन की हरकतों से बढ़ रहे खतरों को कम करेगा।

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