25 करोड़ लोगों का पेट नहीं पाल पा रहा पाकिस्तान, एसबीपी के गवर्नर ने मौजूदा आर्थिक विकास मॉडल को बताया अव्यावहारिक
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था गहरे संकट में है। स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के गवर्नर जमील अहमद ने देश के मौजूदा आर्थिक मॉडल को 25 करोड़ की आबादी का पेट भरने में अक्षम बताया है। उन्होंने तत्काल आर्थिक सुधारों की आवश्यकता पर बल दिया ताकि खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके और अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाया जा सके।

स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के गवर्नर जमील अहमद। (सोशल मीडिया)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) के गवर्नर जमील अहमद ने कहा है कि देश का मौजूदा आर्थिक विकास मॉडल अब 25 करोड़ की आबादी वाले देश के लिए व्यवहार्य नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा कि स्थिरीकरण की नीतियां अनिश्चितकाल तक जारी नहीं रह सकतीं और उन्हें दीर्घकालिक, स्थायी सुधारों के लिए योजनाएं तैयार करनी होंगी।
बुधवार को पाकिस्तान बिजनेस काउंसिल के ''अर्थव्यवस्था पर संवाद'' विषय पर आयोजित एक कार्यक्रम में अहमद ने कहा कि पाकिस्तान की विकास दर दशकों से लगातार कमजोर होती जा रही है जो 30 वर्षों में औसतन 3.9 प्रतिशत से गिरकर पिछले दो दशकों में 3.5 प्रतिशत और पिछले पांच वर्षों में 3.4 प्रतिशत रह गई है।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के अनुसार, जमील अहमद ने कहा, ''हमारे व्यापार चक्र छोटे होते जा रहे हैं और इसलिए हमारा वर्तमान विकास मॉडल 25 करोड़ से ज्यादा लोगों वाले देश का भरण-पोषण नहीं कर सकता।''
उन्होंने आगे कहा कि देश के आर्थिक चक्र छोटे और कमजोर होते जा रहे हैं, जिससे मौजूदा माडल बढ़ती आबादी के लिए ''न तो वांछनीय है और न ही टिकाऊ''।
अहमद की यह टिप्पणी पाकिस्तान के योजना मंत्री अहसान इकबाल द्वारा पाकिस्तान में 21 सालों में सबसे ज्यादा बेरोजगारी दर के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) को जिम्मेदार ठहराए जाने के एक दिन बाद आई है। पाकिस्तान में बेरोजगारी दर बढ़कर 7.1 प्रतिशत हो गई है, जबकि विश्व बैंक का अनुमान है कि 44.7 प्रतिशत पाकिस्तानी अब गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे हैं।
(समाचार एजेंसी एएनआइ के इनपुट के साथ)

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