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    पाकिस्तान-तालिबान में शांति वार्ता टूटी, फिर बढ़ा युद्ध का खतरा; सीमा पर तनाव गहराया

    Updated: Sat, 08 Nov 2025 05:54 AM (IST)

    पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने बताया कि सीमा पर दोनों देशों के बीच झड़प रोकने के लिए चल रही शांति वार्ता टूट गई है। हालांकि अफगानिस्तान की तरफ से जब तक हमला नहीं किया जाता, तब तक युद्धविराम कायम रहेगा। इससे पहले उन्होंने कहा था कि शांति वार्ता के लिए तालिबान को अपनी धरती से चल रहे आतंकवाद को रोकना होगा।

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    पाकिस्तान-तालिबान में शांति वार्ता टूटी, फिर बढ़ा युद्ध का खतरा (फोटो- रॉयटर)

    रॉयटर, कराची। पाकिस्तान और तालिबान नेताओं के बीच तुर्किए के शहर इस्तांबुल में चल रही शांति वार्ता टूट गई है। इससे दोनों देशों के बीच तनाव गहराने की आशंका बढ़ गई है। गौरतलब है कि इस्तांबुल में कतर और तुर्किए की मध्यस्थता में ये वार्ता चल रही थी।

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    पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने कही ये बात

    पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने बताया कि सीमा पर दोनों देशों के बीच झड़प रोकने के लिए चल रही शांति वार्ता टूट गई है। हालांकि अफगानिस्तान की तरफ से जब तक हमला नहीं किया जाता, तब तक युद्धविराम कायम रहेगा।

    इससे पहले उन्होंने कहा था कि शांति वार्ता के लिए तालिबान को अपनी धरती से चल रहे आतंकवाद को रोकना होगा। गौरतलब है कि पाकिस्तान ने शुक्रवार को तुर्किए और कतर के मध्यस्थों के सामने अफगानिस्तान की सीमा से चल रहे आतंकवाद के सुबूत रखे और तालिबान शासन से आतंकवादी संगठनों पर लगाम की मांग की।

    पाकिस्तान ने चेताया

    पाकिस्तान ने चेताया कि सीमापार आतंकवाद पर रोक न लगी तो सशस्त्र संघर्ष बढ़ सकता है। पाकिस्तान लंबे समय से आरोप लगाता रहा है कि टीटीपी और बीएलए अफगानिस्तान की धरती से पाकिस्तान में अस्थिरता पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।

    इस्तांबुल में वार्ता गतिरोध पर पहुंच गई है

    एक वरिष्ठ सुरक्षा सूत्र ने पाकिस्तानी दैनिक को बताया कि इस्तांबुल में वार्ता गतिरोध पर पहुंच गई है। उन्होंने संकेत दिया कि चर्चाएं गतिरोध पर पहुंच गई हैं। आसिफ ने कहा कि सरकार इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच वार्ता समाप्त हो गई है, जिससे सीमा पार तनाव कम करने के उद्देश्य से नवीनतम दौर की कूटनीतिक बातचीत के अंत का संकेत मिलता है।

    वार्ता का यह पतन पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर कई सप्ताह से चल रही लड़ाई के बाद हुआ है, जिसके परिणामस्वरूप दोनों पक्षों के नागरिक और सैन्य हताहत हुए हैं, जो वर्षों में सबसे घातक वृद्धि है।

    9 अक्टूबर को काबुल में हुए एक विस्फोट हुआ

    हिंसा 9 अक्टूबर को काबुल में हुए एक विस्फोट और उसी दिन पक्तिका में हुए एक अन्य विस्फोट के बाद शुरू हुई, जिसके लिए अफगान सरकार ने पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया। पाकिस्तानी अधिकारियों ने न तो विस्फोटों में अपनी संलिप्तता की पुष्टि की है और न ही इनकार किया है, और न ही किसी भी पक्ष ने शुरुआती घटनाओं में हताहतों की संख्या का विवरण जारी किया है।