'मनगढ़ंत बहानों के जरिए बढ़ा रहे तनाव', तालिबान का पाकिस्तानी सेना पर अस्थिरता को बढ़ावा देने का आरोप
अफगानिस्तान ने पाकिस्तानी सेना पर अफगानिस्तान विरोधी नीतियों और झूठे बहानों से तनाव बढ़ाने का आरोप लगाया है। प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा कि कुछ सैन्य अधिकारी अफगानिस्तान में स्थिरता को अपने खिलाफ मानते हैं और टीटीपी का उदय 2002 से ही शुरू हो गया था, जिसका कारण पाकिस्तानी सेना की गलत नीतियां थीं। उन्होंने सैन्य अभियानों में हजारों नागरिकों और सैनिकों के मारे जाने का भी उल्लेख किया।
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पाकिस्तानी सेना। (रॉयटर्स)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अफगानिस्तान ने पाकिस्तानी सेना के कुछ तत्वों पर अफगानिस्तान-विरोधी नीतियां अपनाने और मनगढ़ंत बहानों के जरिए तनाव पैदा करने का आरोप लगाया है। यह बात अफगानिस्तान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने X पर एक पोस्ट में साझा की।
एक्स पर जारी एक बयान में मुजाहिद ने कहा, "दुर्भाग्य से, पाकिस्तान में कुछ सैन्य तत्व अफगानिस्तान में एक मजबूत केंद्रीय सरकार, स्थिरता, सुरक्षा और विकास को अपने हितों के विपरीत मानते हैं।"
मनगढ़ंत बहानों के जरिए तनाव पैदा करने पर आमादा- अफगानिस्तान
उन्होंने कहा कि सालों से, ऐसे तत्वों ने "अफगानिस्तान की अस्थिरता, संघर्षों और विस्थापन का फायदा उठाया है और अब मनगढ़ंत बहानों के जरिए तनाव पैदा करने पर आमादा हैं।" मुजाहिद ने स्पष्ट किया कि इस्लामिक अमीरात जानता था कि इन नीतियों को पाकिस्तान की धर्मनिष्ठ जनता, उसके राजनीतिक दलों या उसके सम्मानित धार्मिक विद्वानों का समर्थन नहीं है।"
Remarks by the Spokesperson of the Islamic Emirate Concerning Recent Developments and the TTP
— Hamdullah Fitratحمدالله فطرت (@FitratHamd) November 8, 2025
17/5/1447 AH
In the name of Allah, the Most Gracious, the Most Merciful.
All praise is due to Allah, Who is sufficient for us, and may peace and blessings be upon His chosen servants.
To…
तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के उदय का संबंध तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर कब्जा करने से होने के दावों पर टिप्पणी करते हुए, मुजाहिद ने कहा, "कुछ समूहों ने इस्लामिक अमीरात पर झूठा आरोप लगाया है, जिससे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने यह धारणा बन गई है कि पाकिस्तान में अस्थिरता और टीटीपी का उदय अफगानिस्तान में इस्लामिक अमीरात के आगमन के साथ शुरू हुआ।"
'असुरक्षा और टीटीपी का उदय दोनों ही 2002 से ही शुरू हुए'
उन्होंने कहा, "वास्तव में, असुरक्षा और टीटीपी का उदय दोनों ही 2002 से ही शुरू हुए हैं, जो मुख्य रूप से पाकिस्तानी सेना के भीतर कुछ तत्वों की गुमराह नीतियों का परिणाम है, जो उस समय अमेरिका के साथ गठबंधन कर रहे थे और वजीरिस्तान में ड्रोन हमलों की अनुमति दे रहे थे, जबकि साथ ही स्थानीय आबादी के खिलाफ हो रहे थे।"
मुजाहिद ने 2002 से टीटीपी के खिलाफ पाकिस्तान द्वारा किए गए सैन्य अभियानों की एक श्रृंखला को रेखांकित किया, जिसमें ऑपरेशन अल-मिजान, ऑपरेशन राह-ए-रस्त, ऑपरेशन शेर दिल, ऑपरेशन निजात, ऑपरेशन कोह-ए-सफीद और ऑपरेशन जर्ब-ए-अज्ब, इन सभी के कारण लाखों नागरिक विस्थापित हुए। उन्होंने कहा कि "आतंकवाद के खिलाफ तथाकथित लड़ाई में 80,000-90,000 सैन्यकर्मी और नागरिक मारे गए।"
(समाचार एजेंसी ANI के इनपुट के साथ)

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