POK के लिए पाकिस्तान का 78 वर्षों का विश्वासघात, भारत की भूमि पर अवैध कब्जा
पाकिस्तान के कब्जे वाले गुलाम जम्मू और कश्मीर (पीओजेके) के एक प्रमुख राजनीतिक कार्यकर्ता अमजद अयूब मिर्जा ने क्षेत्र में दशकों से चल रहे शोषण, उपेक्षा और व्यवस्थित दमन के लिए पाकिस्तान की निंदा की है। साथ ही 22 अक्टूबर को पीओजेके के लिए ''शोक और दुख का दिन'' बताया।

POK के लिए पाकिस्तान का 78 वर्षों का विश्वासघात (फाइल फोटो)
एएनआई, लंदन। पाकिस्तान के कब्जे वाले गुलाम जम्मू और कश्मीर (पीओजेके) के एक प्रमुख राजनीतिक कार्यकर्ता अमजद अयूब मिर्जा ने क्षेत्र में दशकों से चल रहे शोषण, उपेक्षा और व्यवस्थित दमन के लिए पाकिस्तान की निंदा की है। साथ ही 22 अक्टूबर को पीओजेके के लिए ''शोक और दुख का दिन'' बताया।
मिर्जा ने गुरुवार को एक वीडियो संदेश में 1947 के क्रूर आक्रमण का उल्लेख किया, जब पाकिस्तान की सेनाओं और जनजातीय मिलिशियाओं ने पीओजेके पर हमला किया, जिसमें एक लाख से अधिक नागरिकों की हत्या की गई और अनगिनत परिवारों को विस्थापित किया गया।
उन्होंने कहा कि इस दिन, ''पाकिस्तान की सेना ने परिवारों को नष्ट किया, धर्म के नाम पर नरसंहार किया और भारत की भूमि पर कब्जा कर लिया, जिस पर अब भी पाकिस्तान का अवैध कब्जा है।''
मिर्जा ने मीरपुर के पास अली बैग में हुए नरसंहार का उल्लेख करते हुए कहा कि नवंबर,1947 से मार्च,1948 के बीच 20,000 हिंदुओं और सिखों का कत्लेआम किया गया।
मिर्जा के अनुसार, पाकिस्तान के कब्जेवाले गुलाम जम्मू और कश्मीर (पीओजेके) और पाकिस्तान के कब्जे वाले गिलगित-बाल्टिस्तान (पीओजीबी) तब से बुनियादी ढांचे, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित रहे हैं।''
उन्होंने बताया कि 2005 के भूकंप में क्षतिग्रस्त 800 से अधिक स्कूलों की दो दशकों बाद भी मरम्मत नहीं हुई। मिर्जा ने पीओजेके पर पाकिस्तान के राजनीतिक और धार्मिक नियंत्रण की भी निंदा कर कहा कि चुनावों में भाग लेने या सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन करने से पहले उम्मीदवारों को पाकिस्तान के विचारधारा और उसके दो-राष्ट्र सिद्धांत का समर्थन करने की शपथ पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया जाता है।
उन्होंने कहा, ''यहां कोई राजनीतिक या नागरिक अधिकार नहीं है। यदि आप विरोध करते हैं, तो आपको गोली मार दी जाती है।'' मिर्जा ने भारत से पीओजेके के लोगों के बीच बढ़ती निराशा को पहचानने का आग्रह किया। उन्होंने जोर देकर कहा, ''78 वर्षों के कब्जे और अधिकारों के इनकार के बाद लोग अब पाकिस्तान से स्वतंत्रता चाहते हैं। यह समय है कि भारत उनके संघर्ष को गंभीरता से ले।''
पाकिस्तान का 1947 का आक्रमण ''विश्वासघात का दिन'' करार
यूनाइटेड कश्मीर पीपल्स नेशनल पार्टी (यूकेपीएनपी) के नेताओं ने यूरोपीय संसद के सामने प्लेस लक्समबर्ग, ब्रसेल्स में शक्तिशाली प्रदर्शन किया, जिसमें पाकिस्तान के 1947 के आक्रमण की निंदा की गई, जो पाकिस्तान के कब्जेवाले जम्मू और कश्मीर (पीओजेके) पर हुआ था।
यह प्रदर्शन 22 अक्टूबर,1947 की दुखद वर्षगांठ पर आयोजित किया गया। फेसबुक पर जारी वीडियो में प्रदर्शनकारियों ने कहा कि इस आक्रमण ने सामूहिक हत्याओं, घरों के विनाश और हजारों कश्मीरी परिवारों के विस्थापन का कारण बना।

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