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    'बलूच आतंकी नहीं, पाकिस्‍तान पीड़ित हैं', अमेरिका के BLA को टेररिस्ट घोषित करने पर भड़के मानवाधिकार कार्यकर्ता

    अमेरिका ने बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी और इसके फ्रंट संगठन द मजीद ब्रिगेड को विदेशी आतंकी संगठन घोषित किया है। अमेरिका के इस कदम की बलूच मानवाधिकार कार्यकर्ता मीर यार बलूच ने कड़ी निंदा की है। मीर ने अमेरिका पर दोहरा चरित्र अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि ओसामा बिन लादेन ...

    By Digital Desk Edited By: Deepti Mishra Updated: Tue, 12 Aug 2025 08:31 PM (IST)
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    बलूच कार्यकर्ता ने अमेरिका द्वारा बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी को आतंकी घोषित करने की निंदा की

    आईएएनएस, क्वेटा। बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) और इसके फ्रंट संगठन द मजीद ब्रिगेड (टीएमबी) को विदेशी आतंकी संगठन घोषित करने के अमेरिकी कदम की बलूच मानवाधिकार कार्यकर्ता मीर यार बलूच ने कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि बलूच आतंकवादी नहीं हैं, बल्कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के शिकार हैं।

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    बलूच मानवाधिकार कार्यकर्ता मीर यार बलूच ने कहा कि अमेरिका पाकिस्तान की करतूतों पर आंख बंद किए रहता है, जबकि बलूचों ने हमेशा अमेरिका का साथ दिया है। ये अमेरिका को दोहरा चरित्र है।

    मीर ने कहा कि जिस पाकिस्तान ने ओसामा बिन लादेन को शरण दी थी, अमेरिका और पश्चिम के हितों के खिलाफ नकली जिहाद छेड़ा, सहयोगियों को धोखा दिया और कट्टरपंथ को बढ़ावा दिया, उसे ही अमेरिका रणनीतिक सहयोगी बता रहा है।

    मीर यार बलूच ने कहा कि बलूचिस्तान ने 78 साल तक राज्य-प्रायोजित आतंकवाद, आर्थिक लूट, पाकिस्तान के परमाणु परीक्षणों से रेडियोधर्मी विषाक्तता, विदेशी आक्रमण और कट्टरपंथी पाकिस्तान के क्रूर कब्जे का सामना किया है। उन्होंने कहा कि बलूचिस्तान के लोग आईएस-खुरासान के शिकार हो रहे हैं, जो आतंकवादी संगठन आईएसआईएस की एक शाखा है। ये आईएसआई का एक घातक प्रॉक्‍सी है।

    मीर ने उल्लेख किया कि आईएस-खुरासान ने बलूच राजनीतिक दलों और कार्यकर्ताओं के खिलाफ हिंसा के लिए फतवा जारी किया है। उन्होंने कहा कि इससे साफ पता चलता है कि पाकिस्तान राजनीतिक आवाजों को दबाने के लिए कट्टरपंथी समूहों का हथियार की तरह इस्तेमाल करता है।

    'अमेरिका ने दी है आतंकियों को पनाह'

    मीर ने इंटरनेट मीडिया एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा कि बलूच लोगों ने अमेरिका का साथ दिया है और उनके खिलाफ कभी हथियार नहीं उठाए। मीर ने कहा कि 9/11 के बाद नाटो की आपूर्ति लाइनें बलूचिस्तान से होकर  गुजरी।

    फिर भी बलूच स्वतंत्रता सेनानियों या नागरिकों ने कभी भी अमेरिकी कर्मियों या काफिलों पर हमला नहीं किया। इसके विपरीत पाकिस्तानी सेना और आईएसआई ने अमेरिका विरोधी रैलियां आयोजित कीं। अमेरिका के खिलाफ नारेबाजी भी की। कहा कि अमेरिका ने आतंकवादियों को पनाह दी।

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