अपनी अंतिम यात्रा पर निकले 1200 साल पुराने तीन वाइकिंग जहाज, अब शिप म्यूजियम में रखे जाएंगे
तीन 1200 साल पुराने वाइकिंग जहाज नॉर्वे में अपने नए स्थायी घर की ओर अपनी अंतिम और सबसे जोखिम भरी यात्रा पर निकल पड़े हैं। इन तीनों जहाज के नाम ओसेबर्ग गोकस्टेड और ट्यून। वहीं सबसे पहले इस यात्रा पर जाने वाला जहाज ओसेबर्ग है। ओसेबर्ग पुराने वाइकिंग शिप संग्रहालय में अपने वर्तमान स्थान से धीरे-धीरे एक नए बने संग्रहालय की ओर बढ़ रहा है

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। तीन 1,200 साल पुराने वाइकिंग जहाज नॉर्वे में अपने नए स्थायी घर की ओर अपनी अंतिम और सबसे जोखिम भरी यात्रा पर निकल पड़े हैं। इन तीनों जहाज के नाम ओसेबर्ग, गोकस्टेड और ट्यून। वहीं, सबसे पहले इस यात्रा पर जाने वाला जहाज ओसेबर्ग है।
ओसेबर्ग पुराने वाइकिंग शिप संग्रहालय में अपने वर्तमान स्थान से धीरे-धीरे एक नए बने संग्रहालय की ओर बढ़ रहा है, जहां राष्ट्रीय धरोहरों को सर्वोत्तम परिस्थितियों में रखा जाएगा। एक भारी सुरक्षात्मक स्टील रिग में बंद, बेहद नाज़ुक ओक पतवार ने मंगलवार को यात्रा शुरू की।
अत्यंत नाजुक ओक का ढांचा इतनी धीमी गति से आगे बढ़ रहा है कि मानव आंखों से इसकी गति लगभग अदृश्य थी, यह ढांचा एक भारी सुरक्षात्मक स्टील रिग में घिरा हुआ था। संग्रहालय की निदेशक ऑड टोन्नेसीन ने कहा कि ऐसा लग रहा है जैसे यह हवा में तैर रहा है। वह जहाज के पिछले हिस्से से धीरे-धीरे ऊपर आते हुए सर्पिलाकार सर्प के सिर को देखकर बहुत उत्साहित थीं।
ओसेबर्ग, गोकस्टेड और ट्यून - जिनके बारे में माना जाता है कि इनका निर्माण 820 और 910 के बीच हुआ था - को एक क्रॉस-आकार की इमारत में रखा गया है, जिसे उचित रूप से संरक्षित करने के लिए बहुत छोटा और अनुपयुक्त माना जाता है।
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