दोस्ती से जानी दुश्मन तक..., इमरान खान और आसिम मुनीर के संबंध की Inside Story
कभी गहरे दोस्त रहे इमरान खान और आसिम मुनीर आज जानी दुश्मन हैं। इमरान के सत्ता में आने से पहले मुनीर उनके करीबी सहयोगी थे, लेकिन ISI चीफ के पद से हटाए जाने के बाद दोनों के बीच दरार आ गई। इमरान ने मुनीर पर सरकार गिराने का आरोप लगाया, जिसके बाद दोनों के बीच राजनीतिक टकराव और बढ़ गया। अब दोनों के रिश्ते बेहद खराब हो चुके हैं।

आसिम मुनीर और इमरान खान। (फाइल)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पाकिस्तान के अस्तित्व में आने से लेकर आज तक उसकी सियासत पर फौज का साया हमेशा हावी रहा है। जब कभी भी सेना को लगा कि उसका रुतबा कम हो रहा है, तब उसने तख्तापलट कर सत्ता की बागडोर हथिया ली। पाकिस्तान में फौज और हुकूमत के बीच तल्खियां नई नहीं हैं, लेकिन इमरान खान और आसिम मुनीर के बीच जैसी कड़वाहट और खुली दुश्मनी पहले कभी नहीं दिखी।
एक तरफ पूर्व पीएम और वर्ल्ड कप विजेता क्रिकेटर इमरान 9 मई 2023 से जेल में बंद हैं। दूसरी तरफ देश की असली ताकत आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर, जिनका नाम भर इमरान समर्थकों का खून खौला देता है। मुनीर ने पहले फील्ड मार्शल बने और फिर संविधान में संशोधन कराके तीनों सेनाओं की कमान अपने हाथ में ले ली।
विडंबना यह है कि कभी इमरान ही थे, जिन्होंने मुनीर को ISI का डीजी बनाया था। वह मुनीर की तारीफ करते नहीं थका करते थे। फिर वक्त बदला, रिश्ते बदले और वही मुनीर आगे चलकर इमरान के सबसे बड़े विरोधी या फिर ये कहा जाए कि जानी दुश्मन बन गए, यहां तक कि उन्हें जेल तक पहुंचा दिया।
इमरान खान और जनरल आसिम मुनीर का दोस्ती से दुश्मनी तक का यह सफर पाकिस्तान की सियासत का सबसे नाटकीय अध्याय बन चुका है। आइए बताते हैं कि आखिर इमरान खान के जानी दुश्मन क्यों बन गए आसिम मुनीर...
सत्ता के गलियारे में एंट्री.. मुलाकातें और तारीफें ...
इमरान और आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर की दोस्ती का अध्याय तब शुरू हुआ था, जब 2018 के चुनाव में सेना की मदद से इमरान खान सत्ता में आए। कुछ वक्त सेना और इमरान सरकार का तालमेल गजब रहा। उसी साल अक्टूबर में इमरान ने आसिम मुनीर को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) का डीजी बनाया था। उन दिनों इमरान खान आसिम मुनीर की तारीफ में कसीदे गढ़ते नहीं थकते थे।
इमरान अक्सर कहा करते थे- 'जनरल आसिम मुनीर हाफिज-ए-कुरान हैं। बड़े ही नेक और ईमानदार अफसर हैं।' इमरान और आसिम की अक्सर मुलाकातें होती थीं। फोटो क्लिक करवाए जाते थे। इमरान पर फौज का हाथ था तो आवाम के लाख विरोध के बावजूद सब कुछ उम्दा चल रहा था। लेकिन फिर एक घटना हुई, जिसने जब दोस्ती को दुश्मनी में बदल दिया।
दोस्ती में दरारें...
दोस्ती में दरार की कहानी 2019 की है। आसिम मुनीर को ISI चीफ बने आठ महीने ही हुए थे। इसी बीच इमरान की पत्नी बुशरा बीवी ने इल्जाम लगाया- 'आपके आईएसआई चीफ मेरी, मेरी बहनों और दोस्तों के फोन टैप करा रहे हैं। मेरी हर पर्सनल इंफॉर्मेशन उन तक पहुंच रही है। वह मेरी और मेरे रिश्तेदारों की जासूसी करवा रहे हैं।' यह सुनकर इमरान आगबबूला हो गए।
उस वक्त के आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा को बुलाया गया। मुनीर को ISI से हटाने का ऑर्डर दिया गया। तब से ही मुनीर ने इमरान को अपना जानी दुश्मन मान लिया।
2022 की बात है। इमरान प्रधानमंत्री थे। कमर जावेद बाजवा आर्मी चीफ पद से रिटायर होने वाले थे। इमरान ने आर्मी चीफ के लिए अपने दोस्त जनरल फैज हमीद का नाम आगे बढ़ाया। पर बाजवा ने आखिरी समय में इमरान का फैसला पलट दिया और आसिम मुनीर को आर्मी चीफ बना दिया। इमरान ने इसको धोखा करार दिया। कहा- 'मुनीर मुझसे बदला लेने के लिए आर्मी चीफ बना है।'
अप्रैल 2022 तक सेना ने इमरान के सिर से अपना हाथ खींच लिया। अविश्वास मत पारित कर इमरान को सत्ता से बेदखल कर दिया गया। इमरान के समर्थक आज भी हर प्रदर्शन में चीख-चीखकर कहते हैं कि इमरान को मुनीर और बाजवा ने मिलकर सत्ता से हटाया था। इसके बाद इमरान पर एक के बाद एक केस दर्ज होते गए।
हिंसा.. और जेल
इमरान खान को अल-कादिर ट्रस्ट केस में 9 मई 2023 को इस्लामाबाद हाईकोर्ट परिसर से रेंजर्स ने गिरफ्तार कर लिया। पीटीआई कार्यकर्ताओं ने पूरे पाकिस्तान में बवाल काटा। लाहौर में कॉर्प्स कमांडर हाउस (जिन्ना हाउस) में आगजनी की गई। रावलपिंडी के सेना मुख्यालय के दरवाजे पर तोड़फोड़ की गई। कई सैन्य ठिकानों पर पत्थरबाजी की गई।
इमरान ने जेल से मैसेज भेजा- 'यह सब मुनीर ने करवाया है। वो मुझे खत्म करना चाहता है।' आर्मी ने इस हिंसा के पीछे इमरान का हाथ बताया और इन दिन काला दिन घोषित किया। जनवरी 2024 में इमरान को एक केस 10 साल की सजा हुई। इमरान ने कहा- 'यह आसिम मुनीर का बदला है, वो मुझे जेल में सड़ाना चाहते हैं।'
2024 में पाकिस्तान में चुनाव हुए। पीटीआई समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बने। फिर रातों-रात नतीजे बदल गए। शहबाज शरीफ प्रधानमंत्री बने। इमरान और उनकी पार्टी ने खुलेआम मुनीर पर चुनाव परिणाम में धांधली के आरोप लगाए। पीटीआई नेता मुनीर को 'मिर्जा जाफर' और 'गद्दार नंबर-1' कहने लगे तो बदले में मुनीर ने इमरान को देशद्रोही करार दे दिया।
इमरान खान 934 दिन (9 मई 2023 ) से जेल में बंद हैं। मौजूदा वक्त में रावलपिंडी की अदियाला जेल में बंद हैं। इमरान पर 190 से ज्यादा केस चल रहे हैं। कई मामलों में उनको सजा सुनाई जा चुकी है। आखिरी बार डेढ़ साल पहले 16 मई 2024 को इमरान को देखा गया था। अभी दो महीने पहले एक केस में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पेशी हुई, लेकिन न चेहरा साफ नजर आया और न आवाज समझ आई।
इमरान की बहनें जेल में अपने भाई से मिलने गईं तो उनके साथ बदसलूकी की गई। उनको इमरान से नहीं मिलने दिया गया। इसके बाद इमरान को जेल में मार डालने की अफवाहें तेज हो गई हैं। इसके बाद इमरान के बेटे कासिम खान ने पिता के जिंदा होने का सबूत और उनकी रिहाई की मांग की है। इसके बाद जेल प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि इमरान खान की मौत की खबरें झूठी हैं।
क्या इमरान कभी जेल से छूट पाएंगे?
पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, आसिम मुनीर और शाहबाज शरीफ कभी नहीं चाहेंगे कि इमरान जेल से बाहर आएं। अगर इमरान जेल से बाहर आए तो वे पाकिस्तान में दोबारा चुनाव की मांग उठाएंगे। जेल में बंद होने के बावजूद इमरान की राजनीतिक ताकत इसी बात से आंकी जा सकती है कि 2024 के चुनाव में कुल 342 में से 265 सीटों पर आम चुनाव हुए थे।
चुनाव से पहले ही पीटीआई को बैन कर दिया गया था और उससे चुनाव निशान भी छीन लिया गया था। बावजूद पीटीआई के समर्थन वाले 97 निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव जीते। जबकि पूर्व पीएम नवाज शरीफ की पार्टी मुस्लिम लीग-एन दूसरे नंबर पर रही।

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