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    फंडिंग में कटौती से भुखमरी की कगार पर पहुंच सकते हैं करोड़ों लोग, UN ने दी चेतावनी

    Updated: Thu, 16 Oct 2025 03:00 PM (IST)

    संयुक्त राष्ट्र की खाद्य एजेंसी ने चेतावनी दी है कि वित्तीय योगदान में कटौती के कारण 1.4 करोड़ लोग भुखमरी की कगार पर हैं। अमेरिका समेत कई देशों ने अनुदान कम किया है, जिससे अफगानिस्तान, कांगो, हैती, सोमालिया, दक्षिण सूडान और सूडान सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) का बजट भी घट गया है, जिससे वैश्विक भुखमरी का संकट और गहरा सकता है।

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    एजेंसी ने चेतावनी दी कि इससे करीब 1.4 करोड़ लोग भुखमरी की कगार पर पहुंच सकते हैं।

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र की खाद्य सहायता एजेंसी ने बुधवार को कहा कि शीर्ष दानदाताओं द्वारा वित्तीय योगदान में की गई कटौती से छह देशों में उसकी गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं। एजेंसी ने चेतावनी दी कि इससे करीब 1.4 करोड़ लोग भुखमरी की कगार पर पहुंच सकते हैं।

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    पारंपरिक रूप से संयुक्त राष्ट्र की सबसे अधिक वित्तीय योगदान हासिल करने वाली एजेंसी रही विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) ने अपनी नई रिपोर्ट में कहा कि इस वर्ष उसका वित्तीय योगदान अब तक की सबसे बड़ी चुनौती का सामना कर रहा है। इसका मुख्य कारण अमेरिका (डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के तहत) तथा अन्य प्रमुख पश्चिमी देशों द्वारा अनुदान में की गई भारी कटौती है।

    वित्तीय कटौती की वजह प्रभावित हो रहे ये देश

    एजेंसी ने चेतावनी दी कि उसकी खाद्य सहायता प्राप्त करने वाले 1.37 करोड़ लोगों को अब आपात स्तर की भुखमरी का सामना करना पड़ सकता है। जो देश इस वित्तीय कटौती की वजह से सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं, वे हैं- अफगानिस्तान, कांगो, हैती, सोमालिया, दक्षिण सूडान और सूडान। एजेंसी की कार्यकारी निदेशक सिंडी मैक्केन ने कहा, 'हम लाखों लोगों की जीवनरेखा को अपनी आंखों के सामने टूटते हुए देख रहे हैं।'

    1.5 अरब डॉलर मिलने की उम्मीद

    'डब्ल्यूएफपी ने बताया कि इस वर्ष उसे 40 प्रतिशत कम वित्तीय योगदान मिलने की आशंका है जिससे उसका अनुमानित बजट 10 अरब डालर से घटकर 6.4 अरब डालर रह जाएगा। उसे इस वर्ष अमेरिका से लगभग 1.5 अरब डॉलर मिलने की उम्मीद है। जो पिछले वर्ष के लगभग 4.5 अरब डॉलर से काफी कम है। अन्य शीर्ष दानदाताओं ने भी योगदान में कटौती की है।

    मैक्केन ने कहा, 'यह सिर्फ धन की कमी नहीं है। यह एक वास्तविक अंतर है कि हमें क्या करना चाहिए और हम क्या कर सकते हैं। हम भुखमरी के विरुद्ध लड़ाई में दशकों की प्रगति खो सकते हैं।'

    गाजा और सूडान में अकाल पड़ गया

    रोम स्थित एजेंसी का कहना है कि वैश्विक भुखमरी पहले ही रिकार्ड स्तर पर पहुंच चुकी है, जहां 31.9 करोड़ लोग गंभीर खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे हैं। गाजा और सूडान में अकाल पड़ गया है। अफगानिस्तान में सहायता खाद्य स्तर पर असुरक्षित 10 प्रतिशत से भी कम लोगों तक पहुंच रही है। उन्हें तो यह भी नहीं पता कि उनका अगला भोजन कहां से आएगा।

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