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    नेपाल में आर्मी ने संभाली कमान, एअर इंडिया-इंडिगो की फ्लाइट रद... पढ़ें बड़ी बातें

    Updated: Wed, 10 Sep 2025 08:56 AM (IST)

    नेपाल में युवाओं के नेतृत्व में शुरू हुआ प्रदर्शन अब हिंसक रूप ले चुका है। प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन में आग लगा दी सरकारी इमारतों और नेताओं के घरों पर हमले किए। सोशल मीडिया पर प्रतिबंध के बाद हिंसा और भड़क गई जिसमें 19 लोगों की जान चली गई। प्रधानमंत्री के इस्तीफे के बाद भी शांति बहाल नहीं हुई है सेना को तैनात किया गया है।

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    नेपाल लंबे समय से भ्रष्टाचार और सियासी खेलों का शिकार रहा है।

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नेपाल की सड़कों पर युवाओं की अगुवाई में शुरू हुआ प्रदर्शन हिंसक बगावत में बदल गया था। मंगलवार को हालात इस कदर बिगड़े कि प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन को आग के हवाले कर दिया। सरकारी इमारतें, नेताओं के घर और यहां तक कि पशुपतिनाथ मंदिर के फाटक तक पर हमले हुए। इसके बाद सेना को कमान संभालनी पड़ी। 

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    सोशल मीडिया बैन तो हटा लिया गया, मगर 19 लोगों की मौत ने आग में घी का काम किया। उग्र प्रदर्शन को देखते हुए प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इस्तीफा दे दिया, लेकिन सड़कों पर शांति नहीं लौटी। सेना को उतारना पड़ा और हालात अब भी काबू से बाहर हैं।

    ये प्रदर्शन कोई अचानक नहीं उभरे। नेपाल लंबे समय से भ्रष्टाचार और सियासी खेलों का शिकार रहा है। जनता, खासकर नई पीढ़ी, तंग आ चुकी थी। सोशल मीडिया पर पाबंदी ने उनके गुस्से को और भड़का दिया। सोमवार को पुलिस की गोलीबारी में 19 लोग मारे गए।

    इसके बाद मंगलवार को प्रदर्शन और उग्र हो गए। पूर्व प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा पर हमला हुआ और पूर्व पीएम झलनाथ खनाल की पत्नी राजलक्ष्मी चित्रकार को बीच सड़क पर जिंदा जला दिया गया।

    सेना ने शांति की अपील की

    हालात बेकाबू होते देख नेपाल की सेना ने मोर्चा संभाला। मंगलवार रात से सेना ने काठमांडू के त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और सिंहदरबार जैसे अहम सरकारी ठिकानों का नियंत्रण ले लिया। सेना प्रमुख जनरल अशोक राज सिग्देल ने एक वीडियो बयान में प्रदर्शनकारियों से शांति की अपील की। उन्होंने कहा, "हमें मिलकर देश को इस मुश्किल घड़ी से निकालना है। हिंसा से नुकसान ही होगा। बातचीत का रास्ता अपनाएं।"

    जनरल सिग्देल ने मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना जताई और घायलों के जल्द ठीक होने की कामना की। लेकिन इसके बावजूद सड़कों पर गुस्सा कम होने का नाम नहीं ले रहा। हजारों प्रदर्शनकारी अब भी सड़कों पर हैं, सड़कें जाम हैं और सरकारी दफ्तरों पर हमले जारी हैं।

    सेना के हेलिकॉप्टरों ने कुछ मंत्रियों को सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचाया, मगर हालात अब भी नाजुक हैं। राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल ने भी प्रदर्शनकारियों से शांति और बातचीत की अपील की।

    भारत की सीमा पर चौकसी, काठमांडू में फंसे लोग

    नेपाल की इस अशांति का असर भारत पर भी पड़ रहा है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नेपाल सीमा पर सुरक्षा कड़ी करने के आदेश दिए हैं।

    चंपावत, पिथौरागढ़ और उधम सिंह नगर जैसे सीमावर्ती जिलों में सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) और पुलिस को हाई अलर्ट पर रखा गया है। सोशल मीडिया पर अफवाहों और भड़काऊ सामग्री पर नजर रखने के लिए भी खास इंतजाम किए गए हैं। दूसरी ओर, काठमांडू हवाई अड्डे पर 39 कर्नाटक के लोग फंसे हुए हैं। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दरमैया ने उनकी सुरक्षित वापसी के लिए तुरंत कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।

    नेपाल की अशांति की वजह से सैकड़ों उड़ानें रद्द हो चुकी हैं। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस हिंसा पर दुख जताया। उन्होंने एक्स पर नेपाली में लिखा, "19 युवाओं की मौत दिल दहलाने वाली है। नेपाल की शांति और स्थिरता बहुत जरूरी है। मैं सभी से शांति बनाए रखने की अपील करता हूं।"

    रूस ने भी जताई चिंता

    नेपाल की इस अशांति पर दुनिया की नजर है। रूस ने भी इस संकट पर चिंता जताई और शांतिपूर्ण हल की अपील की। रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा, "हम नेपाल में हालात पर नजर रखे हुए हैं। यह प्रदर्शन अब दंगों में बदल चुके हैं। हम चाहते हैं कि नेपाल जल्द से जल्द सामान्य स्थिति में लौटे।"

    रूस ने अपने नागरिकों को नेपाल की यात्रा से बचने की सलाह दी है। रूसी दूतावास के आसपास अभी शांति है और किसी रूसी नागरिक के हताहत होने की खबर नहीं है।

    प्रदर्शन की आड़ में हो रहे लूटपाट

    नेपाल सेना ने एक बयान जारी कर कहा कि "मौजूदा गंभीर स्थिति का अनुचित लाभ उठाते हुए, कुछ समूह लूटपाट और आगजनी सहित नागरिकों और सार्वजनिक संपत्ति को व्यापक नुकसान पहुंचा रहे हैं।"

    सेना ऐसी गतिविधियों को रोकने की अपनी अपील दोहराई। सेना ने एक बयान में कहा कि यदि ऐसी गतिविधियां नहीं रोकी गईं तो हम कड़े कदम उठाएंगे।

    एअर इंडिया और इंडिगो की उड़ानें रद

    एअर इंडिया और इंडिगो ने मंगलवार को पड़ोसी देश नेपाल में जेन जी के विरोध प्रदर्शनों से गहराई अराजकता की स्थिति को देखते हुए दिल्ली और काठमांडू के बीच अपनी उड़ानें रद कर दी हैं।

    एअर इंडिया ने अपने एक बयान में कहा, "काठमांडू में मौजूदा स्थिति को देखते हुए, दिल्ली-काठमांडू-दिल्ली रूट की उड़ानें रद कर दी गई हैं। इन उड़ानों में एआई2231/2232, एआई2219/2220, एआई217/218 और एआई211/212 शामिल हैं।"

    इंडिगो ने कहा, "हम घटनाक्रम पर कड़ी नजर रख रहे हैं और जल्द से जल्द परिचालन फिर से शुरू करने के लिए स्थानीय अधिकारियों के साथ कॉर्डिनेट कर रहे हैं। ग्राहकों को सलाह दी जाती है कि वे लेटेस्ट अपडेट के लिए हमारे आधिकारिक चैनल देखते रहें। हम सामान्य परिचालन की बहाली की प्रतीक्षा कर रहे हैं और आपके धैर्य के लिए तहे दिल से आपका आभार व्यक्त करते हैं।"

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