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Ranil Wickremesinghe: रानिल विक्रमसिंघे बने श्रीलंका के नए राष्ट्रपति, बोले- हमारे सामने बड़ी चुनौती

Sri Lanka New President News रानिल विक्रमसिंघे श्रीलंका के नए राष्ट्रपति बन गए हैं। बुधवार को हुए राष्ट्रपति चुनाव में उन्होंने जीत दर्ज कर ली। विक्रमसिंघे को चुनाव में 134 वोट मिले हैं। वे फिलहाल अंतरिम राष्ट्रपति का पद संभाल रहे थे।

By Manish NegiEdited By: Updated: Wed, 20 Jul 2022 01:02 PM (IST)
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श्रीलंका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग जारी

कोलंबो, एजेंसी। आर्थिक और राजनीतिक अस्थिरता का सामना कर रहे पड़ोसी देश श्रीलंका को बुधवार को नया राष्ट्रपति मिल गया है। रानिल विक्रमसिंघे (Ranil Wickremesinghe) को नया राष्ट्रपति चुन लिया गया है। बुधवार को हुए राष्ट्रपति चुनाव में उन्होंने जीत दर्ज की। रानिल विक्रमसिंघे को 134 सांसदों का समर्थन मिला है। उनके प्रतिद्वंदी दुल्लास अल्हाप्पेरुमा को 82 वोट ही मिले। राष्ट्रपति चुनाव में तीसरे उम्मीदवार अनुरा कुमारा दिसानायके को सिर्फ तीन वोट ही मिले।

श्रीलंका के नवनियुक्त राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने कहा कि देश बहुत मुश्किल स्थिति में है, हमारे सामने बड़ी चुनौतियां हैं। 

नवंबर 2024 को खत्म होगा कार्यकाल

राष्ट्रपति चुनाव के लिए कोलंबो में मतदान हुआ। मतदान के चलते सुरक्षा व्यवस्था चुस्त की गई थी। बता दें कि गोटाबाया राजपक्षे के श्रीलंका से भागने के बाद विक्रमसिंघे को कार्यवाहक राष्ट्रपति की जिम्मेदारी दी गई। फिर उन्हें अंतरिम राष्ट्रपति बनाया गया। रानिल विक्रमसिंघे का कार्यकाल नवंबर 2024 में खत्म होगा। वे गोटाबाया राजपक्षे के बचे हुए कार्यकाल को पूरा करेंगे।

रानिल विक्रमसिंघे

राजनीति का लंबा अनुभव है। श्रीलंका के पांच बार प्रधानमंत्री रह चुके हैं। संसद में उनकी युनाइटेड नेशनल पार्टी का केवल एक ही सांसद है। रानिल राजनीति में आने से पहले एक पत्रकार और वकील भी रह चुके हैं। 1977 में वो पहली बार आम चुनाव में विजयी होकर संसद सदस्‍य बने थे। वह 1993 में पहली बार पीएम बने थे। रानिल अभी अंतरिम राष्ट्रपति हैं।

दुल्लास अल्हाप्पेरुमा

दुल्लास श्रीलंका के सूचना प्रसारण मंत्री रह चुके हैं। फिलहाल वे मतारा जिले से सांसद है। 1994 में डुलास पहली बार पीपुल्‍स एलांइस से सांसद बने थे। वर्ष 2000, 2005, 2007, 2010, 2015 और 2020 में भी वो सांसद चुने गए। सिर्फ एक बार 2001 में उन्हें हार मिली थी। दुल्लास पीपुल्‍स एलांइस के अलावा वे यूपीएफए नेशनल, और एसएलपीपी में रह चुके हैं।

अनुरा कुमारा दिसानायके

जनथ विमुक्ति पेरामुना पार्टी के सदस्‍य अनुरा सांसद हैं। साल 2000 में दिसानायके पहली बार सांसद चुने गए थे। 2004 में आम चुनाव में जीत के बाद उन्‍हें केंद्र सरकार में जगह मिली थी। वर्ष 2019 में नेशनल पीपुल्‍स पावर मूवमेंट ने उन्‍हें अपना राष्‍ट्रपति उम्मीदवार बनाया था।

श्रीलंका छोड़ मालदीव भाग गए थे गोटाबाया राजपक्षे

गौरतलब है कि 73 वर्षीय गोटाबाया राजपक्षे ने राष्ट्रपति रहते हुए श्रीलंका छोड़ मालदीव भाग गए थे। मालदीव से वो अपनी पत्नी संग सिंगापुर चले गए। सिंगापुर पहुंचते ही गोटाबाया ने राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था। गोटाबाया के देश छोड़ने के बाद कोलंबो में हालात बिगड़ गए थे। लोग सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करने लगे। प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन और राष्ट्रपति भवन पर भी कब्जा जमा लिया था। इस दौरान प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच झड़प भी हुई। झड़प में एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई जबकि कई घायल हो गए।