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    पाकिस्तान में आया 3.3 तीव्रता का भूकंप, म्यांमार में भी हिली धरती; दहशत में लोग

    Updated: Mon, 10 Nov 2025 06:34 AM (IST)

    सोमवार की सुबह पाकिस्तान और म्यांमार में भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिनकी तीव्रता क्रमशः 3.6 और 3.3 मापी गई। पाकिस्तान में भूकंप सुबह 2:42 बजे आया, जबकि म्यांमार में 1:57 बजे। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (NCS) ने इसकी पुष्टि की। पाकिस्तान में कई फॉल्ट लाइन्स होने के कारण भूकंप का खतरा बना रहता है, जबकि म्यांमार में टेक्टोनिक प्लेटों की स्थिति इसे संवेदनशील बनाती है।

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    पाकिस्तान और म्यांमार में भूकंप (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सोमवार की तड़के पाकिस्तान और म्यांमार में भूकंप के झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (NCS) के मुताबिक, दोनों देशों में अलग-अलग समय पर हल्के भूकंप आए, जिनकी तीव्रता 3.6 और 3.3 रही।

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    पाकिस्तान में भूकंप तीव्रता 3.6 के साथ सोमवार सुबह 02:42 बजे दर्ज हुआ। यह झटका जमीन से 90 किलोमीटर की गहराई पर आया। NCS ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्सपर इसकी जानकारी साझा की, जिसमें स्थान और समन्वय भी शामिल हैं।

    1 नवंबर को भी पाकिस्तान में 3.6 तीव्रता का भूकंप आया था। पाकिस्तान, अफगानिस्तान और उत्तरी भारत का इलाका दुनिया के सबसे सक्रिय भूकंपीय जोन में आता है, जहां भारतीय और यूरेशियन टेक्टॉनिक प्लेटें मिलती हैं।

    पाकिस्तान में है कई बड़ी फॉल्ट लाइन

    पाकिस्तान कई बड़ी फॉल्ट लाइनों से होकर गुजरता है, जिसकी वजह से वहां बार-बार भूकंप आते हैं। बलूचिस्तान, खैबर पख्तूनख्वा और गिलगित-बाल्टिस्तान यूरेशियन प्लेट के किनारे पर स्थित हैं, जबकि सिंध और पंजाब भारतीय प्लेट के किनारे पर हैं। इन टेक्टॉनिक प्लेटों की टकराहट देश को बड़े भूकंपों के जोखिम में रखती है। बलूचिस्तान अरबियन और यूरेशियन प्लेट के सक्रिय जंक्शन पर स्थित है, इसलिए वहां भूकंप की संभावना अधिक रहती है।

    म्यांमार में भी आए झटके

    सोमवार तड़के म्यांमार में 3.3 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया। यह झटका 01:57 AM पर आया और जमीन के 110 किलोमीटर अंदर था। NCS ने एक्स पर इसकी पुष्टि की। म्यांमार भी भूकंप के लिहाज से बेहद संवेदनशील क्षेत्र है क्योंकि यह चार टेक्टॉनिक प्लेटों, भारतीय, यूरेशियन, सुंडा और बर्मा प्लेटके बीच स्थित है। देश की लंबी समुद्री तटरेखा होने के कारण यहां सुनामी का जोखिम भी बना रहता है।

    7.7 और 6.4 के भूकंप के बाद खतरे बढ़े थे

    पिछले बड़े भूकंप (तीव्रता 7.7 और 6.4) के बाद WHO ने चेतावनी दी थी कि प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को TB, HIV और पानी/मच्छर से फैलने वाली बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। म्यांमार के बीच से 1400 किमी लंबी सागाइंग फॉल्ट लाइन गुजरती है, जो मंडाले, यांगून, सागाइंग और बागो जैसे शहरों के लिए बड़ा भूकंपीय खतरा है।

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