'नर्क में सड़ो, तुम...', ऑस्ट्रेलिया में भारतीय मूल के व्यक्ति ने 7 साल पहले की थी महिला की हत्या; अदालत ने अब ठहराया दोषी
भारतीय मूल के एक व्यक्ति को 2018 में ऑस्ट्रेलिया में एक महिला की हत्या के मामले में दोषी ठहराया गया है। आरोपी ने महिला को चाकू मारकर उसकी लाश को बीच म ...और पढ़ें

ऑस्ट्रेलिया की महिला की हत्या के मामले में भारतीय मूल का व्यक्ति दोषी करार। (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय मूल के व्यक्ति को 2018 में एक महिला की हत्या के मामले में दोषी ठहराया गया। सात साल पहले क्वींसलैंड के एक सुनसान बीच पर एक ऑस्ट्रेलियाई महिला का शव मिला था।
22 अक्टूबर, 2018 को केर्न्स से लगभग 40 किमी. उत्तर में वांगेट्टी बीच पर रेत के टीलों के एक सुनसान इलाके में टोयाह कॉर्डिंगली का शव दबा हुआ मिला था। अधिकारियों के अनुसार, आरोपी राजविंदर सिंह अपनी पत्नी से झगड़ा करने के बाद बीच पर गया था। आरोप है कि उसके पास कुछ फल और एक किचन चाकू था।
क्या है मामला?
फार्मेसी में काम करने वाली कॉर्डिंगली अपने कुत्ते के साथ बीच पर टहल रही थी। जब कॉर्डिंगली के कुत्ते ने सिंह पर भौंकना शुरू किया तो दोनों में बहस हो गई। इससे गुस्सा होकर सिंह ने उसे चाकू मार दिया और लाश को रेत में दबा दिया। उसने उसके कुत्ते को भी एक पेड़ से बांध दिया।
जैसे ही केर्न्स सुप्रीम कोर्ट में जूरी ने फैसला सुनाया, कोर्डिंगली के पिता ने आरोपी पर चिल्लाते हुए कहा, "नर्क में सड़ो, तुम..."। हालांकि, सिंह ऊपरी तौर पर शांत दिखा।
हत्या के बाद फरार हो गया राजविंदर सिंह
हत्या के दो दिन बाद सिंह ऑस्ट्रेलिया से भाग गया था और अपनी नौकरी, पत्नी और तीन बच्चों को पीछे छोड़ गया था। उसने बहाना बनाया था कि उसके दादाजी बीमार हैं। वह चार साल तक फरार रहा, और इस दौरान उसने अपने परिवार से भी संपर्क नहीं किया। हत्या के तीन हफ्ते के अंदर, पुलिस को सिंह पर शक हुआ क्योंकि उसकी कार की लोकेशन कॉर्डिंगली के मोबाइल फोन की लोकेशन से मैच हो रही थी।
क्वींसलैंड पुलिस ने सिंह की गिरफ्तारी की जानकारी देने वाले को दस लाख ऑस्ट्रेलियाई डॉलर का इनाम देने की घोषणा की थी - जो इस विभाग द्वारा अब तक दिया गया सबसे बड़ा इनाम था। नवंबर 2022 में, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने उसे दिल्ली के एक गुरुद्वारे से गिरफ्तार किया था। 2023 में उसे भारत से ऑस्ट्रेलिया भेजा गया।
सजा सुनाने के मामले पर होनी है सुनवाई
इस मामले में ट्रायल 2024 में शुरू होना था, लेकिन डॉक्यूमेंट्स मिलने में देरी के कारण इसे टाल दिया गया। ट्रायल के दौरान, पक्षपात और गलत व्यवहार के आरोपों के बाद एक जूरी सदस्य को हटा दिया गया, लेकिन कोर्ट ने बाकी जूरी सदस्यों को निष्पक्ष माना और ट्रायल जारी रखने की इजाजत दी। कोर्ट मंगलवार को सजा सुनाने पर दलीलें सुनेगा, जो इस लंबे समय से चल रहे मामले का अगला चरण होगा।

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