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    नेपाल में चीन के खिलाफ उठे विरोध के सुर, चीनी अतिक्रमण को लेकर युवाओं ने किया प्रदर्शन

    By Shashank PandeyEdited By:
    Updated: Wed, 29 Sep 2021 08:27 AM (IST)

    महंत ठाकुर के नेतृत्व में नेपाल की डेमोक्रेटिक सोशलिस्ट पार्टी से जुड़े एक युवा संघ ने चीन के खिलाफ नेपाल-चीन सीमा पर लिमी लप्चा से हुमला जिले के हिल्सा तक कथित रूप से अतिक्रमण करने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।

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    चीन द्वारा नेपाल की जमीन पर अवैध कब्‍जे का मामला।(फोटो: प्रतीकात्मक)

    काठमांडू, प्रेट्र। महंत ठाकुर की अगुआई वाली नेपाल की डेमोक्रेटिक सोशलिस्ट पार्टी से संबद्ध एक युवा संगठन ने नेपाल-चीन सीमा पर अपने देश की जमीन का बीजिंग द्वारा अतिक्रमण करने के खिलाफ काठमांडू में प्रदर्शन किया। डेमोक्रेटिक यूथ एसोसिएशन के करीब 200 सदस्यों ने ध्वोज मान मोक्तान के नेतृत्व में काठमांडू शहर के बीचोंबीच मैतीघर मंडाला में प्रदर्शन किया और पोस्टर लहराए। पोस्टर पर लिखा था 'हमारी कब्जाई जमीन लौटा दो'।प्रदर्शनकारियों ने यह मांग भी उठाई कि नेपाल-चीन सीमा पर लीमी लापचा से हुमला जिले में हिल्सा तक चीन द्वारा भूमि अतिक्रमण का अध्ययन करने के लिए बनाई गई समिति की रिपोर्ट सरकार को सार्वजनिक करनी चाहिए।

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    प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा के नेतृत्व वाली सरकार ने हाल में समिति का गठन किया था। हालांकि सरकार ने अभी तक रिपोर्ट जारी नहीं की है।खबरों के अनुसार, चीन ने नेपाल की जमीन पर कब्जा कर लिया है और पिछले साल हुमला में नौ इमारतों का निर्माण किया। चीन के दूतावास ने हाल में एक बयान जारी कर दावा किया था कि नेपाल और चीन के बीच कोई सीमा समस्या नहीं है।

    चीन ने नेपाल सीमा में दिया है दखल

    उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले से मात्र 147 किमी दूर नेपाल के हुमला जिले में चीन की ओर से किया गया अतिक्रमण जांच में सामने आ गया है। रविवार को नेपाली जांच दल के प्रमुख समन्वयक गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव जयनारायण आचार्य ने गृह सचिव टेकनारायण पांडेय को जांच रिपोर्ट सौंप दी है। इसे अब सरकार सदन में रखकर नए सिरे से सीमांकन करा चीन को सीमा से बाहर करने का प्रयास करेगी। जांच रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि हुमला जिले में चीन की ओर से दखल दिया गया है। समिति ने यहां नामखा ग्राम नगर पालिका से लिमी, लापसा व हिल्ल तक की सीमा के नए सिरे से अध्ययन की सिफारिश भी की है। असल में पिथौरागढ़ में लिपुलेख-गर्बाधार मार्ग के निर्माण के समय चीन समर्थित नेपाली प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने भारत पर अतिक्रमण का आरोप लगाया और पूरे देश का ध्यान पिथौरागढ़ से लगती सीमा पर केंद्रित कर दिया।