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    एयरस्ट्राइक में बच निकला तहरीक-ए-तालिबान का सरगना महसूद, टेंशन में पाकिस्तान

    Updated: Fri, 17 Oct 2025 07:46 AM (IST)

    तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) का सरगना नूर वली महसूद गुरुवार को एक वीडियो के जरिये सामने आया और साबित किया कि वह अभी भी जिंदा है। पाकिस्तान ने एक हफ्ते पहले अफगानिस्तान में एयर स्ट्राइक के जरिये उसकी हत्या करने की कोशिश की थी। महसूद के जिंदा होने का सुबूत सामने आने से पाकिस्तान की बेचैनी बढ़ सकती है।

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    पाकिस्तानी एयर स्ट्राइक में बच निकला तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान का सरगना महसूद (फोटो- एक्स)

    रॉयटर, इस्लामाबाद। तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) का सरगना नूर वली महसूद गुरुवार को एक वीडियो के जरिये सामने आया और साबित किया कि वह अभी भी जिंदा है। पाकिस्तान ने एक हफ्ते पहले अफगानिस्तान में एयर स्ट्राइक के जरिये उसकी हत्या करने की कोशिश की थी।

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     पाकिस्तानी सुरक्षा अधिकारियों के मुताबिक, नौ अक्टूबर को एयर स्ट्राइक में एक सशस्त्र टोयोटा लैंड क्रूजर को निशाना बनाया गया था। माना जा रहा था कि उसमें नूर वली महसूद सवार था। अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच संघर्ष के बाद बुधवार शाम को ही संघर्ष विराम हुआ है।

     पाकिस्तान की बेचैनी बढ़ी

    महसूद के जिंदा होने का सुबूत सामने आने से पाकिस्तान की बेचैनी बढ़ सकती है। पाकिस्तान, अफगानिस्तान पर इस आतंकी सरगना और उसके वरिष्ठ साथियों को पनाह देने का आरोप लगाता है। उसका आरोप रहा है कि वे पाकिस्तान में लगभग रोज हमले करते हैं।

     

    महसूद ने वीडियो में कहा कि वह अपनी मौत की खबरों को गलत साबित करने के लिए ऐसा कर रहा था। हालांकि पाकिस्तानी सुरक्षा अधिकारियों और आतंकियों को पहले से अंदाजा था कि वह शायद बच गया है।

     वीडियो में महसूद ने कहा कि वह पाकिस्तान में था

    वीडियो में महसूद ने कहा कि वह पाकिस्तान में था। फुटेज एक पहाड़ी की चोटी पर शूट किया गया था। उसने कहा, जिहाद देशों को आजादी और इज्जत दिलाता है; नहीं तो वे गुलाम बने रहते हैं।

     अफगानिस्तान में सत्तारूढ़ अफगान तालिबान आतंकियों को पनाह देने से इनकार करता है और जवाब में पाकिस्तान पर इस्लामिक स्टेट की स्थानीय शाखा को पनाह देने का आरोप लगाता है।

     तीन सरगना अमेरिकी ड्रोन हमलों में मारे गए थे

    महसूद ने 2018 में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान का नेतृत्व संभाला था, जब उसके पहले के तीन सरगना अमेरिकी ड्रोन हमलों में मारे गए थे। तब तक पाकिस्तानी सेना ने इस समूह को उसके पुराने गढ़ों से काफी हद तक बाहर निकालकर अफगानिस्तान में धकेल दिया था।

    विश्लेषकों का कहना है कि उसने समूह को फिर से खड़ा किया, इसकी रणनीति बदली और कूटनीतिक कौशल से एकजुट किया है। पाकिस्तान का कहना है कि 2021 में अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबान के कब्जे से टीटीपी को ज्यादा आजादी से आने-जाने व हथियारों तक ज्यादा पहुंच मिली और पाकिस्तान के अंदर हमले बढ़ गए।

     महसूद ने पाकिस्तानी सेना को इस्लाम विरोधी बताया था

     इस वर्ष की शुरुआत में जारी एक वीडियो भाषण में महसूद ने पाकिस्तानी सेना को इस्लाम विरोधी बताया था, राजनीति में उसकी भूमिका की आलोचना की और कहा कि जनरलों ने पिछले 78 वर्षों से पाकिस्तान के लोगों को हाईजैक कर रखा है। पाकिस्तानी सेना का कहना है कि टीटीपी ने इस्लाम को बिगाड़ा है और उसे देश के दुश्मन भारत का समर्थन हासिल है। भारत इस आरोप से इन्कार करता है।

    महसूद धार्मिक वजहों को राष्ट्रवाद के साथ मिलाता है

     महसूद धार्मिक वजहों को राष्ट्रवाद के साथ मिलाता है। वह कम से कम तीन किताबों का लेखक है, जिसमें 700 पेज की एक किताब भी शामिल है जो समूह की बगावत की शुरुआत को ब्रिटिश राज के विरुद्ध संघर्ष से जोड़ती है।

     क्षेत्रीय आतंकवाद के एक स्वतंत्र विशेषज्ञ अब्दुल सईद ने कहा कि महसूद पश्तून जनजातीय समूह के प्रतिनिधित्व का दावा करता है जो उत्तर-पश्चिम पाकिस्तान और अफगानिस्तान में रहता है। वह दावा करता है कि वह पश्तून कबीलों के लोगों के अधिकारों के लिए लड़ रहा है।